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सोने से कर्ज लेने का नया ट्रेंड हुआ शुरु! तेजी से बढ़ रहा है लोन लेने का परिचलन, जानें क्या है वजह - GOLD LOANS

पिछले एक साल में बैंकों से बकाया गोल्ड लोन में 50 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी, जबकि अन्य पर्सनल लोन में धीमी बढ़ोतरी हुई.

Gold Loans
प्रतीकात्मक फोटो (Getty Image)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 7, 2024, 4:57 PM IST

नई दिल्ली: भारत में गोल्ड लोन में उछाल देखने को मिल रहा है. हाल ही में आई रिपोर्ट्स में गोल्ड के बदले लोन के मूल्य में रिकॉर्ड बढ़ोतरी का संकेत दिया गया है. यह बढ़ता रुझान देश में बदलते वित्तीय परिदृश्य को दिखाता है. क्योंकि अधिक से अधिक लोग लिक्विडिटी के सोर्स के रूप में अपनी कीमती धातुओं की ओर रुख कर रहे हैं. आज हम इस खबर के माध्यम से जानेंगे कि आखिर गोल्ड लोन में क्यों लगातार बढ़ोतरी हो रहा है. इसका भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए क्या मायने है.

गोल्ड लोन में लगातार उछाल
भारत में गोल्ड लोन में उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखी गई है. 18 अक्टूबर 2024 को समाप्त होने वाले इस वित्तीय वर्ष के पहले सात महीनों में सोने के आभूषणों द्वारा सुरक्षित बैंक लोन में 50.4 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के आंकड़ों के अनुसार यह उछाल अन्य पर्सनल लोन श्रेणियों के उल्टा है, जिनमें एकल अंकों की बढ़ोतरी देखी गई है.

RBI के मुताबिक इस साल जुलाई में गोल्ड ज्वैलरी के बदले लोन में लगभग 40 फीसदी और जून में 31 फीसदी की बढ़ोतरी हुई, जबकि पिछले साल इसी महीने में यह 16 फीसदी और 19 फीसदी थी. इसी तरह, इस साल मई में गोल्ड लोन में 30 फीसदी की बढ़ोतरी हुई, जबकि मई 2023 में यह केवल 15 फीसदी थी.

गोल्ड लोन में उछाल के कारण
18 अक्टूबर तक कुल बकाया गोल्ड लोन 1,54,282 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो मार्च 2024 में 1,02,562 करोड़ रुपये था. यह अक्टूबर 2023 में 13 फीसदी की तुलना में साल-दर-साल 56 फीसदी की बढ़ोतरी को दिखाता है.

  • आर्थिक अनिश्चितता- बढ़ती महंगाई, शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव वाले प्रदर्शन और वैश्विक वित्तीय अस्थिरता के साथ कई भारतीय एक विश्वसनीय विकल्प के रूप में गोल्ड लोन की ओर रुख कर रहे हैं. पारंपरिक रूप से आर्थिक उथल-पुथल के दौरान सोने को एक सुरक्षित आश्रय के रूप में देखा जाता है. लोग इंस्टेंट फाइनेंसिंग सुरक्षित करने के लिए अपने सोने को गिरवी रख रहे हैं.
  • पहुंच में आसानी और कम ब्याज दरें- पारंपरिक लोन के रूपों की तुलना में गोल्ड लोन तक पहुंच आसान है. बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (NBFC) कम डॉक्यूमेंट और फास्ट प्रॉसेसिंग समय के साथ गोल्ड लोन देती हैं.
  • सोने का सांस्कृतिक महत्व- सोना भारतीय संस्कृति में गहराई से समाया हुआ है, जिसे अक्सर धन और सुरक्षा के प्रतीक के रूप में देखा जाता है. परिवारों के लिए सोने के आभूषणों को एक एसेट के रूप में रखना आम बात है, जिसे गोल्ड लोन के माध्यम से आसानी से कैश में बदला जा सकता है.

भारत में गोल्ड लोन में उछाल कई व्यक्तियों द्वारा सामना की जाने वाली आर्थिक चुनौतियों को दिखाती है. लेकिन यह आबादी की वित्तीय लचीलापन को भी दिखाती है.

गोल्ड लोन के मुकाबले अन्य लोन में गिरावट
अन्य पर्सनल लोन क्षेत्रों में धीमी बढ़ोतरी देखी गई है. सात महीने की अवधि के दौरान होम लोन 5.6 फीसदी बढ़कर 28.7 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 12.1 फीसदी की बढ़ोतरी है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 36.6 फीसदी कम है.

ऑनलाइन लेनदेन में बढ़ोतरी के कारण क्रेडिट कार्ड लोन 9.2 फीसदी बढ़कर 2.81 लाख करोड़ रुपये हो गया. अनसिक्योर्ड लोन सहित अन्य पर्सनल लोन में मामूली 3.3 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई.

