जयपुर. अगर आप भी अपने नाम से जारी क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड और प्रीपेड कार्ड देने वाली कंपनी की सुविधाओं से संतुष्ट नहीं हैं, तो जल्द ही आपको इस बात से राहत मिलने वाली है. इसी साल 1 अक्टूबर से देश में सभी क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड और प्रीपेड कार्ड ग्राहक अपनी सर्विस प्रोवाइडर कंपनी को बदल सकेंगे. आपसे डेबिट या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करते समय नेटवर्क प्रदाता चुनने का विकल्प नहीं दिया जाता है. यह सब कार्ड जारी करने वाली संस्था तय करती है, इसलिए ग्राहक अक्सर मिलने वाली सुविधाओं को लेकर शिकायत करते हुए नजर आते हैं.
वहीं, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के प्रबंधक राकेश मीणा के अनुसार इस दिशा में फिलहाल गाइडलाइंस का आना बाकी है. इसके अलावा अन्य जानकारियां मसलन पोर्टेबिलिटी की समय सीमा जैसे मसलों पर इंतजार करना होगा. उन्होंने बताया कि कार्ड सर्विस प्रोवाइडर बदलने पर भी ग्राहक मौजूदा कार्ड से जुड़े खाते, बैलेंस और क्रेडिट हिस्ट्री को यथावत रख सकेंगे.
पढ़ें. शादी के बाद पैन कार्ड पर बदलना है सरनेम या नाम? घर बैठे ऑनलाइन कर सकेंगे ये काम - Utility News
पोर्ट की मिलेगी सुविधाः 1 अक्टूबर के बाद जैसे आप अपने मोबाइल नेटवर्क को बीएसएनएल, वोडाफोन, जियो और एयरटेल में पोर्ट कर सकते हैं, उसी तर्ज पर अब कार्ड उपयोगकर्ता वीजा से मास्टरकार्ड, रुपे या किसी अन्य नेटवर्क में पोर्ट कर सकते हैं या इसके उलट भी कर सकते हैं. भारतीय रिजर्व बैंक का नया सर्कुलर डेबिट, क्रेडिट और प्रीपेड कार्ड उपयोगकर्ताओं को उनकी पसंद के कार्ड नेटवर्क को चुनने की आजादी देगा. हाल में जारी सिस्टम में ऐसा करना मुमकिन नहीं है, जिसके कारण उपभोक्ता मजबूरी में कार्ड नेटवर्क जारी करने वाली कंपनी की पहले से तय और पुरानी शर्तों पर ही काम करते हैं.
क्या है कार्ड नेटवर्क पोर्टेबिलिटी : कार्ड नेटवर्क पोर्टेबिलिटी उपभोक्ताओं को उनके कार्ड खाते को एक नेटवर्क से दूसरे नेटवर्क में स्थानांतरित करने का जरिए है. जिस तरह से हम मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर को बिना नंबर बदले स्विच करते हैं, उसी तरह से आप भी आने वाले समय में बेहतर ऑफर और सुविधाओं को देखते हुए उसी कार्ड नंबर समेत अन्य जानकारी के साथ कार्ड सर्विस प्रोवाइडर का चुनाव कर सकेंगे या बदल सकेंगे.