नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने लगातार सातवीं बार रेपो दरों को 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा हैं. रेपो रेट वह ब्याज दर है जिस पर आरबीआई अन्य बैंकों को लोन देता है. यह निर्णय शुक्रवार (3-6 अप्रैल) को शुरू हुई तीन दिवसीय आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति के दौरान किया गया. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को इसकी घोषणा की. उन्होंने कहा कि 5-1 के बहुमत से यह फैसला लिया गया.
आरबीआई एमपीसी बैठक की प्रमुख बातें
- RBI ने 5:1 के बहुमत से रेपो रेट को लगातार सातवीं बार बरकरार रखा है.
- FY25 के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति 4.5 फीसदी पर रखा- Q1FY25: सीपीआई का अनुमान पहले के 4.5 फीसदी से घटाकर 4.9 फीसदी कर दिया गया, Q2FY25: सीपीआई अनुमान पहले के 4 फीसदी से घटकर 3.8 फीसदी हो गया, Q3FY25: सीपीआई अनुमान 4.6 फीसदी पर अपरिवर्तित, Q4FY25: सीपीआई का अनुमान पहले के 4.7 फीसदी से घटाकर 4.5 फीसदी कर दिया गया.
- FY25 वास्तविक जीडीपी वृद्धि अनुमान 7 फीसदी
- आरबीआई जल्द ही आईएफएससी में सॉवरेन ग्रीन बांड की ट्रेडिंग को अधिसूचित करेगा.
- जी-सेक बाजार में भाग लेने के लिए आरबीआई की रिटेल डायरेक्ट योजना तक पहुंच के लिए मोबाइल ऐप की योजना बनाई गई है.
- यूपीआई का उपयोग करके सीडीएम में नकद जमा की सुविधा का प्रस्ताव, बैंकों में नकदी प्रबंधन को आसान बनाने के लिए कदम.
- UPI के लिए PPI प्रीपेड भुगतान साधन बनाने के लिए थर्ड पार्टी ऐप्स के यूज की अनुमति देने की बात कही.
- गैर-बैंक पेमेंट सिस्टम ऑपरेटरों के माध्यम से सीबीडीसी के वितरण की अनुमति दी जाएगी.
- वर्तमान में प्रमुख नीति रेट- रेपो रेट: 6.5 फीसदी, स्थायी जमा सुविधा रेट- 6.25 फीसदी, बैंक रेट: 6.75 फीसदी, रिवर्स रेपो दर- 3.35 फीसदी
- आरबीआई ने 'आवास वापसी' का रुख बरकरार रखा