नई दिल्ली: टेलीकॉम डिपार्टमेंट (DoT) ने आज से 96,317.65 करोड़ रुपये के स्पेक्ट्रम की नीलामी शुरू कर दी है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आरक्षित मूल्य पर सभी बैंड में 10,523.15 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की नीलामी को मंजूरी दे दी है. पिछली बिक्री से सभी अनबिके स्पेक्ट्रम फिर से बोली के लिए आएंगे. इसमें 800, 900, 1800, 2100, 2300, 2500, 3300 मेगाहर्ट्ज और 26 गीगाहर्ट्ज बैंड में एयरवेव्स शामिल हैं, जो बिक्री के लिए वॉयस और डेटा स्पेक्ट्रम का एक बड़ा हिस्सा कवर करते हैं.
DoT ने घोषणा की है कि रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने सामूहिक रूप से बोली के लिए 4,350 करोड़ रुपये रखे हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यह 2022 में पिछली 5G स्पेक्ट्रम नीलामी से पांच गुना कम है.
नीलामी क्यों होती है?
कंपनियों को उनके द्वारा जमा की गई EMD (बयाना राशि जमा) राशि के आधार पर अंक मिलते हैं, जो उन्हें सर्किलों की संख्या और स्पेक्ट्रम की मात्रा के लिए बोली लगाने में सक्षम बनाता है. अधिक अंक का मतलब है बोली लगाने की अधिक क्षमता. दूरसंचार कंपनियां अपने EMD से 12 गुना तक के स्पेक्ट्रम के लिए बोली लगा सकती हैं. IIFL सिक्योरिटीज के एक हालिया नोट में कहा गया है कि स्पेक्ट्रम की बहुत कम मांग है.
स्पेक्ट्रम की मांग कम हुई
पिछली बिक्री से सभी बिना बिके स्पेक्ट्रम फिर से बोली के लिए हैं. लेकिन 2022 के बाद से प्रस्तावित स्पेक्ट्रम की मात्रा सात गुना से अधिक कम हो गई है. रिपोर्ट के मुकाबिक जियो (108 मिलियन) और एयरटेल (72 मिलियन) ने अपने ग्राहक आधार के लगभग 20 से 22 फीसदी तक 5G पैठ देखी है.
एयरटेल ग्रामीण कवरेज को बेहतर बनाने के लिए महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़, केरल और पश्चिम बंगाल के सर्किलों में कम से कम 25,000 5G साइट्स जोड़ेगी, जिसके लिए उसके पास पर्याप्त स्पेक्ट्रम है.
वोडाफोन आइडिया ने पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश पश्चिम के सर्किलों में अपने कुछ स्पेक्ट्रम का नवीनीकरण न करने का फैसला किया है, जहां 1800 मेगाहर्ट्ज और 900 मेगाहर्ट्ज बैंड में 12 मेगाहर्ट्ज के लिए नवीनीकरण होना था.