नई दिल्ली : ईपीएफओ अकाउंट होल्डर के लिए अच्छी खबर है. अब खाताधारकों को नौकरी बदलने पर पीएफ ट्रांसफर के लिए मैन्युअल अनुरोध करने की जरूरत नहीं होगी. EPFO ने ऑटोमैटिक फंड ट्रांसफर की सुविधा शुरू कर दी है. आपको बता दें कि यह सर्विस 1 अप्रैल से मिलनी शुरू हो गई है.
पहले यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) होने के बावजूद लोगों को पीएफ ट्रांसफर के लिए अनुरोध करना पड़ता था. यह कुछ हद तक थका देने वाला काम था. अब नौकरीपेशा लोग इस झंझट से बेफिक्र होकर नई नौकरी तलाश सकते हैं. नई नौकरी बदलने पर ईपीएफ खाते में पैसा अपने आप ट्रांसफर हो जाएगा.
हालांकि, इसके लिए जरूरी है कि आप इन बिंदुओं का विशेष रूप से ख्याल रखें
- 1. नियोक्ता कर्मचारी का डीओएल अपडेट करना सुनिश्चित करें.
- 2. केवाईसी पहले से करानी होगी.
- 3. ईपीएफ कॉन्ट्रिब्यूशन नियत तिथि के अनुसार जमा किया गया हो.
- 4. इसके अलावा ईपीएफ नियोक्ता पोर्टल में नियोक्ता द्वारा सक्षम ऑटो ट्रांसफर अनुरोध का एक विकल्प भी उपलब्ध है.
आपको बता दें कि कर्मचारियों को अपनी सैलरी का 12 फीसदी हिस्सा ईपीएफ में देना होता है. इसके अलावा, नियोक्ता को भी कर्मचारी की ओर से ईपीएफ खाते में बराबर राशि जमा करनी होगी.
पीएफ के ऑनलाइन ट्रांसफर में यूएएन का महत्व
यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) अलग-अलग नियोक्ताओं द्वारा एक पर्सन को जारी किए गए कई सदस्य आईडी के लिए एक सेंटरलाइज्ड प्लेटफार्म के रूप में काम करता है. यूएएन एक ही सदस्य को कई ईपीएफ खातों (सदस्य आईडी) को जोड़ने की सर्विस देता है. यूएएन कई प्रकार की सेवाएं देता है.
यूएएन कैसे चेक करें?
पोर्टल से यूएएन चेक करें.
- स्टेप 1- सबसे पहले आप ईपीएफओ के इंटीग्रेटेड मेंबर पोर्टल पर जाएं और 'अपना यूएएन स्थिति जानें' विकल्प पर क्लिक करें.
- स्टेप 2- डिटेल्स जमा करने के बाद व्यक्तियों को रजिस्टर मोबाइल नंबर पर एक अथॉरिटी पिन प्राप्त होगा.
- स्टेप 3- पिन एंटर करें.
- स्टेप 4- यूएएन रजिस्टर ईमेल खाते और मोबाइल नंबर पर भेजा जाएगा.
- स्टेप 5- फोन नंबर से यूएएन नंबर चेक करें.
यूएएन पोर्टल पर रजिस्टर सदस्य/व्यक्ति मिस्ड कॉल सुविधा से पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. बस अपने रजिस्टर मोबाइल नंबर से 9966044425 पर मिस्ड नंबर दें.
ईपीएफओ क्या है?
यह भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के अधीन कार्य करने वाली संस्था है. इसका कार्य कर्मचारियों के पेंशन फंड को रेगुलेट और मैनेज्ड करना है. यह अन्य देशों के साथ सामाजिक सुरक्षा समझौतों का भी मैनेज करता है. ईपीएफओ में फिलहाल 8.10 फीसदी ब्याज दिया जा रहा है. इसमें नियोक्ता और कर्मचारी दोनों पैसा जमा करते हैं और उस पैसे पर ब्याज पाते हैं. यह कुल राशि मिलकर कर्मचारी के लिए भविष्य निधि बनती है.