नई दिल्ली: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) भारत में श्रम और रोजगार मंत्रालय के तहत एक वैधानिक निकाय है. यह संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए भविष्य निधि योजनाओं का मैनेज करता है. ईपीएफओ का प्राथमिक उद्देश्य रिटायरमेंट के दौरान कर्मचारियों के लिए वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करना है.
EPFO सदस्यता के लिए एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
- 15,000 रुपये प्रति माह तक का मूल वेतन और महंगाई भत्ता पाने वाले कर्मचारी ईपीएफओ सदस्यता के लिए पात्र हैं.
- एस्टीबिलसटमेंट को ईपीएफ अधिनियम, 1952 के तहत कवर किया जाना चाहिए.
- व्यक्ति की आयु 18 से 58 वर्ष के बीच होनी चाहिए और उसे 20 से अधिक कर्मचारियों वाले संगठन का कर्मचारी होना चाहिए.
क्या 10,000 रुपये के बेसिक सैलरी के साथ ईपीएफओ सदस्य बन सकते है?
15,000 रुपये तक का बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता पाने वाले कर्मचारी ईपीएफओ सदस्यता के लिए पात्र हैं. 15,000 रुपये तक की मूल तनख्वाह वाले कर्मचारी ही ईपीएफओ सदस्य बनने के पात्र हैं. आपको बता दें कि 10,000 रुपये तक का बेसिक सैलरी पाने वाला कर्मचारी ईपीएफओ सदस्यता के लिए एलिजिबल नहीं है.
- 15,000 रुपये तक का बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता पाने वाले कर्मचारी ईपीएफओ सदस्य बनने के एलिजिबल हैं.
- भविष्य में वेतन 15,000 रुपये से अधिक होने पर भी कर्मचारी सदस्य बना रहेगा, लेकिन अंशदान 1,800 रुपये तक सीमित रहेगा.
- नियोक्ता को भी 1,800 रुपये तक का मिलान अंशदान करना होगा.
- 15,000 रुपये से अधिक वेतन पाने वाले कर्मचारी भी ईपीएफ योजना के पैरा 26(6) के तहत विकल्प देकर ईपीएफओ सदस्य बन सकते हैं. यह विकल्प ईपीएफ कार्यालय में शामिल होने के छह महीने के भीतर प्रस्तुत किया जाना चाहिए.