नई दिल्ली: उद्योगपति गौतम अडाणी ने कहा कि पिछले साल पेश हुईं जांचों तथा कठिनाइयों ने अडाणी समूह को और मजबूत बनाया है. इससे यह वृद्धि की राह पर आगे बढ़ रहा है. अडाणी ने हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के एक साल पूरे होने पर यह बयान दिया है. बता दें कि हिंडनबर्ग रिसर्च की 24 जनवरी 2023 को जारी रिपोर्ट में अडाणी समूह की कंपनियों पर शेयरों के भाव में हेराफेरी और वित्तीय गड़बड़ियां करने के आरोप लगाए थे.
हालांकि, समूह ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था. अडाणी ने एक समाचार पत्र में लिखे लेख में कहा कि समूह ने कुछ कंपनियों में हिस्सेदारी की बिक्री के जरिए 40,000 करोड़ रुपये की इक्विटी जुटाई है. जो अगले दो वर्षों के लिए लोन चुकौती के बराबर है. समूह ने मार्जिन-लिंक्ड वित्तपोषण के 17,500 करोड़ रुपये चुकाए और कर्ज में कटौती की है.
अडाणी ने बताया कि ग्रुप ने घाटे की भरपाई कर ली
गौतम अडाणी ने कहा कि समूह की अधिकतर सूचीबद्ध कंपनियों ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद हुए घाटे की भरपाई कर ली है. उन्होंने कहा कि हम अपनी वृद्धि की गति को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं. समूह ने अपना निवेश जारी रखा है, जिसका प्रमाण हमारी परिसंपत्ति आधार में 4.5 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि है. अडाणी ने कहा कि इस दौरान (पिछले एक वर्ष की अवधि में) कई प्रमुख परियोजनाओं को शुरू किया गया. जिसमें खावड़ा (गुजरात) में दुनिया की सबसे बड़ी नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन साइट, एक नया तांबा स्मेल्टर, एक हरित हाइड्रोजन परिवेश और धारावी (मुंबई की झुग्गियां) का बहुप्रतीक्षित पुनर्विकास शामिल हैं.
अडाणी ने हिंडनबर्ग रिसर्च को बताया झूठा
अडाणी ने हिंडनबर्ग रिसर्च के धोखाधड़ी तथा शेयर बाजार में हेरफेर के आरोप को झूठा... करार दिया. उन्हेंने कहा कि इन आरोपों का पहले ही निपटारा हो चुका था और उनके आलोचक इन्हें फिर से तूल देने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि एक शोध रिपोर्ट (हिंडनबर्ग रिपोर्ट) के रूप में पूरी तरह से मनगढ़ंत.... उसे सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी को लेकर, बेहद चतुराई से कुछ ही तथ्यों का चयन कर तैयार किया गया. अडाणी अभी विश्व अरबपतियों की सूची में 14वें स्थान पर हैं.