नई दिल्ली: मसालों और पाक जड़ी-बूटियों पर कोडेक्स समिति (सीसीएससीएच) की बैठक के सातवें सत्र में पांच मसालों के गुणवत्ता मानकों को अंतिम रूप दिया गया है. इसमें छोटी इलायची, हल्दी, जुनिपर बेरी, ऑलस्पाइस और स्टार ऐनीज शामिल है. बता दें कि कोच्चि में 29 जनवरी 2024 से 2 फरवरी 2024 तक सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस कदम से भारत को खाद्य सुरक्षा और उपभोक्ता संरक्षण के मोर्चे पर वैश्विक बाजारों में इन मसालों से संबंधित व्यापार विवादों को सुलझाने में मदद मिलेगी.
भारत से मसालों का निर्यात
वित्त वर्ष 2023 (23 अगस्त तक उपलब्ध आंकड़े) में भारत से कुल मसाला निर्यात 3.95 बिलियन अमेरिकी डॉलर (31,761 करोड़ रुपये) था, चालू वित्त वर्ष में वृद्धि लगभग 6 फीसदी रही है. वित्त वर्ष 24 के अप्रैल से अगस्त तक, भारत ने 1.77 बिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य के 6,60310 टन मसालों का निर्यात किया, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि में 1.67 बिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य के 5,73198 टन मसालों का निर्यात किया गया था.
कोविड-19 के बाद बैठक का पहला सेशन
कोविड-19 महामारी के बाद, CCSCH7 इस समिति का भौतिक रूप से आयोजित होने वाला पहला सत्र था. सत्र में 31 देशों के 109 प्रतिनिधियों ने भाग लिया. सीसीएससीएच ने मसालों के इन पांच मानकों को अंतिम चरण 8 में पूर्ण कोडेक्स मानकों के रूप में अपनाने की सिफारिश करते हुए कोडेक्स एलिमेंटेरियस कमीशन (सीएसी) को भेज दिया है.
पहली बार मसालों के समूहीकरण को किया गया लागू
इस समिति में पहली बार मसालों के समूहीकरण की रणनीति को सफलतापूर्वक लागू किया गया. इस प्रकार, समिति ने वर्तमान सत्र में 'फलों और जामुनों से प्राप्त मसालों' (3 मसालों, अर्थात् जुनिपर बेरी, ऑलस्पाइस और स्टार ऐनीज़ को कवर करते हुए) के लिए पहले समूह मानक को अंतिम रूप दिया. वेनिला के लिए मसौदा मानक चरण 5 में आगे बढ़ गया है. समिति के अगले सत्र में चर्चा के लिए उठाए जाने से पहले सदस्य देशों द्वारा इसकी एक और दौर की जांच की जाएगी.
पहली बार बड़ी संख्या में लैटिन अमेरिकी देशों की भागीदारी
सूखे धनिये के बीज, बड़ी इलायची, मीठी मार्जोरम और दालचीनी के लिए कोडेक्स मानकों के विकास के प्रस्ताव समिति के समक्ष रखे गए और स्वीकार कर लिए गए. समिति अपने आगामी संस्करणों में इन चार मसालों के लिए मसौदा मानकों पर काम करेगी. सीसीएससीएच के 7वें सत्र में पहली बार बड़ी संख्या में लैटिन अमेरिकी देशों की भागीदारी देखी गई.
अगली बैठक 18 माह बाद
बता दें कि समिति की अगली बैठक 18 माह बाद आयोजित की जायेगी. अंतरिम के दौरान, विभिन्न देशों की अध्यक्षता वाले इलेक्ट्रॉनिक कार्य समूह (ईडब्ल्यूजी) बहुराष्ट्रीय परामर्श की प्रक्रिया जारी रखेंगे, जिसका उद्देश्य विज्ञान-आधारित साक्ष्यों पर भरोसा करते हुए मानकों को विकसित करना है. एफएओ और डब्ल्यूएचओ द्वारा संयुक्त रूप से स्थापित कोडेक्स एलिमेंटेरियस कमीशन (सीएसी) 194 से अधिक देशों की सदस्यता वाला एक अंतरराष्ट्रीय, अंतरसरकारी निकाय है, जो रोम में स्थित है. इसे मानव भोजन के बारे में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत मानकों को तैयार करने का काम सौंपा गया है. सीएसी विभिन्न सदस्य देशों द्वारा आयोजित सीसीएससीएच सहित विभिन्न कोडेक्स समितियों के माध्यम से अपना काम करती है.
साल 2013 में कोडेक्स समिति की स्थापना
मसालों और पाक जड़ी-बूटियों पर कोडेक्स समिति (सीसीएससीएच) की स्थापना 2013 में कोडेक्स एलिमेंटेरियस कमीशन (सीएसी) के तहत कमोडिटी समितियों में से एक के रूप में की गई थी. भारत शुरू से ही इस प्रतिष्ठित समिति की मेजबानी कर रहा है और मसाला बोर्ड भारत सचिवालय संगठन के रूप में कार्य करता है जो समिति के सत्रों का आयोजन करता है.
सीएसी दुनिया भर में खाद्य मानकों में योगदान करते
सीएसी के मानकों को डब्ल्यूटीओ द्वारा खाद्य सुरक्षा और उपभोक्ता संरक्षण से संबंधित व्यापार विवादों के समाधान के लिए अंतरराष्ट्रीय संदर्भ बिंदु के रूप में मान्यता प्राप्त है. सीसीएससीएच सहित सीएसी के तहत समितियों द्वारा विकसित मानक स्वैच्छिक हैं. सीएसी के सदस्य देश अपने राष्ट्रीय मानकों को संरेखित करने के लिए उन्हें संदर्भ मानकों के रूप में अपनाते हैं और उपयोग करते हैं. सीएसी के कार्य दुनिया भर में खाद्य मानकों के सामंजस्य में योगदान करते हैं, भोजन में निष्पक्ष वैश्विक व्यापार की सुविधा प्रदान करते हैं और वैश्विक उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए खाद्य सुरक्षा को बढ़ाते हैं.