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अडाणी-हिंडनबर्ग मामले में आया इस बैंक का नाम, जानिए क्या है मामला - Hindenburg on Kotak Bank

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 2, 2024, 11:21 AM IST

Adani-Hindenburg Case- उदय कोटक द्वारा स्थापित निजी क्षेत्र के लेंडर और ब्रोकरेज फर्म कोटक महिंद्रा बैंक का नाम अडाणी-हिंडनबर्ग मामले में आया है. हिंडनबर्ग ने भी कहा कि कोटक बैंक ने एक ऑफशोर फंड स्ट्रक्चर बनाया. इस स्ट्रक्चर का यूज हिंडनबर्ग के निवेश पार्टनर ने अडाणी ग्रुप के खिलाफ बेट लगाने के लिए किया. पढ़ें पूरी खबर...

Gautam Adani
अडाणी ग्रुप (फाइल फोटो) (IANS Photo)

नई दिल्ली: अडाणी-हिंडनबर्ग मामले में कोटक बैंक का नाम सामने आया है. एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी शॉर्ट-सेलिंग हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा कि मार्केट रेगुलेटर सेबी ने उसे कारण बताओ नोटिस भेजा है. नोटिस में कहा गया है कि हिंडनबर्ग ने पिछले साल अडाणी ग्रुप के खिलाफ शॉर्ट बेट में नियमों का उल्लघंन किया था.

हिंडनबर्ग ने भी कहा कि कोटक बैंक ने एक ऑफशोर फंड स्ट्रक्चर बनाया. इस स्ट्रक्चर का यूज हिंडनबर्ग के निवेश पार्टनर ने अडाणी ग्रुप के खिलाफ बेट लगाने के लिए किया. हिंडनबर्ग ने बताया कि उसने निवेश रिलेशनशिप के जरिए 41 लाख डॉलर का रेवेन्यू कमाया और अडाणी के अमेरिकी बॉन्ड पर अपनी शॉर्ट पोजशन से केवल 31 डॉलर कमाए. बता दें कि हिंडनबर्ग ने निवेशक का नाम नहीं बताया है.

हिंडनबर्ग ने लगाया आरोप
हिंडनबर्ग ने कहा कि सेबी ने हम पर अधिकार क्षेत्र का दावा करने के लिए खुद को उलझा लिया. इसके नोटिस में स्पष्ट रूप से उस पार्टी का नाम नहीं बताया गया जिसका भारत से वास्तविक संबंध है. कोटक बैंक ने अडानी के खिलाफ दांव लगाने के लिए हमारे निवेशक भागीदार द्वारा यूज किए जाने वाले ऑफशोर फंड स्ट्रक्चर का निर्माण और देखरेख की.

इसके बजाय, इसने केवल के-इंडिया ऑपर्च्युनिटीज फंड का नाम दिया और 'कोटक' नाम को 'केएमआईएल' के संक्षिप्त नाम से छिपा दिया. (केएमआईएल का मतलब कोटक महिंद्रा इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड है)

कथित तौर पर, हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया कि सेबी ने कोटक का नाम न बताना बिजनेस को जांच से बचाने के लिए हो सकता है.

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नई दिल्ली: अडाणी-हिंडनबर्ग मामले में कोटक बैंक का नाम सामने आया है. एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी शॉर्ट-सेलिंग हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा कि मार्केट रेगुलेटर सेबी ने उसे कारण बताओ नोटिस भेजा है. नोटिस में कहा गया है कि हिंडनबर्ग ने पिछले साल अडाणी ग्रुप के खिलाफ शॉर्ट बेट में नियमों का उल्लघंन किया था.

हिंडनबर्ग ने भी कहा कि कोटक बैंक ने एक ऑफशोर फंड स्ट्रक्चर बनाया. इस स्ट्रक्चर का यूज हिंडनबर्ग के निवेश पार्टनर ने अडाणी ग्रुप के खिलाफ बेट लगाने के लिए किया. हिंडनबर्ग ने बताया कि उसने निवेश रिलेशनशिप के जरिए 41 लाख डॉलर का रेवेन्यू कमाया और अडाणी के अमेरिकी बॉन्ड पर अपनी शॉर्ट पोजशन से केवल 31 डॉलर कमाए. बता दें कि हिंडनबर्ग ने निवेशक का नाम नहीं बताया है.

हिंडनबर्ग ने लगाया आरोप
हिंडनबर्ग ने कहा कि सेबी ने हम पर अधिकार क्षेत्र का दावा करने के लिए खुद को उलझा लिया. इसके नोटिस में स्पष्ट रूप से उस पार्टी का नाम नहीं बताया गया जिसका भारत से वास्तविक संबंध है. कोटक बैंक ने अडानी के खिलाफ दांव लगाने के लिए हमारे निवेशक भागीदार द्वारा यूज किए जाने वाले ऑफशोर फंड स्ट्रक्चर का निर्माण और देखरेख की.

इसके बजाय, इसने केवल के-इंडिया ऑपर्च्युनिटीज फंड का नाम दिया और 'कोटक' नाम को 'केएमआईएल' के संक्षिप्त नाम से छिपा दिया. (केएमआईएल का मतलब कोटक महिंद्रा इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड है)

कथित तौर पर, हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया कि सेबी ने कोटक का नाम न बताना बिजनेस को जांच से बचाने के लिए हो सकता है.

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