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अंतरिम बजट : 2070 तक जीरो टारगेट पूरा करने के लिए सतत विकास पर केंद्रित

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 1, 2024, 5:03 PM IST

Interim Budget 2024 : स्वच्छ और हरित भारत के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट में कई उपायों की घोषणा की है जो देश को कार्बन पदचिह्न को कम करने में मदद करेंगे. इसकी मंत्रालय द्वारा व्यापक रूप से सराहना की गई है. पढ़िए ईटीवी भारत के एस सरकार की रिपोर्ट...

Nirmala Sitharaman
निर्मला सीतारमण

नई दिल्ली : अंतरिम बजट 2024-25 गुरुवार को पेश किया गया. इस बजट के जरिेए 2070 तक शुद्ध जीरो टारगेट को पूरा करने के लिए के एक स्वच्छ और हरित भारत की रुपरेखा तैयार की गई है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए देश के सतत विकास के लिए कई उपायों की घोषणा की. इसमें पवन ऊर्जा के लिए व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण, कोयला गैसीकरण और द्रवीकरण क्षमता की स्थापना के अलावा सीएनजी, पीएनजी और संपीड़ित बायोगैस के चरणबद्ध अनिवार्य सम्मिश्रण शामिल हैं.

साथ ही व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण का उद्देश्य उन बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का समर्थन करना है जो आर्थिक रूप से उचित हैं लेकिन वित्तीय व्यवहार्यता से थोड़ी कम हैं. इस योजना के तहत सहायता केवल बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए उपलब्ध है जहां निजी क्षेत्र के प्रायोजकों को प्रतिस्पर्धी बोली की प्रक्रिया के माध्यम से चुना जाता है.

कैपिटल ए के संस्थापक और प्रमुख निवेशक अंकित केडिया ने कहा कि तट-पवन ऊर्जा के लिए व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण का प्रावधान रणनीतिक रूप से इस क्षेत्र में स्टार्टअप और निवेशकों को आकर्षित करने के लिए तैयार है. इससे पहले, केंद्रीय बजट 2023-24 में वित्त मंत्री ने स्वस्थ पर्यावरण के लिए सात प्राथमिकताओं 'सप्तऋषि' के हिस्से के रूप में हरित विकास की पहचान की थी. अंतरिम बजट में, वित्त मंत्री ने पहल को आगे बढ़ाया है और योजनाएं लेकर आई हैं ताकि ऐसे समय में स्थिरता को गति मिल सके जब ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन विश्व अर्थव्यवस्थाओं को नुकसान पहुंचा रहे हैं.

वहीं पाहवा समूह के अध्यक्ष और ब्राई-एयर के प्रबंध निदेशक दीपक पाहवा ने कहा कि अपतटीय पवन ऊर्जा के दोहन पर रणनीतिक ध्यान नवीकरणीय स्रोतों की ओर एक अभियान को दर्शाता है, जिससे घटते प्राकृतिक संसाधनों पर बोझ कम हो जाता है. उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे देश एक स्थायी भविष्य की ओर आगे बढ़ रहा है, हरित ऊर्जा पर घोषणा से सभी क्षेत्रों में स्वच्छ ऊर्जा को अपनाने में तेजी आने की उम्मीद है. इससे देश के कार्बन पदचिह्न को कम करने में महत्वपूर्ण योगदान मिस सकेगा.

वित्त मंत्री ने बायोमास एकत्रीकरण मशीनरी की खरीद के लिए वित्तीय सहायता की भी घोषणा की है. उन्होंने कहा कि रूफटॉप सोलराइजेशन कार्यक्रम के तहत एक करोड़ परिवार प्रति माह 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली प्राप्त करने में सक्षम होंगे. इस कदम से परिवारों को सालाना बिजली बिल पर अनुमानित 15 हजार रुपये से लेकर 18 हजार रुपये की बचत होगी और आय में वृद्धि होगी. वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार विनिर्माण और चार्जिंग बुनियादी ढांचे का समर्थन करके इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) पारिस्थितिकी तंत्र का विस्तार और मजबूत करेगी. उन्होंने कहा कि भुगतान सुरक्षा तंत्र के माध्यम से सार्वजनिक परिवहन नेटवर्क के लिए ई-बसों को अधिक से अधिक अपनाने को बढ़ावा दिया जाएगा.

ईवी और हाइब्रिड वाहन अपनाने में प्रमुख बाधा - मार्च 2023 तक सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों की कमी दर्ज किए जाने के साथ ही 6586 स्टेशन थे. लेकिन सरकार ने 2024-2025 केंद्रीय बजट एक दूरदर्शी रणनीति के बारे में बताता है. इसका उद्देश्य चार्जिंग स्टेशनों की संख्या बढ़ाने पर केंद्रित निवेश के साथ इलेक्ट्रिक वाहन पारिस्थितिकी तंत्र को प्रोत्साहित करना और पर्याप्त विस्तार करना है. इस बारे में टीमलीज सर्विसेज के स्टाफिंग के सीईओ कार्तिक नारायण ने कहा कि यह पहल भारत के ईवी परिदृश्य को बदलने, रेंज की चिंता पर काबू पाने और भविष्य के लिए एक व्यवहार्य, टिकाऊ परिवहन समाधान के रूप में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने में आधारशिला है.

बता दें कि सरकार अगले सात साल में सड़कों पर चलने वाली 8 लाख डीजल बसों में से करीब एक तिहाई को इलेक्ट्रिक बसों में बदलने की योजना बना रही है. रिप्लेसमेंट रणनीति के रूप में 2023 तक राज्य परिवहन उपक्रमों (STU) के लिए 2 लाख इलेक्ट्रिक बसें, निजी ऑपरेटरों के लिए 5 लाख 50 हजार और स्कूलों और कर्मचारी परिवहन के लिए 50 हजार बसें करना शामिल होगा.

