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साल के आखिरी महीने में आई राहत की खबर, महंगाई दर में आई गिरावट

नवंबर में भारत के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित महंगाई घटकर 5.48 फीसदी पर आ गई.

Retail inflation in November
प्रतीकात्मक फोटो (IANS Photo)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : 2 hours ago

नई दिल्ली: खाद्य पदार्थों की कीमतों में कमी आने के कारण भारत की खुदरा महंगाई नवंबर में घटकर 5.5 फीसदी हो गई, जो पिछले महीने के 14 महीने के उच्चतम स्तर 6.2 फीसदी से कम है. क्योंकि आपूर्ति में सुधार के कारण सब्जियों की बढ़ती कीमतों में कमी आई. नवंबर में महंगाई के आंकड़े में नरमी आई, क्योंकि अक्टूबर में उच्च खाद्य महंगाई और शहरी खपत में कमी के कारण सूचकांक 14 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था.

  • अक्टूबर में 10.9 फीसदी की तुलना में खाद्य महंगाई इस महीने में घटकर 9 फीसदी रह गई.
  • उपभोक्ता मूल्य लगातार तीसरे महीने 5 महंगाई से ऊपर बने हुए हैं.
  • मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी ने दिसंबर में अपनी बैठक में लगातार ग्यारहवीं बार नीति दर में कोई बदलाव न करने की वकालत करने के कारणों में से एक महंगाई थी.

नवंबर में असाधारण रूप से उच्च महंगाई ने आरबीआई को महंगाई पर अपने रुख पर पुनर्विचार करने के लिए प्रेरित किया, और उसने पूर्वानुमान को 0.3 फीसदी अंक बढ़ाकर पहले के 4.5 फीसदी से 4.8 फीसदी कर दिया.

  • भारत की उपभोक्ता मुद्रास्फीति में जनवरी से और कमी आने के संकेत मिलने की संभावना है.
  • एशियाई विकास बैंक ने अपने नवीनतम आर्थिक परिदृश्य में अनुमान लगाया है कि वित्त वर्ष 26 में महंगाई सितंबर संस्करण में अनुमानित 4.5 फीसदी से गिरकर 4.3 फीसदी हो जाएगी.
  • विशेषज्ञ फरवरी की बैठक में उपभोक्ता कीमतों में कमी के साथ 25-बीपीएस की दर कटौती की संभावना जता रहे हैं.

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नई दिल्ली: खाद्य पदार्थों की कीमतों में कमी आने के कारण भारत की खुदरा महंगाई नवंबर में घटकर 5.5 फीसदी हो गई, जो पिछले महीने के 14 महीने के उच्चतम स्तर 6.2 फीसदी से कम है. क्योंकि आपूर्ति में सुधार के कारण सब्जियों की बढ़ती कीमतों में कमी आई. नवंबर में महंगाई के आंकड़े में नरमी आई, क्योंकि अक्टूबर में उच्च खाद्य महंगाई और शहरी खपत में कमी के कारण सूचकांक 14 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था.

  • अक्टूबर में 10.9 फीसदी की तुलना में खाद्य महंगाई इस महीने में घटकर 9 फीसदी रह गई.
  • उपभोक्ता मूल्य लगातार तीसरे महीने 5 महंगाई से ऊपर बने हुए हैं.
  • मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी ने दिसंबर में अपनी बैठक में लगातार ग्यारहवीं बार नीति दर में कोई बदलाव न करने की वकालत करने के कारणों में से एक महंगाई थी.

नवंबर में असाधारण रूप से उच्च महंगाई ने आरबीआई को महंगाई पर अपने रुख पर पुनर्विचार करने के लिए प्रेरित किया, और उसने पूर्वानुमान को 0.3 फीसदी अंक बढ़ाकर पहले के 4.5 फीसदी से 4.8 फीसदी कर दिया.

  • भारत की उपभोक्ता मुद्रास्फीति में जनवरी से और कमी आने के संकेत मिलने की संभावना है.
  • एशियाई विकास बैंक ने अपने नवीनतम आर्थिक परिदृश्य में अनुमान लगाया है कि वित्त वर्ष 26 में महंगाई सितंबर संस्करण में अनुमानित 4.5 फीसदी से गिरकर 4.3 फीसदी हो जाएगी.
  • विशेषज्ञ फरवरी की बैठक में उपभोक्ता कीमतों में कमी के साथ 25-बीपीएस की दर कटौती की संभावना जता रहे हैं.

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