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EPFO के नए नियम से पेंशनधारकों की होगी मौज, जानें क्या हुआ बदलाव - EPS Withdrawal Rules Changed - EPS WITHDRAWAL RULES CHANGED

EPS withdrawal Rules- केंद्र सरकार ने कर्मचारी पेंशन योजना (EPS)-1995 में संशोधन किया है. इसके तहत अब छह महीने से कम सेवा वाले कर्मचारी भी EPS निकासी का लाभ उठा सकते हैं. पढ़ें पूरी खबर...

EPFO
(प्रतीकात्मक फोटो) (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 2, 2024, 1:57 PM IST

नई दिल्ली: बार-बार नौकरी बदलने वालों को खुशखबरी है. केंद्र सरकार ने कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) के नियमों में बदलाव किए हैं. नए नियम के मुताबिक छह महीने से कम सर्विस वाले कर्मचारी EPS में जमा पैसे निकाल सकते हैं. पहले नियम था कि EPS में जमा रकम निकालने के लिए कम से कम 6 महीने की सर्विस होनी चाहिए. हाल ही में केंद्र ने इसमें संशोधन करने का फैसला लिया है. इससे 7 लाख PF सब्सक्राइबर्स को राहत मिली है.

क्या है नया नियम?
अब तक 6 महीने की सर्विस पूरी करने से पहले नौकरी छोड़ने या बदलने वाले कर्मचारी सिर्फ अपना EPF कंट्रीब्यूशन ही निकाल सकते थे. EPS में जमा कैश नहीं निकाला जा सकता था. लेकिन अब केंद्र सरकार के लाए गए नए नियम से कर्मचारी छह महीने की सर्विस पूरी न होने पर भी अपना EPF और EPS कंट्रीब्यूशन निकाल सकते हैं.

कितना है EPFO ​​कंट्रीब्यूशन?
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) योजना के तहत हर कर्मचारी के वेतन का 12 फीसदी EPF खाते में जाता है. यह रकम मालिक द्वारा जमा की जाती है. हालांकि, नियोक्ता द्वारा दिए जाने वाले इस 12 फीसदी हिस्से में से 8.33 फीसदी EPS में जाता है. बचे 3.67 फीसदी कर्मचारी के EPF खाते में जाता है.

इस बदलाव का उद्देश्य क्या है?
संशोधन से छह महीने से कम सेवा वाले 7 लाख ईपीएस ग्राहकों को लाभ मिलेगा. इसके अलावा, केंद्र ने टेबल 'डी' में भी बदलाव किया है. इसके जरिए मासिक आधार पर सेवा पर विचार किया जाएगा. इससे कर्मचारियों को ईपीएस का लाभ मिलेगा.

टेबल डी क्या है?
टेबल डी उन सदस्यों को संदर्भित करता है जिन्होंने ईपीएस योजना पात्रता के लिए आवश्यक सेवाएं नहीं दी हैं या जिन्होंने 58 वर्ष की आयु पूरी कर ली है. लेकिन हर साल कई ईपीएस सदस्य इस योजना का लाभ नहीं उठा पाते हैं. ऐसा दस साल की कंट्रीब्यूशन सेवा की कमी के कारण होता है. हालांकि, केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में 30 लाख से अधिक ईपीएस निकासी दावों का निपटारा किया गया है.

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नई दिल्ली: बार-बार नौकरी बदलने वालों को खुशखबरी है. केंद्र सरकार ने कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) के नियमों में बदलाव किए हैं. नए नियम के मुताबिक छह महीने से कम सर्विस वाले कर्मचारी EPS में जमा पैसे निकाल सकते हैं. पहले नियम था कि EPS में जमा रकम निकालने के लिए कम से कम 6 महीने की सर्विस होनी चाहिए. हाल ही में केंद्र ने इसमें संशोधन करने का फैसला लिया है. इससे 7 लाख PF सब्सक्राइबर्स को राहत मिली है.

क्या है नया नियम?
अब तक 6 महीने की सर्विस पूरी करने से पहले नौकरी छोड़ने या बदलने वाले कर्मचारी सिर्फ अपना EPF कंट्रीब्यूशन ही निकाल सकते थे. EPS में जमा कैश नहीं निकाला जा सकता था. लेकिन अब केंद्र सरकार के लाए गए नए नियम से कर्मचारी छह महीने की सर्विस पूरी न होने पर भी अपना EPF और EPS कंट्रीब्यूशन निकाल सकते हैं.

कितना है EPFO ​​कंट्रीब्यूशन?
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) योजना के तहत हर कर्मचारी के वेतन का 12 फीसदी EPF खाते में जाता है. यह रकम मालिक द्वारा जमा की जाती है. हालांकि, नियोक्ता द्वारा दिए जाने वाले इस 12 फीसदी हिस्से में से 8.33 फीसदी EPS में जाता है. बचे 3.67 फीसदी कर्मचारी के EPF खाते में जाता है.

इस बदलाव का उद्देश्य क्या है?
संशोधन से छह महीने से कम सेवा वाले 7 लाख ईपीएस ग्राहकों को लाभ मिलेगा. इसके अलावा, केंद्र ने टेबल 'डी' में भी बदलाव किया है. इसके जरिए मासिक आधार पर सेवा पर विचार किया जाएगा. इससे कर्मचारियों को ईपीएस का लाभ मिलेगा.

टेबल डी क्या है?
टेबल डी उन सदस्यों को संदर्भित करता है जिन्होंने ईपीएस योजना पात्रता के लिए आवश्यक सेवाएं नहीं दी हैं या जिन्होंने 58 वर्ष की आयु पूरी कर ली है. लेकिन हर साल कई ईपीएस सदस्य इस योजना का लाभ नहीं उठा पाते हैं. ऐसा दस साल की कंट्रीब्यूशन सेवा की कमी के कारण होता है. हालांकि, केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में 30 लाख से अधिक ईपीएस निकासी दावों का निपटारा किया गया है.

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