नई दिल्ली: रिलायंस इंडस्ट्रीज ने जुलाई डिलीवरी के लिए शेल से 2 मिलियन बैरल कनाडाई क्रूड खरीदा है, जो कनाडा की नई ट्रांस माउंटेन पाइपलाइन से भारतीय रिफाइनर की पहली तेल खरीद है. रिलायंस नई पाइपलाइन से निर्यात किए जाने वाले कनाडाई कच्चे तेल को खरीदने में एशियाई रिफाइनरों के बढ़ते समूह में शामिल हो गया है, जो मई में तेल परिवहन शुरू करने वाला है.
रिलायंस दुनिया की सबसे बड़ा रिफाइनिंग
कनाडाई सरकार के स्वामित्व वाली पाइपलाइन विस्तार से अल्बर्टा से कनाडा के प्रशांत तट तक कच्चे तेल का फ्लो लगभग तीन गुना हो जाएगा और एशिया और अमेरिकी पश्चिमी तट तक पहुंच खुल जाएगी. शेल एक्सेस वेस्टर्न ब्लेंड (एडब्ल्यूबी) के लगभग चार 500,000 बैरल कार्गो को एक बहुत बड़े क्रूड कैरियर पर ले जाने और सिक्का बंदरगाह पर तेल भेजने के लिए जहाज-से-जहाज ट्रांसफर करेगा, जहां रिलायंस दुनिया की सबसे बड़ी रिफाइनिंग संचालित करता है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यह डील सितंबर आईसीई ब्रेंट की डिलीवरी के आधार पर 6 डॉलर प्रति बैरल की छूट पर किया गया था. AWB कैनेडियन नेचुरल रिसोर्सेज और MEG एनर्जी द्वारा प्रोड्यूजड एक प्रकार का भारी और अत्यधिक एसिड डाइल्यूट बिटुमेन है.
कनाडाई तेल के विक्रेता एशिया में निर्यात बढ़ाने के तरीके तलाश रहे हैं जहां मांग बढ़ रही है और एशियाई रिफाइनर आमतौर पर उच्च प्रीमियम का भुगतान करते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक चीनी कंपनियां सिनोकेम, यूनिपेक, एशिया की सबसे बड़ी रिफाइनर सिनोपेक की व्यापारिक शाखा और पेट्रोचाइना ने पहले ही जून में चीन को डिलीवरी के लिए पाइपलाइन से एडब्ल्यूबी और कोल्ड लेक क्रूड के कई कार्गो खरीद लिए हैं.