ETV Bharat / business

वित्त मंत्री ने लोकसभा में पेश किया इकोनॉमी सर्वे, सर्वेक्षण में देश की आर्थिक सेहत अच्छी - Economic Survey Updates

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को संसद में आर्थिक सर्वेक्षण 2024 पेश किया. इस आर्थिक सर्वेक्षण में बताया गया है कि वित्त वर्ष 2025 में वास्तविक जीडीपी वृद्धि 6.5-7 फीसदी रहने का अनुमान है. पढ़ें पूरी खबर...

Economic Survey
आर्थिक सर्वे (प्रतीकात्मक फोटो) (IANS Photo)
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 22, 2024, 12:45 PM IST

Updated : Jul 22, 2024, 1:27 PM IST

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सोमवार को आर्थिक सर्वेक्षण 2023-2024 पेश कर दिया है. वित्त वर्ष 2024-25 के लिए केंद्रीय बजट इस मंगलवार को सीतारमण द्वारा संसद में पेश किया जाएगा, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट होगा.

आर्थिक सर्वेक्षण की मुख्य बातें

  • आर्थिक सर्वेक्षण में वित्त वर्ष 2025 में वास्तविक जीडीपी वृद्धि 6.5-7 फीसदी रहने का अनुमान है.
  • सर्वेक्षण के अनुसार वित्त वर्ष 24 में अधिकांश राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मुद्रास्फीति दर में कमी देखी गई. 36 में से 29 में दरें 6 फीसदी से नीचे दर्ज की गईं.
  • आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि वित्त वर्ष 24 में वैश्विक ऊर्जा मूल्य सूचकांक में भारी गिरावट आई है. दूसरी ओर, केंद्र सरकार ने एलपीजी, पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती की घोषणा की. नतीजतन, वित्त वर्ष 24 में खुदरा ईंधन मुद्रास्फीति कम रही.
  • सर्वेक्षण में बताया गया कि वित्त वर्ष 2024 में प्रतिकूल मौसम की स्थिति के कारण फूड आइटम्स में बाधा आई. पिछले फसल सत्र के दौरान बारिश के कारण रबी प्याज को प्रभावित होने, खरीफ प्याज की बुवाई में देरी, खरीफ उत्पादन पर लंबे समय तक सूखे के प्रभाव और अन्य देशों द्वारा व्यापार संबंधी उपायों के कारण प्याज की कीमतों में तेजी आई है.
  • आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि बढ़ती कार्यबल की जरूरतों को पूरा करने के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था को गैर-कृषि क्षेत्र में 2030 तक प्रतिवर्ष औसतन लगभग 78.5 लाख नौकरियां पैदा करने की जरूरत है.
  • सर्वेक्षण में कहा गया है कि उर्वरक की कीमतें कमजोर होने की संभावना है. लेकिन मजबूत मांग और निर्यात प्रतिबंधों के कारण कीमतें 2015-2019 के स्तर से ऊपर रहेंगी.
  • रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में 54 फीसदी बीमारियां अनहेल्दी आहार के कारण होती हैं. साथ ही कहा गया है कि "संतुलित, विविध आहार की ओर बढ़ने की आवश्यकता है.
  • आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि एआई सभी कौशल स्तरों पर श्रमिकों पर प्रभाव के संबंध में अनिश्चितता की एक बड़ी परत डालती है.
  • आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि चीन से एफडीआई फ्लो में बढ़ोतरी से भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भागीदारी बढ़ाने तथा निर्यात को बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है.
  • सर्वे के मुताबिक सेवा महंगाई और मजबूत श्रम बाजार के कारण, विशेषकर अधिकांश एशियाई अर्थव्यवस्थाओं में, कोर मुद्रास्फीति स्थिर बनी रही.
  • भारत में असमानता की स्थिति पर रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में टॉप 1 फीसदी के पास कुल अर्जित आय का 6-7 फीसदी हिस्सा है. जबकि टॉप 10 फीसदी के पास कुल अर्जित आय का एक तिहाई हिस्सा है.
  • आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि राजकोषीय मोर्चे पर, वैश्विक सामान्य सरकारी राजकोषीय घाटा (जीडीपी के प्रतिशत के रूप में) पिछले वर्ष की तुलना में 2023 में 1.6 फीसदी अंक बढ़ गया.
  • आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि सेवा क्षेत्र अभी भी प्रमुख रोजगार पैदावार बना हुआ है. लेकिन निर्माण क्षेत्र हाल ही में प्रमुखता से उभर रहा है. खराब लोन की विरासत के कारण पिछले एक दशक में विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार सृजन धीमा रहा है.

