नई दिल्ली: आम चुनाव से पहले बृहस्पतिवार को पेश होने वाले अंतरिम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मध्यम वर्ग, किसानों और श्रमिकों को काफी उम्मीदें हैं. पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग का मानना था कि लोकसभा चुनाव से पहले पेश होने वाला अंतरिम बजट, सत्ता में मौजूद पार्टी के लिए मुफ्त एवं लोकलुभावन योजनाओं के जरिये मतदाताओं को आकर्षित करने का एक मौका होता है. उन्होंने कहा, '2019 में आम चुनाव से पहले पेश अंतरिम बजट में भी हम ऐसा होते हुए देख चुके हैं.'
गर्ग ने पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा, 'सरकार ने 2019 में आम चुनाव से पहले पेश अंतरिम बजट में मध्यम वर्ग, किसानों और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों-को लक्षित किया था. कुल मिलाकर ये लगभग 75 करोड़ मतदाता हैं। ऐसी संभावना है कि सरकार इस बार भी इन मतदाताओं का खास ध्यान रखेगी.'
उल्लेखनीय है कि 2019 में वित्त मंत्री की अतिरिक्त जिम्मेदारी निभा रहे वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मध्यम वर्ग को आकर्षित करने के लिए पांच लाख रुपये तक की कर-योग्य आय को आयकर से छूट दी थी. साथ ही प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत 12 करोड़ किसानों को 6,000 रुपये नकद भी उपलब्ध कराने की घोषणा की थी. इसके अलावा, असंगठित क्षेत्र (पीएम श्रम योगी मानधन -एसवाईएम) से जुड़े 50 करोड़ श्रमिकों को सेवानिवृत्ति पेंशन में सरकारी योगदान का भी प्रस्ताव किया गया था.
इसको देखते हुए विभिन्न क्षेत्रों में ऐसी संभावना जतायी जा रही है कि इस बार के अंतरिम बजट में भी इस तरह की घोषणाएं हो सकती हैं. आमतौर पर, अंतरिम बजट में प्रमुख नीतिगत घोषणाएं नहीं होती हैं, लेकिन सरकार पर ऐसे कदम उठाने से कोई नहीं रोक नहीं है जो अर्थव्यवस्था के सामने आने वाले मुद्दों से निपटने के लिए जरूरी हैं. सीतारमण का यह लगातार छठा बजट है. इसके साथ ही उनके नाम कई रिकॉर्ड होंगे. वह लगातार पांच पूर्ण बजट और एक अंतरिम बजट पेश करने के मोरारजी देसाई के नाम दर्ज रिकॉर्ड की बराबरी करेंगी.
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