नई दिल्ली: दूरसंचार नियामक TRAI ने फर्जी कॉल और मैसेज भेजने वाले टेलीमार्केटर्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है. ट्राई ने दूरसंचार कंपनियों को फर्जी कॉल से उपभोक्ताओं को बचाने और मैसेजिंग सेवाओं के दुरुपयोग को रोकने के लिए विशेष उपाय करने का निर्देश दिया. ट्राई ने साफ किया है कि 1 सितंबर से सर्विस प्रोवाइडर नॉन वाइटलिस्ट यूआरएल, ओटीटी लिंक या कॉलबैक नंबर वाले संदेश भेजना बंद कर देंगे. 1 नवंबर से ट्राई ने आदेश दिया कि सेंडर से प्राप्तकर्ता को प्राप्त सभी मैसेज का डिटेल्स पता होना चाहिए.
ट्राई के निर्देशों के मुताबिक, अगर मैसेज में यह डिटेल्स नहीं है कि यह कहां से आया है, तो इसे खारिज कर दिया जाएगा. इससे एड कॉल और मैसेज भेजने वाले अनधिकृत टेलीमार्केटर्स पकड़े जाने की संभावना है.
मालूम हो कि ट्राई ने पिछले हफ्ते दूरसंचार कंपनियों को स्पैम कॉल करने वाले अनधिकृत टेलीमार्केटर्स को ब्लैकलिस्ट करने के अलावा दो साल के लिए उनके कनेक्शन हटाने का आदेश दिया था ट्राई की चेतावनी के बाद संबंधित टेलीकॉम कंपनियां इसी के अनुसार व्यवस्था कर रही हैं. स्पैम कॉल्स को रोकने के लिए इसे एक कदम आगे कहा जा सकता है.
सिम स्वैप
ट्राई ने सिम स्वैप और रिप्लेसमेंट फ्रॉड को रोकने के लिए पहले ही कई नए नियम लागू किए हैं. तकनीक के विकास के साथ ही कुछ स्कैमर्स लोगों की जानकारी चुराकर उनके सिम कार्ड को पोर्ट करने जैसे फ्रॉड कर रहे हैं. खास तौर पर पिछले कुछ समय में इस तरह के फ्रॉड बढ़ रहे हैं. ट्राई ने उपभोक्ताओं की सुरक्षा और उनकी जानकारी को सुरक्षित रखने के लिए कई नए नियम लाए हैं.
कम से कम 7 दिन इंतजार करें
जैसा कि अब तक होता आया है, अगर हमारा फोन गलती से खो जाता है या कोई चुरा लेता है, तो एफआईआर की कॉपी देना ही काफी होता है. हमें नया सिम कार्ड मिल जाता है. लेकिन अब ऐसा नहीं है. 1 जुलाई से अगर ऐसा कुछ होता है, तो आपको नए सिम के लिए कम से कम 7 दिन इंतजार करना होगा.