नई दिल्ली: सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक ने गुरुवार को सभी अवधि के लिए सीमांत लागत आधारित लोन रेट (एमसीएलआर) में 0.05 फीसदी या 5 आधार अंकों की बढ़ोतरी कर दी, जिससे अधिकांश उपभोक्ता लोन महंगे हो गए है. नई दरें 1 अगस्त, 2024 से प्रभावी होंगी.
पीएनबी ने नियामकीय फाइलिंग में कहा कि एक साल की अवधि के लिए मानक एमसीएलआर, जिसका उपयोग ऑटो और व्यक्तिगत जैसे अधिकांश उपभोक्ता लोन के मूल्यांकन में किया जाता है, अब 8.90 फीसदी होगी, जो पहले 8.85 फीसदी थी.
- बता दें कि तीन साल की एमसीएलआर 5 आधार अंकों की बढ़ोतरी के साथ 9.20 फीसदी हो गई है.
- एक महीने, तीन महीने और छह महीने की अवधि के लिए दरें 8.35 से 8.55 फीसदी के दायरे में होंगी.
- ओवरनाइट अवधि के लिए एमसीएलआर 8.25 फीसदी के मुकाबले 8.30 प्रतिशत होगी.
बुधवार को, सार्वजनिक क्षेत्र के एक अन्य लेंडर बैंक ऑफ इंडिया ने भी एक साल की अवधि के लिए एमसीएलआर में 5 आधार अंकों की बढ़ोतरी करके इसे 8.95 फीसदी करने की घोषणा की. हालांकि, बचे अवधि के लिए दरें अपरिवर्तित रहीं.
एमसीएलआर क्या है?
भारत में व्यक्तियों और व्यवसायों के लिए उधार लेने की लागत निर्धारित करने में MCLR एक महत्वपूर्ण कारण है. MCLR अनिवार्य रूप से वह न्यूनतम ब्याज दर है जो बैंक किसी लोन पर वसूल सकता है. यह दर बैंक की निधियों की लागत, परिचालन लागत और एक निश्चित लाभ मार्जिन पर विचार करके निर्धारित की जाती है.