ETV Bharat / business

बैंक में पड़े हैं 78213 करोड़ रुपये लावारिस, कहीं आप तो नहीं हैं इसके वारिस - Unclaimed deposits in Bank

author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 4, 2024, 1:19 PM IST

भारत के बैंकों में अनक्लेम्ड अमाउंट बढ़ता जा रहा है. आरबीआई की सलाना रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि अनक्लेम्ड अमाउंट में 26 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. बैंकों में 78,213 करोड़ रुपये लावारिस है, जिसका कोई वारिस नहीं है. पढ़ें पूरी खबर...

Unclaimed deposits
(प्रतीकात्मक फोटो) (ETV Bharat)

नई दिल्ली: भारत में बैंकों में पड़े हजारों करोड़ रुपये को कोई पूछने वाला नहीं है. आरबीआई की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, बैंकों में दावा न किए गए जमा में पिछले साल की तुलना में 26 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है, जो मार्च 2024 के अंत तक 78,213 करोड़ रुपये हो गई है. मार्च 2023 के अंत तक डिपॉजिटर एजुकेशन और जागरूकता फंड में जमा राशि 62,225 करोड़ रुपये थी.

सहकारी बैंकों सहित बैंक खाताधारकों की 10 या उससे अधिक वर्षों से उनके खातों में पड़ी दावा न किए गए जमा को आरबीआई के जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता (डीईए) कोष में ट्रांसफर करते हैं.

रिजर्व बैंक की गाइडलाइन के अनुसार देश के सहकारी बैंकों सहित सभी बैंकों में अगर किसी खाताधारक की 10 या अधिक सालों से खाते में पड़ी राशि पर कोई दावा नहीं किया गया अथवा खाते से किसी तरह का लेनदेन नहीं हुआ तो इस राशि को बिना दावे वाली राशि मान लिया जाता है.

कहा चेक करें यह अकाउंट
आरबीआई के बिना दावे वाली पैसे के खाताधारकों की पहचान करने के लिए पिछले साल 100 डेज 100 पेज नाम से एक अभियान चलाया था. इसके लिए UDGAM पोर्टल लॉन्च किया गया था, जहां कोई भी जाकर इन अकाउंट की जानकारी ले सकता है. अगर कोई उस दावा करता है तो संबंधित डॉक्युमेंट के जरिए वब बैंक से इन पैसों को निकाल सकता है.

ये भी पढ़ें-

नई दिल्ली: भारत में बैंकों में पड़े हजारों करोड़ रुपये को कोई पूछने वाला नहीं है. आरबीआई की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, बैंकों में दावा न किए गए जमा में पिछले साल की तुलना में 26 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है, जो मार्च 2024 के अंत तक 78,213 करोड़ रुपये हो गई है. मार्च 2023 के अंत तक डिपॉजिटर एजुकेशन और जागरूकता फंड में जमा राशि 62,225 करोड़ रुपये थी.

सहकारी बैंकों सहित बैंक खाताधारकों की 10 या उससे अधिक वर्षों से उनके खातों में पड़ी दावा न किए गए जमा को आरबीआई के जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता (डीईए) कोष में ट्रांसफर करते हैं.

रिजर्व बैंक की गाइडलाइन के अनुसार देश के सहकारी बैंकों सहित सभी बैंकों में अगर किसी खाताधारक की 10 या अधिक सालों से खाते में पड़ी राशि पर कोई दावा नहीं किया गया अथवा खाते से किसी तरह का लेनदेन नहीं हुआ तो इस राशि को बिना दावे वाली राशि मान लिया जाता है.

कहा चेक करें यह अकाउंट
आरबीआई के बिना दावे वाली पैसे के खाताधारकों की पहचान करने के लिए पिछले साल 100 डेज 100 पेज नाम से एक अभियान चलाया था. इसके लिए UDGAM पोर्टल लॉन्च किया गया था, जहां कोई भी जाकर इन अकाउंट की जानकारी ले सकता है. अगर कोई उस दावा करता है तो संबंधित डॉक्युमेंट के जरिए वब बैंक से इन पैसों को निकाल सकता है.

ये भी पढ़ें-

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.