ये भी पढ़ें - बजट 2024: उभरते क्षेत्रों के लिए वित्त मंत्री ने ₹1 लाख करोड़ की फंडिंग की घोषणा की

नई दिल्ली : अंतरिम बजट 2024-25 गुरुवार को पेश किया गया. इस बजट के जरिेए 2070 तक शुद्ध जीरो टारगेट को पूरा करने के लिए के एक स्वच्छ और हरित भारत की रुपरेखा तैयार की गई है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए देश के सतत विकास के लिए कई उपायों की घोषणा की. इसमें पवन ऊर्जा के लिए व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण, कोयला गैसीकरण और द्रवीकरण क्षमता की स्थापना के अलावा सीएनजी, पीएनजी और संपीड़ित बायोगैस के चरणबद्ध अनिवार्य सम्मिश्रण शामिल हैं.

साथ ही व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण का उद्देश्य उन बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का समर्थन करना है जो आर्थिक रूप से उचित हैं लेकिन वित्तीय व्यवहार्यता से थोड़ी कम हैं. इस योजना के तहत सहायता केवल बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए उपलब्ध है जहां निजी क्षेत्र के प्रायोजकों को प्रतिस्पर्धी बोली की प्रक्रिया के माध्यम से चुना जाता है.

कैपिटल ए के संस्थापक और प्रमुख निवेशक अंकित केडिया ने कहा कि तट-पवन ऊर्जा के लिए व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण का प्रावधान रणनीतिक रूप से इस क्षेत्र में स्टार्टअप और निवेशकों को आकर्षित करने के लिए तैयार है. इससे पहले, केंद्रीय बजट 2023-24 में वित्त मंत्री ने स्वस्थ पर्यावरण के लिए सात प्राथमिकताओं 'सप्तऋषि' के हिस्से के रूप में हरित विकास की पहचान की थी. अंतरिम बजट में, वित्त मंत्री ने पहल को आगे बढ़ाया है और योजनाएं लेकर आई हैं ताकि ऐसे समय में स्थिरता को गति मिल सके जब ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन विश्व अर्थव्यवस्थाओं को नुकसान पहुंचा रहे हैं.

वहीं पाहवा समूह के अध्यक्ष और ब्राई-एयर के प्रबंध निदेशक दीपक पाहवा ने कहा कि अपतटीय पवन ऊर्जा के दोहन पर रणनीतिक ध्यान नवीकरणीय स्रोतों की ओर एक अभियान को दर्शाता है, जिससे घटते प्राकृतिक संसाधनों पर बोझ कम हो जाता है. उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे देश एक स्थायी भविष्य की ओर आगे बढ़ रहा है, हरित ऊर्जा पर घोषणा से सभी क्षेत्रों में स्वच्छ ऊर्जा को अपनाने में तेजी आने की उम्मीद है. इससे देश के कार्बन पदचिह्न को कम करने में महत्वपूर्ण योगदान मिस सकेगा.

वित्त मंत्री ने बायोमास एकत्रीकरण मशीनरी की खरीद के लिए वित्तीय सहायता की भी घोषणा की है. उन्होंने कहा कि रूफटॉप सोलराइजेशन कार्यक्रम के तहत एक करोड़ परिवार प्रति माह 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली प्राप्त करने में सक्षम होंगे. इस कदम से परिवारों को सालाना बिजली बिल पर अनुमानित 15 हजार रुपये से लेकर 18 हजार रुपये की बचत होगी और आय में वृद्धि होगी. वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार विनिर्माण और चार्जिंग बुनियादी ढांचे का समर्थन करके इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) पारिस्थितिकी तंत्र का विस्तार और मजबूत करेगी. उन्होंने कहा कि भुगतान सुरक्षा तंत्र के माध्यम से सार्वजनिक परिवहन नेटवर्क के लिए ई-बसों को अधिक से अधिक अपनाने को बढ़ावा दिया जाएगा.

ईवी और हाइब्रिड वाहन अपनाने में प्रमुख बाधा - मार्च 2023 तक सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों की कमी दर्ज किए जाने के साथ ही 6586 स्टेशन थे. लेकिन सरकार ने 2024-2025 केंद्रीय बजट एक दूरदर्शी रणनीति के बारे में बताता है. इसका उद्देश्य चार्जिंग स्टेशनों की संख्या बढ़ाने पर केंद्रित निवेश के साथ इलेक्ट्रिक वाहन पारिस्थितिकी तंत्र को प्रोत्साहित करना और पर्याप्त विस्तार करना है. इस बारे में टीमलीज सर्विसेज के स्टाफिंग के सीईओ कार्तिक नारायण ने कहा कि यह पहल भारत के ईवी परिदृश्य को बदलने, रेंज की चिंता पर काबू पाने और भविष्य के लिए एक व्यवहार्य, टिकाऊ परिवहन समाधान के रूप में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने में आधारशिला है.

बता दें कि सरकार अगले सात साल में सड़कों पर चलने वाली 8 लाख डीजल बसों में से करीब एक तिहाई को इलेक्ट्रिक बसों में बदलने की योजना बना रही है. रिप्लेसमेंट रणनीति के रूप में 2023 तक राज्य परिवहन उपक्रमों (STU) के लिए 2 लाख इलेक्ट्रिक बसें, निजी ऑपरेटरों के लिए 5 लाख 50 हजार और स्कूलों और कर्मचारी परिवहन के लिए 50 हजार बसें करना शामिल होगा.

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