ये भी पढ़ें-

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सोमवार को आर्थिक सर्वेक्षण 2023-2024 पेश कर दिया है. वित्त वर्ष 2024-25 के लिए केंद्रीय बजट इस मंगलवार को सीतारमण द्वारा संसद में पेश किया जाएगा, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट होगा.

आर्थिक सर्वेक्षण की मुख्य बातें

  • आर्थिक सर्वेक्षण में वित्त वर्ष 2025 में वास्तविक जीडीपी वृद्धि 6.5-7 फीसदी रहने का अनुमान है.
  • सर्वेक्षण के अनुसार वित्त वर्ष 24 में अधिकांश राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मुद्रास्फीति दर में कमी देखी गई. 36 में से 29 में दरें 6 फीसदी से नीचे दर्ज की गईं.
  • आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि वित्त वर्ष 24 में वैश्विक ऊर्जा मूल्य सूचकांक में भारी गिरावट आई है. दूसरी ओर, केंद्र सरकार ने एलपीजी, पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती की घोषणा की. नतीजतन, वित्त वर्ष 24 में खुदरा ईंधन मुद्रास्फीति कम रही.
  • सर्वेक्षण में बताया गया कि वित्त वर्ष 2024 में प्रतिकूल मौसम की स्थिति के कारण फूड आइटम्स में बाधा आई. पिछले फसल सत्र के दौरान बारिश के कारण रबी प्याज को प्रभावित होने, खरीफ प्याज की बुवाई में देरी, खरीफ उत्पादन पर लंबे समय तक सूखे के प्रभाव और अन्य देशों द्वारा व्यापार संबंधी उपायों के कारण प्याज की कीमतों में तेजी आई है.
  • आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि बढ़ती कार्यबल की जरूरतों को पूरा करने के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था को गैर-कृषि क्षेत्र में 2030 तक प्रतिवर्ष औसतन लगभग 78.5 लाख नौकरियां पैदा करने की जरूरत है.
  • सर्वेक्षण में कहा गया है कि उर्वरक की कीमतें कमजोर होने की संभावना है. लेकिन मजबूत मांग और निर्यात प्रतिबंधों के कारण कीमतें 2015-2019 के स्तर से ऊपर रहेंगी.
  • रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में 54 फीसदी बीमारियां अनहेल्दी आहार के कारण होती हैं. साथ ही कहा गया है कि "संतुलित, विविध आहार की ओर बढ़ने की आवश्यकता है.
  • आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि एआई सभी कौशल स्तरों पर श्रमिकों पर प्रभाव के संबंध में अनिश्चितता की एक बड़ी परत डालती है.
  • आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि चीन से एफडीआई फ्लो में बढ़ोतरी से भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भागीदारी बढ़ाने तथा निर्यात को बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है.
  • सर्वे के मुताबिक सेवा महंगाई और मजबूत श्रम बाजार के कारण, विशेषकर अधिकांश एशियाई अर्थव्यवस्थाओं में, कोर मुद्रास्फीति स्थिर बनी रही.
  • भारत में असमानता की स्थिति पर रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में टॉप 1 फीसदी के पास कुल अर्जित आय का 6-7 फीसदी हिस्सा है. जबकि टॉप 10 फीसदी के पास कुल अर्जित आय का एक तिहाई हिस्सा है.
  • आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि राजकोषीय मोर्चे पर, वैश्विक सामान्य सरकारी राजकोषीय घाटा (जीडीपी के प्रतिशत के रूप में) पिछले वर्ष की तुलना में 2023 में 1.6 फीसदी अंक बढ़ गया.
  • आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि सेवा क्षेत्र अभी भी प्रमुख रोजगार पैदावार बना हुआ है. लेकिन निर्माण क्षेत्र हाल ही में प्रमुखता से उभर रहा है. खराब लोन की विरासत के कारण पिछले एक दशक में विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार सृजन धीमा रहा है.

ये भी पढ़ें-

Last Updated : Jul 22, 2024, 1:27 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.