नई दिल्ली: भारत में मसालों के दुनिया के सबसे बड़े निर्यातक, उत्पादक और उपभोक्ता में से एक माने जाते है. भारत के मसाले सभी परीक्षण किए गए मसालों के नमूनों में से करीब 12 फीसदी क्वालिटी और सिक्योरिटी स्टैंडर्ड को पूरा करने में फेल हो गए.
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार लगभग 12 फीसदी भारतीय मसाले FSSAI गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों पर खरे नहीं उतरे है.
रिपोर्ट में भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) से प्राप्त डेटा का हवाला दिया गया है. मई और जुलाई की शुरुआत के बीच FSSAI द्वारा परीक्षण किए गए 4,054 नमूनों में से 474 गुणवत्ता और सुरक्षा मापदंडों को पूरा नहीं करते थे.
FSSAI ने भारतीय मसालों का टेस्टिंग क्यों किया?
अप्रैल में कीटनाशक के उच्च स्तर के कारण हांगकांग द्वारा MDH और एवरेस्ट ब्रांडों के कुछ मिश्रणों की बिक्री को निलंबित करने के बाद FSSAI ने मिश्रित मसाला मिश्रणों का निरीक्षण, नमूनाकरण और परीक्षण किया. दो लोकप्रिय मसालों ने कहा है कि उनके उत्पाद उपभोग के लिए सुरक्षित हैं. लेकिन फिर भी, ब्रिटेन ने भारत से सभी मसाला आयातों पर नियंत्रण कड़ा कर दिया है. न्यूजीलैंड, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने भी कहा कि वे ब्रांडों से संबंधित मुद्दों पर विचार कर रहे हैं.
भारत के दो लोकप्रिय मसाले को भारत के अलावा यूरोप, एशिया और उत्तरी अमेरिका में भी बेचे जाते हैं. रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में भारत का घरेलू मसाला बाजार 10.44 बिलियन डॉलर का था, जिसमें जियोन मार्केट रिसर्च डेटा का हवाला दिया गया था. भारत ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में रिकॉर्ड 4.46 बिलियन डॉलर का निर्यात भी किया.
FSSAI ने अपने बयान में रॉयटर्स को बताया कि उसके पास परीक्षण किए गए मसालों के ब्रांडों के अनुसार कोई डिटेल्स नहीं है, लेकिन वह इसमें शामिल कंपनियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई कर रहा है.