कैलिफोर्निया: ट्विटर के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी एलन मस्क और एक्स कॉर्प पर मुकदमा कर रहे हैं. उनका कहना है कि वे अवैतनिक विच्छेद भुगतान (सेवरन्स पेमेंट) में कुल 128 मिलियन डॉलर से अधिक के हकदार हैं. ट्विटर के पूर्व सीईओ पराग अग्रवाल, मुख्य वित्तीय अधिकारी नेड सेगल, मुख्य कानूनी सलाहकार विजया गड्डे और जनरल काउंसिल सीन एडगेट ने सोमवार को दायर मुकदमे में दावा किया कि उन्हें 2022 में उस दिन बिना किसी कारण के निकाल दिया गया था. यह घटना मस्क ने ट्विटर के अधिग्रहण पूरा होने के बाद की है. बाद में मस्क ने इसका नाम बदलकर एक्स कर दिया.
अधिकारियों का कहना है कि क्योंकि वह (मस्क) अपनी विच्छेद (सेवरन्स) राशि का भुगतान नहीं करना चाहते हैं. मस्क ने फर्जी कारण बनाया और अपने फैसले को बरकरार रखने के लिए अपनी विभिन्न कंपनियों के कर्मचारियों को नियुक्त किया.
मुकदमे में कहा गया है कि सेवरन्स और बिलों का भुगतान न करना मस्क के लिए एक पैटर्न का हिस्सा है. कैलिफोर्निया के उत्तरी जिले में संघीय अदालत में दायर मुकदमे में कहा गया है कि मस्क के नियंत्रण में, एक्स ( अब ट्विटर) कर्मचारियों, मकान मालिकों, विक्रेताओं और अन्य लोगों को परेशान करने वाला एक संस्थान बन गया है.
पूर्व कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि मस्क अपने बिलों का भुगतान नहीं करते, वह मानते हैं कि नियम उन पर लागू नहीं होते हैं. आरोप है कि जो भी उनसे असहमत होता है उनके साथ दुर्व्यवहार करने के लिए वह अपने धन और शक्ति का उपयोग करते हैं.
मस्क और सैन फ्रांसिस्को स्थित एक्स के प्रतिनिधियों ने सोमवार को टिप्पणी के लिए एपी की ओर से पूछे गये सवालों का तुरंत जवाब नहीं दिया. पूर्व अधिकारियों का दावा है कि डील के मुताबिक उन्हें निकाले जाने की स्थिति में एक वर्ष का वेतन और ट्विटर के अधिग्रहण मूल्य पर मूल्यांकित अनवेस्टेड स्टॉक मिलना चाहिए था. मस्क ने अक्टूबर 2022 में नियंत्रण लेते हुए कंपनी को $44 बिलियन या $54.20 प्रति शेयर पर खरीदा.
उनका कहना है कि उन सभी को बिना कारण बताए नौकरी से निकाल दिया गया. विच्छेद योजनाओं के तहत 'कारण' को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया था. जैसे कि किसी घोर अपराध के लिए दोषी ठहराया जाना, घोर लापरवाही या जानबूझकर कदाचार करने जैसा.
मुकदमे के अनुसार, मस्क ने बर्खास्तगी का एकमात्र कारण 'घोर लापरवाही और जानबूझकर कदाचार' बताया, क्योंकि ट्विटर ने अधिग्रहण की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए बाहरी वकीलों को भुगतान किया था. अधिकारियों का कहना है कि उन्हें कंपनी के प्रति उनके काम के लिए वकीलों को शुल्क का भुगतान करना आवश्यक था.
मुकदमे में कहा गया है कि अगर मस्क को लगता है कि वकीलों की फीस का भुगतान, या कोई अन्य भुगतान अनुचित था, तो उनका उन्हें इस डील में आगे नहीं बढ़ना चाहिए था ना कि डील होने के बाद अधिकारियों के सेवरन्स भुगतान को रोकना चाहिए था. मुकदमे में कहा गया है कि एक्स ने अपने वित्तीय दायित्वों के प्रति जो अहंकारी रवैया दिखाया है, उसके अनुरूप, इन बढ़ते मुकदमों के जवाब में मस्क का रवैया कथित तौर पर 'उन्हें मुकदमा करने देने' का रहा है.