नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का ब्रांच रिजर्व बैंक इनोवेशन हब (RBIH) वित्तीय धोखाधड़ी के खिलाफ लड़ाई में बड़ी प्रगति कर रही है. इसके लिए MuleHunter.AI नामक एक AI टूल का यूज किया जा रहा है. यह टेक्नोलॉजी म्यूल अकाउंट की पहचान करती है. इसका यूज आम तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग योजनाओं में किया जाता है.
MuleHunter.AI का ऐप पहले ही दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में सफलतापूर्वक प्रदर्शित किया जा चुका है. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के डेटा से पता चलता है कि साइबर अपराध से संबंधित सभी शिकायतों में से 67.8 फीसदी ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी के कारण होती हैं. यह धोखाधड़ी की रोकथाम के लिए AI डिवाइस के प्रभावी प्रावधान को अत्यधिक जरूरी बनाता है.
वित्तीय धोखाधड़ी से लड़ने में सबसे बड़ी समस्याओं में से एक मनी म्यूल खातों का शोषण है. ये खाते अवैध वित्तीय गतिविधियों के प्रमुख प्रमोटर हैं. इसलिए, वित्तीय इकोसिस्टम की रक्षा और साइबर अपराध को रोकने के लिए MuleHunter.AI जैसे टूल सबसे महत्वपूर्ण हैं.
मनी म्यूल शब्द उन व्यक्तियों को कहा जाता है, जिन्हें अनजाने में घोटालेबाजों द्वारा उनके बैंक खातों के माध्यम से चुराए गए पैसे को लूटने के लिए हेरफेर किया जाता है. इन व्यक्तियों को अक्सर अपराधियों द्वारा अलग-अलग बैंक खातों में अवैध रूप से प्राप्त पैसे को ट्रांसफर करने के लिए भर्ती किया जाता है.
मनी म्यूल अकाउंट क्या है?
RBIH के अनुसार, म्यूल अकाउंट एक बैंक खाता है जिसका यूज अपराधी अवैध पैसे को लूटने के लिए करते हैं, जिसे अक्सर बिना सोचे-समझे व्यक्ति आसानी से पैसे कमाने के लालच में या भागीदारी के लिए मजबूर करके खोलते हैं. इन अत्यधिक परस्पर जुड़े खातों के माध्यम से पैसे का ट्रांसफर पैसे का पता लगाना और उसे वापस पाना मुश्किल बना देता है.