नई दिल्ली: रिटायरमेंट फंड का प्रबंधन करने वाली संस्था ईपीएफओ ने नियोक्ताओं के लिए माफी योजना को मंजूरी दे दी. इसके तहत उन्हें बिना किसी जुर्माने के पिछले भविष्य निधि बकाया जमा करने की अनुमति होगी. इसके अलावा ईपीएफ योजना 1952 में संशोधन को भी मंजूरी दी गई है जिसके तहत निपटान की तारीख तक सदस्यों को ब्याज का भुगतान किया जाएगा.
श्रम मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया की अध्यक्षता में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की शीर्ष निर्णय लेने वाली संस्था केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) ने केंद्र सरकार को ईपीएफओ माफी योजना 2024 की सिफारिश की है.
एमनेस्टी स्कीम 2024
ईपीएफओ ने में एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) में निवेश के लिए रिडेम्प्शन पॉलिसी और उन रिडेम्प्शन आय का 50 फीसदी ईटीएफ में पुनर्निवेश करने के साथ-साथ नियोक्ताओं के लिए स्वेच्छा से खुलासा करने और बिना किसी दंड के पिछले गैर-अनुपालन को सुधारने के लिए एक माफी योजना को मंजूरी दे दी. बोर्ड ने सेंट्रलाइज्ड पेंशन पेमेंट सिस्टम (सीपीपीएस) के पायलट पर भी चर्चा की, जिसे 31 दिसंबर को लॉन्च किए जाने की संभावना है.
ईपीएफओ अपने इंक्रीमेंटल फ्लो का 15 फीसदी तक इक्विटी में निवेश कर सकता है. ईपीएफओ ने अगस्त 2015 में सेंसेक्स या निफ्टी पर ईटीएफ के माध्यम से इक्विटी में 5 फीसदी के निवेश के साथ शुरुआत की थी. इसके बाद 2017 से ईटीएफ में निवेश को बढ़ाकर ताजा वृद्धि का 15 फीसदी कर दिया गया.
ईपीएफओ, जिसके 7.37 करोड़ अंशदाता ग्राहक हैं और कुल 32.56 करोड़ सदस्य हैं, ने प्रतिफल में सुधार के लिए अगले छह वर्षों में ईटीएफ रिडेम्प्शन अवधि को 4 वर्ष से बढ़ाकर 7 वर्ष करने की योजना बनाई है. जबकि रिडेम्प्शन आय का 50 फीसदी भारत 22 और सीपीएसई ईटीएफ जैसे ईटीएफ के माध्यम से इक्विटी में पुनर्निवेशित किया जाएगा, शेष 50 फीसदी मौजूदा पैटर्न के अनुसार सरकारी प्रतिभूतियों और कॉर्पोरेट बॉन्ड जैसे अन्य परिसंपत्ति वर्गों में निवेश किया जाएगा.
ऑटो क्लेम सेटलमेंटल में बढ़ोतरी
बोर्ड ने ऑटो क्लेम सेटलमेंट सुविधा की सीमा को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये करने के पहले के फैसले पर भी चर्चा की, जो अब आवास, विवाह और शिक्षा के लिए अग्रिम के लिए लागू है. चालू वित्त वर्ष 2024-25 में ईपीएफओ ने ऑटो मोड में 1.15 करोड़ दावों का निपटान किया है.
सामाजिक सुरक्षा लाभ देने का उद्देश्य
बयान में कहा गया है कि इस योजना का उद्देश्य अधिक कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा लाभ देना, नियोक्ताओं के साथ विश्वास बहाल करना और कार्यबल के औपचारिकीकरण को बढ़ावा देना है. इस पहल से रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना को लागू करने में मदद मिलेगी, जिसकी घोषणा वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में की गई थी.
निपटान के डेट तक ब्याज का भुगतान
इस बीच, बोर्ड ने ईपीएफ योजना 1952 में संशोधन को भी मंजूरी दे दी, जिसके तहत सदस्यों को निपटान की तिथि तक ब्याज का भुगतान किया जाएगा. मौजूदा प्रावधानों के अनुसार, महीने की 24 तारीख तक निपटाए गए दावों के लिए, पिछले महीने के अंत तक ही ब्याज का भुगतान किया जाता है. इस संशोधन के कारण ईपीएफओ सदस्यों को अधिक वित्तीय लाभ मिलेगा और शिकायतें कम होंगी.
बोर्ड ने 28 अप्रैल, 2024 से पूर्वव्यापी प्रभाव से ईडीएलआई (कर्मचारी जमा लिंक्ड बीमा) लाभ के विस्तार की भी पुष्टि की. इस योजना के तहत, मृत्यु की स्थिति में सदस्य के आश्रितों को 2.5 लाख रुपये से 7 लाख रुपये तक का बीमा कवर दिया जाता है.