कुल बैंक लोन 4.9 फीसदी बढ़कर 172.4 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि इंडस्ट्रियल लोन में 3.3 फीसदी की बढ़ोतरी हुई.

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नई दिल्ली: भारत में गोल्ड लोन में उछाल देखने को मिल रहा है. हाल ही में आई रिपोर्ट्स में गोल्ड के बदले लोन के मूल्य में रिकॉर्ड बढ़ोतरी का संकेत दिया गया है. यह बढ़ता रुझान देश में बदलते वित्तीय परिदृश्य को दिखाता है. क्योंकि अधिक से अधिक लोग लिक्विडिटी के सोर्स के रूप में अपनी कीमती धातुओं की ओर रुख कर रहे हैं. आज हम इस खबर के माध्यम से जानेंगे कि आखिर गोल्ड लोन में क्यों लगातार बढ़ोतरी हो रहा है. इसका भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए क्या मायने है.

गोल्ड लोन में लगातार उछाल
भारत में गोल्ड लोन में उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखी गई है. 18 अक्टूबर 2024 को समाप्त होने वाले इस वित्तीय वर्ष के पहले सात महीनों में सोने के आभूषणों द्वारा सुरक्षित बैंक लोन में 50.4 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के आंकड़ों के अनुसार यह उछाल अन्य पर्सनल लोन श्रेणियों के उल्टा है, जिनमें एकल अंकों की बढ़ोतरी देखी गई है.

RBI के मुताबिक इस साल जुलाई में गोल्ड ज्वैलरी के बदले लोन में लगभग 40 फीसदी और जून में 31 फीसदी की बढ़ोतरी हुई, जबकि पिछले साल इसी महीने में यह 16 फीसदी और 19 फीसदी थी. इसी तरह, इस साल मई में गोल्ड लोन में 30 फीसदी की बढ़ोतरी हुई, जबकि मई 2023 में यह केवल 15 फीसदी थी.

गोल्ड लोन में उछाल के कारण
18 अक्टूबर तक कुल बकाया गोल्ड लोन 1,54,282 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो मार्च 2024 में 1,02,562 करोड़ रुपये था. यह अक्टूबर 2023 में 13 फीसदी की तुलना में साल-दर-साल 56 फीसदी की बढ़ोतरी को दिखाता है.

  • आर्थिक अनिश्चितता- बढ़ती महंगाई, शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव वाले प्रदर्शन और वैश्विक वित्तीय अस्थिरता के साथ कई भारतीय एक विश्वसनीय विकल्प के रूप में गोल्ड लोन की ओर रुख कर रहे हैं. पारंपरिक रूप से आर्थिक उथल-पुथल के दौरान सोने को एक सुरक्षित आश्रय के रूप में देखा जाता है. लोग इंस्टेंट फाइनेंसिंग सुरक्षित करने के लिए अपने सोने को गिरवी रख रहे हैं.
  • पहुंच में आसानी और कम ब्याज दरें- पारंपरिक लोन के रूपों की तुलना में गोल्ड लोन तक पहुंच आसान है. बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (NBFC) कम डॉक्यूमेंट और फास्ट प्रॉसेसिंग समय के साथ गोल्ड लोन देती हैं.
  • सोने का सांस्कृतिक महत्व- सोना भारतीय संस्कृति में गहराई से समाया हुआ है, जिसे अक्सर धन और सुरक्षा के प्रतीक के रूप में देखा जाता है. परिवारों के लिए सोने के आभूषणों को एक एसेट के रूप में रखना आम बात है, जिसे गोल्ड लोन के माध्यम से आसानी से कैश में बदला जा सकता है.

भारत में गोल्ड लोन में उछाल कई व्यक्तियों द्वारा सामना की जाने वाली आर्थिक चुनौतियों को दिखाती है. लेकिन यह आबादी की वित्तीय लचीलापन को भी दिखाती है.

गोल्ड लोन के मुकाबले अन्य लोन में गिरावट
अन्य पर्सनल लोन क्षेत्रों में धीमी बढ़ोतरी देखी गई है. सात महीने की अवधि के दौरान होम लोन 5.6 फीसदी बढ़कर 28.7 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 12.1 फीसदी की बढ़ोतरी है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 36.6 फीसदी कम है.

ऑनलाइन लेनदेन में बढ़ोतरी के कारण क्रेडिट कार्ड लोन 9.2 फीसदी बढ़कर 2.81 लाख करोड़ रुपये हो गया. अनसिक्योर्ड लोन सहित अन्य पर्सनल लोन में मामूली 3.3 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई.

कुल बैंक लोन 4.9 फीसदी बढ़कर 172.4 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि इंडस्ट्रियल लोन में 3.3 फीसदी की बढ़ोतरी हुई.

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