मुंबई: क्या भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली एनडीए ऐतिहासिक मोदी 3.0 के लिए सत्ता में वापसी करेगी या भारत का विपक्षी दल भाजपा के रथ को रोक देगा? इसका जवाब आज वोटों की गिनती के साथ मिलेगा, जो दो महीने से अधिक समय तक चले बड़े मतदान अभ्यास का समापन करेगी. चूंकि अधिकांश एग्जिट पोल ने 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए की निर्णायक जीत का अनुमान लगाया है. इसलिए भारतीय शेयर बाजार के बेंचमार्क, सेंसेक्स और निफ्टी सोमवार, 3 जून को लगभग 4 फीसदी बढ़कर नए रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए. यह तेजी प्रत्याशित राजनीतिक स्थिरता और नीतिगत निरंतरता से प्रेरित थी.
सोमवार को घरेलू बाजारों ने लोकसभा चुनाव के लिए एग्जिट पोल के नतीजों का स्वागत किया, जिसमें एनडीए की लगातार तीसरी बार जीत की भविष्यवाणी की गई थी. सोमवार को सेंसेक्स-निफ्टी ने नए रिकॉर्ड बनाए. अब देखने होगा कि आज शेयर बाजार एक नया रिकॉर्ड बना पाता है या बाजार में स्थिरता बनी रहेगी.
चुनाव परिणाम की घोषणा की पूर्व संध्या पर बाजार के प्रदर्शन को देखते हुए, निवेशक संभवतः 4 जून को अपना जश्न जारी रखेंगे, जैसा कि ऐतिहासिक रुझान बताते हैं.
चुनाव परिणामों का शेयर बाजार पर प्रभाव
अगर पिछले चुनाव परिणामों के दिन की बात करें तो परिणाम आम तौर पर दीर्घकालिक निवेशकों पर न्यूनतम प्रभाव डालते हैं. आइए पिछले चार चुनावों में परिणाम के दिन बाजार के रुझानों पर एक नजर डालते हैं.
- 13 मई, 2004- बाजार सूचकांक, सेंसेक्स 0.77 फीसदी और निफ्टी 0.37 फीसदी ऊपर थे, जो 5,399.47 और 0.37 फीसदी पर बंद हुए.
- 16 मई, 2009- सेंसेक्स 2.53 फीसदी ऊपर रहा और निफ्टी 17.74 फीसदी उछलकर कर बंद हुआ था.
- 16 मई, 2014- सेंसेक्स और निफ्टी में मामूली बढ़त रही, जो 0.90 फीसदी और 1.12 फीसदी बढ़कर बंद हुआ था.
- 23 मई, 2019- सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही स्थिर रहे, क्रमश- 0.76 फीसदी और 0.69 फीसदी से अधिक की गिरावट के साथ 38,811.39 और 11,657.05 पर बंद हुआ.