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RBI ने IIFL फाइनेंस पर गोल्ड लोन एक्सेप्ट या डिस्ट्रीब्यूट करने पर लगाया प्रतिबंध

IIFL Finance- आरबीआई ने आईआईएफएल फाइनेंस को गोल्ड लोन की मंजूरी या वितरण बंद करने का निर्देश दिया है. आरबीआई ने कहा कि यह निर्देश 31 मार्च तक कंपनी की वित्तीय स्थिति के निरीक्षण के बाद आया है, जिसमें उसके गोल्ड लोन पोर्टफोलियो में महत्वपूर्ण सुपरवाइजरी चिंताओं का खुलासा हुआ है. पढ़ें पूरी खबर...

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Mar 5, 2024, 11:41 AM IST

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक ने अपने गोल्ड लोन पोर्टफोलियो में पहचानी गई महत्वपूर्ण सुपरवाइजर कंसर्न के कारण आईआईएफएल फाइनेंस पर गोल्ड लोन अप्रूव करने या डिलीवरी करने पर तत्काल रोक लगा दिया है. आरबीआई के बयान के अनुसार, इस प्रतिबंध के बावजूद, आईआईएफएल फाइनेंस को स्टैंडर्ड कलेक्शन और रिकवरी प्रोसिड्योर का उपयोग करके अपने मौजूदा गोल्ड लोन पोर्टफोलियो का प्रबंधन करने की अनुमति है.

आरबीआई ने कहा है कि आईआईएफएल फाइनेंस लिमिटेड को निर्देश दिया है कि वह तत्काल प्रभाव से गोल्ड लोन को मंजूरी देने या वितरित करने या अपने किसी भी गोल्ड लोन को असाइन/सिक्योरिटाइज करने/बेचने से बंद करे.

अब जानते है RBI ने IIFL फाइनेंस के खिलाफ कड़ी कार्रवाई क्यों की?
आरबीआई ने कहा कि यह निर्देश 31 मार्च तक कंपनी की वित्तीय स्थिति के निरीक्षण के बाद आया है, जिसमें उसके गोल्ड लोन पोर्टफोलियो में महत्वपूर्ण सुपरवाइजरी चिंताओं का खुलासा हुआ है.

इनमें गोल्ड लोन पोर्टफोलियो में सामग्री सुपरवाइजर चिंताओं की पहचान की गई है, जिसमें लोन मंजूरी और डिफॉल्ट पर नीलामी के दौरान सोने की एकुरेसी और नेट वेट की जांच और प्रमाणित करने में गंभीर डेविएशन शामिल है.

केंद्रीय बैंक द्वारा लोन-से-मूल्य अनुपात में उल्लंघनों को नोट किया गया है.

आरबीआई ने कहा कि वैधानिक सीमा से अधिक नकदी वितरण और कलेक्शन देखा गया.

इसके साथ ही मानक नीलामी प्रक्रिया का पालन न करना भी शामिल है.

ग्राहक खातों के शुल्क में पारदर्शिता का अभाव भी है.

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आरबीआई ने कहा है कि आईआईएफएल फाइनेंस लिमिटेड को निर्देश दिया है कि वह तत्काल प्रभाव से गोल्ड लोन को मंजूरी देने या वितरित करने या अपने किसी भी गोल्ड लोन को असाइन/सिक्योरिटाइज करने/बेचने से बंद करे.

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आरबीआई ने कहा कि यह निर्देश 31 मार्च तक कंपनी की वित्तीय स्थिति के निरीक्षण के बाद आया है, जिसमें उसके गोल्ड लोन पोर्टफोलियो में महत्वपूर्ण सुपरवाइजरी चिंताओं का खुलासा हुआ है.

इनमें गोल्ड लोन पोर्टफोलियो में सामग्री सुपरवाइजर चिंताओं की पहचान की गई है, जिसमें लोन मंजूरी और डिफॉल्ट पर नीलामी के दौरान सोने की एकुरेसी और नेट वेट की जांच और प्रमाणित करने में गंभीर डेविएशन शामिल है.

केंद्रीय बैंक द्वारा लोन-से-मूल्य अनुपात में उल्लंघनों को नोट किया गया है.

आरबीआई ने कहा कि वैधानिक सीमा से अधिक नकदी वितरण और कलेक्शन देखा गया.

इसके साथ ही मानक नीलामी प्रक्रिया का पालन न करना भी शामिल है.

ग्राहक खातों के शुल्क में पारदर्शिता का अभाव भी है.

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