मुंबई: कमजोर वैश्विक संकेतों के बीच सोमवार को भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी 50 में एक-एक फीसदी की गिरावट आई. दोपहर करीब 1:30 बजे सेंसेक्स 1067 अंक या 1.24 फीसदी गिरकर 84,504.71 पर था, जबकि निफ्टी 277 अंक या 1.19 फीसदी गिरकर 25,867.30 पर था. सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट से निवेशकों को करीब 3 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो गया है.
बिकवाली केवल लार्ज कैप तक ही सीमित नहीं थी, बल्कि मिड और स्मॉल कैप सेगमेंट भी लाल निशान में है. बीएसई-सूचीबद्ध फर्मों का टोटल मार्केट कैप पिछले सेशन के लगभग 478 लाख करोड़ रुपये से घटकर 475 लाख करोड़ रुपये से नीचे आ गया.
शेयर बाजार में गिरावट क्यों आ रही है?
पिछले सत्र से ही भारतीय शेयर बाजार के बेंचमार्क में गिरावट आ रही है, क्योंकि निवेशक रिकॉर्ड-उच्च स्तर पर मुनाफावसूली कर रहे हैं. ये कुछ कारण विशेषज्ञों ने बताई है, जिसके वजह से बाजार में मुनाफावसूली हो रही है.
- मध्य पूर्व में बढ़ता तनाव- ईरान समर्थित बलों पर इजरायल के बढ़ते हमलों ने चिंता जताई है कि मध्य पूर्व में तनाव और बढ़ सकता है और इस क्षेत्र में एक बड़े युद्ध में बदल सकता है, जिसमें ईरान और इजरायल के प्रमुख सहयोगी अमेरिका शामिल हो सकते हैं. बाजार में यह गिरावट मुख्य रूप से बढ़ते भू-राजनीतिक तनावों, विशेष रूप से लेबनान में इजरायली हमलों के तेज होने के कारण है, जिसने वैश्विक बाजारों में महत्वपूर्ण अनिश्चितता पैदा कर दी है.
- दूसरी तिमाही की आय से पहले सावधानी- विशेषज्ञों का कहना है कि निवेशक रिकॉर्ड ऊंचाई पर मुनाफावसूली कर रहे हैं और नए दांव लगाने के लिए इंडिया इंक की सितंबर तिमाही (Q2FY25) की आय का इंतजार कर रहे हैं. प्रमुख कंपनियों में, HCL Tech 14 अक्टूबर को अपने Q2 परिणामों की रिपोर्ट करके आय सत्र की शुरुआत करेगी.
- चीन एक कारण- विशेषज्ञों का कहना है कि चीन के हालिया प्रोत्साहन उपायों से विदेशी निवेशक भारत से दूर हो सकते हैं क्योंकि चीन का मूल्यांकन सस्ता है. विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने शुक्रवार, 27 सितंबर को 1,209.10 करोड़ रुपये मूल्य के भारतीय शेयर बेचे. हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की मजबूत विकास संभावनाओं के कारण एफपीआई भारतीय बाजार से जुड़े रहेंगे.