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लोकसभा चुनाव के बाद मोबाइल रिचार्ज होगा महंगा : एंटिक लि. - Lok Sabha Elections 2024

Mobile recharge : लोकसभा चुनाव के बाद मोबाइल रिचार्ज महंगा हो सकता है. ब्रोकिंग फर्म एंटिक लि. ने यह दावा किया है. चार जून को लोकसभा चुनाव का परिणाम आएगा. एंटिक लि. का कहना है कि 15-17 फीसदी तक मोबाइल रिचार्ज महंगा हो जाएगा.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Apr 12, 2024, 4:30 PM IST

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के बाद देश में लोगों को मोबाइल रिचार्ज पर ज्यादा खर्च करने के लिए तैयार रहना चाहिए. मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों ने टैरिफ बढ़ाने की पूरी तैयारी कर ली है. इसका सीधा मतलब है कि चुनाव के बाद मोबाइल रिचार्ज महंगा हो जाएगा. कंपनियों ने इसकी पूरी तैयारी कर ली है और यह भी तय कर लिया है कि इस बार उन्हें कितना पैसा बढ़ाना है. ब्रोकर फर्म एंटिक लि. के मुताबिक, आम चुनाव के बाद टेलीकॉम इंडस्ट्री में टैरिफ 15 से 17 फीसदी तक बढ़ने का अनुमान है.

आम चुनाव के बाद रिचार्ज होगा महंगा
बता दें कि आम चुनाव 19 अप्रैल से 1 जून तक 7 चरणों में होंगे. वहीं, चुनाव के नतीजे 4 जून को आएंगे. इस रिपोर्ट के मुताबिक टेलीकॉम इंडस्ट्री में टैरिफ बढ़ोतरी काफी समय से लंबित है और माना जा रहा है कि चुनाव के बाद बढ़ोतरी तय है.

सबसे अधिक फायदा एयरटेल को होगा
एंटिक लि.के अनुसार सबसे ज्यादा फायदा भारती एयरटेल को होगा. रिपोर्ट में कहा गया है कि हमें उम्मीद है कि चुनाव के बाद उद्योग शुल्क 15 से 17 फीसदी तक बढ़ा देगा. आखिरी बार फीस दिसंबर 2021 में करीब 20 फीसदी बढ़ाई गई थी. बता दें कि अगर चुनाव के बाद रिचार्ज पर टैरिफ बढ़ता है तो यह 3 साल बाद बढ़ोतरी होगी.

आपको बता दें कि अगर 17 फीसदी बढ़ोतरी होता है तो बढ़ोतरी के बाद 300 रुपये का रिचार्ज 351 रुपये का होगा. भारत की दूसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी एयरटेल का एवरेज प्रॉफिट पर यूजर (एआरपीयू) पेश करते हुए ब्रोकरेज नोट में कहा गया है कि कंपनी का मौजूदा एआरपीयू 208 रुपये है, जो वित्तीय वर्ष 2026-27 के लिए है. ऐसी संभावना है कि यह 286 रुपये तक पहुंच सकता है.

इसी के साथ रिपोर्ट में कहा गया है कि भारती एयरटेल का ग्राहक आधार प्रति वर्ष लगभग दो फीसदी की दर से बढ़ेगा, जबकि उद्योग प्रति वर्ष एक फीसदी की दर से बढ़ता है.

टेलीकॉम की बाजार हिस्सेदारी
रिपोर्ट में कहा गया है कि वोडाफोन आइडिया की बाजार हिस्सेदारी सितंबर 2018 में 37.2 फीसदी से घटकर दिसंबर 2023 में लगभग आधी यानी 19.3 फीसदी रह गई है. इस अवधि के दौरान भारती की बाजार हिस्सेदारी 29.4 फीसदी से बढ़कर 33 फीसदी हो गई है. इस दौरान जियो की बाजार हिस्सेदारी 21.6 फीसदी से बढ़कर 39.7 फीसदी हो गई है.

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नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के बाद देश में लोगों को मोबाइल रिचार्ज पर ज्यादा खर्च करने के लिए तैयार रहना चाहिए. मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों ने टैरिफ बढ़ाने की पूरी तैयारी कर ली है. इसका सीधा मतलब है कि चुनाव के बाद मोबाइल रिचार्ज महंगा हो जाएगा. कंपनियों ने इसकी पूरी तैयारी कर ली है और यह भी तय कर लिया है कि इस बार उन्हें कितना पैसा बढ़ाना है. ब्रोकर फर्म एंटिक लि. के मुताबिक, आम चुनाव के बाद टेलीकॉम इंडस्ट्री में टैरिफ 15 से 17 फीसदी तक बढ़ने का अनुमान है.

आम चुनाव के बाद रिचार्ज होगा महंगा
बता दें कि आम चुनाव 19 अप्रैल से 1 जून तक 7 चरणों में होंगे. वहीं, चुनाव के नतीजे 4 जून को आएंगे. इस रिपोर्ट के मुताबिक टेलीकॉम इंडस्ट्री में टैरिफ बढ़ोतरी काफी समय से लंबित है और माना जा रहा है कि चुनाव के बाद बढ़ोतरी तय है.

सबसे अधिक फायदा एयरटेल को होगा
एंटिक लि.के अनुसार सबसे ज्यादा फायदा भारती एयरटेल को होगा. रिपोर्ट में कहा गया है कि हमें उम्मीद है कि चुनाव के बाद उद्योग शुल्क 15 से 17 फीसदी तक बढ़ा देगा. आखिरी बार फीस दिसंबर 2021 में करीब 20 फीसदी बढ़ाई गई थी. बता दें कि अगर चुनाव के बाद रिचार्ज पर टैरिफ बढ़ता है तो यह 3 साल बाद बढ़ोतरी होगी.

आपको बता दें कि अगर 17 फीसदी बढ़ोतरी होता है तो बढ़ोतरी के बाद 300 रुपये का रिचार्ज 351 रुपये का होगा. भारत की दूसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी एयरटेल का एवरेज प्रॉफिट पर यूजर (एआरपीयू) पेश करते हुए ब्रोकरेज नोट में कहा गया है कि कंपनी का मौजूदा एआरपीयू 208 रुपये है, जो वित्तीय वर्ष 2026-27 के लिए है. ऐसी संभावना है कि यह 286 रुपये तक पहुंच सकता है.

इसी के साथ रिपोर्ट में कहा गया है कि भारती एयरटेल का ग्राहक आधार प्रति वर्ष लगभग दो फीसदी की दर से बढ़ेगा, जबकि उद्योग प्रति वर्ष एक फीसदी की दर से बढ़ता है.

टेलीकॉम की बाजार हिस्सेदारी
रिपोर्ट में कहा गया है कि वोडाफोन आइडिया की बाजार हिस्सेदारी सितंबर 2018 में 37.2 फीसदी से घटकर दिसंबर 2023 में लगभग आधी यानी 19.3 फीसदी रह गई है. इस अवधि के दौरान भारती की बाजार हिस्सेदारी 29.4 फीसदी से बढ़कर 33 फीसदी हो गई है. इस दौरान जियो की बाजार हिस्सेदारी 21.6 फीसदी से बढ़कर 39.7 फीसदी हो गई है.

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