नई दिल्ली: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने कर्मचारी जमा संबद्ध बीमा यानी EDLI स्कीम की अवधि को तीन साल के लिए बढ़ा दिया है. इस फैसले से करीब 6 करोड़ कर्मचारियों को फायदा मिलेगा. ईडीएलआई स्कीम के तहत ईपीएफओ सदस्य को 7 लाख रुपये तक का जीवन बीमा फ्री में मिलेगा.
इससे पहले 28 अप्रैल 2021 को ईडीएलआई योजना के तहत ईपीएफओ सब्सक्राइबर के उत्तराधिकारियों को मिलने वाले इंश्योरेंस बेनेफिट्स को तीन सालों के लिए बढ़ाया गया था. साथ ही ईपीएफओ ने 7 लाख रुपये तक के बीमा का लाभ लेने के लिए नियमों में ढील देने की घोषणा भी की है.
कब शुरू हुई थी EDLI स्कीम?
EDLI स्कीम की शुरुआत साल 1976 में हुई थी. इसका उद्देश्य ईपीएफओ के सदस्यों को बीमा लाभ देना है. ऐसे में अगर ईपीएफओ सदस्य की मौत हो जाती है उसके तो परिवार को आर्थिक परेशानियों का सामना न करना पड़े. यह बीमा राशि ईपीएफ अकाउंट होल्डर्स के नॉमिनी को मिलती है. वहीं, अगर किसी कर्मचारी ने किसी को नॉमिनी नहीं बनाया है तो यह बीमा राशि उसके कानूनी उत्तराधिकारियों को दी जाती है.
कितनी मिलती है बीमा राशि?
EDLI स्कीम के तहत मिलने वाली बीमा राशि को कर्मचारी की पिछले 12 महीनों की सैलरी के आधार पर तय किया जाता है. कर्मचारी की मौत होने पर नॉमिनी को उसके पिछले 12 महीने की औसत सैलरी की 30 गुना राशि मिलती है. साथ ही 20 फीसदी बोनस भी दिया जाता है. बता दें कि ईपीएफओ सदस्य को पहले डेढ़ लाख रुपये का बोनस मिलता था, जिसको बढ़ाकर 1 लाख 75 हजार कर दिया गया है.
EDLI स्कीम के तहत किसी भी ईपीएफओ अकाउंट होल्डर को मिनिमम 2.5 लाख और अधिकतम 7 लाख रुपये का इंश्योरेंस क्लेम मिल सकता है. न्यूनतम क्लेम पाने के लिए अकाउंट ने कम से कम लगातार 12 महीने तक नौकरी करना जरूरी होता है. नौकरी छोड़ने वाले खाताधारक को इंश्योरेंस का लाभ नहीं दिया जाता.
उल्लेखनीय है कि इस इंश्योरेंस का दावा तभी किया जा सकता है, जब पीएफ अकाउंट होल्डर की मौत नौकरी के दौरान हुई है. इस दौरान चाहे वह ऑफिस में काम कर रहा हो या छुट्टी पर हो.
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