नई दिल्ली: नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) ने भारत में संचालित प्रमुख एयरलाइनों में सामान प्रबंधन प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने के लिए एक निर्णायक कदम उठाया है. 16 फरवरी, 2024 को, बीसीएएस ने सात प्रमुख एयरलाइनों, एयर इंडिया, इंडिगो, अकासा, स्पाइसजेट, विस्तारा, एयर इंडिया एक्सप्रेस कनेक्ट और एयर इंडिया एक्सप्रेस को पत्र किया. इस पत्र में उनसे सामान की समय पर डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक उपाय लागू करने का आग्रह किया गया है.
बीसीएएस ने देश के छह प्रमुख हवाई अड्डों पर एक व्यापक सर्वेक्षण किया, जिसमें सात एयरलाइनों के संचालन की जांच की गई. उनके सामान वितरण प्रक्रियाओं के साथ 3600 से अधिक उड़ान गतिविधियों का विश्लेषण किया गया. नियमों के अनुसार कि एयरलाइंस को विमान का इंजन बंद होने के बाद 10 से 30 मिनट की समय सीमा के भीतर यात्रियों के सामान की डिलीवरी सुनिश्चित करना आवश्यक है.
यह निर्देश सामान वितरण की समयबद्धता और सोशल मीडिया और अन्य विंडो के माध्यम से शिकायतों की प्राप्ति के संबंध में चिंताओं के जवाब में आया है. शिकायतों में बताया गया था कि यात्रियों को हवाई अड्डे पर उतरने के बाद देर से सामान वितरण का शिकार होना पड़ता है.
ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में विमानन मंत्रालय ने जनवरी 2024 में एक कठोर निगरानी अभ्यास शुरू किया. यह अभ्यास देश भर के छह प्रमुख हवाई अड्डों में निर्दिष्ट बेल्ट तक सामान पहुंचने में लगने वाले समय को ट्रैक करने पर केंद्रित है. हालांकि समीक्षा की शुरुआत के बाद से प्रदर्शन में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, लेकिन कोई भी एयरलाइन लगातार निर्धारित मानकों को पूरा नहीं कर पाई है. ओएमडीए का कहना है कि पहला सामान इंजन बंद होने के 10 मिनट के भीतर कन्वेयर बेल्ट तक पहुंच जाना चाहिए.
वर्तमान में, निगरानी प्रयास छह प्रमुख हवाई अड्डों पर केंद्रित हैं. हालांकि, बीसीएएस ने एयरलाइंस को अपने परिचालन दायरे में सभी हवाई अड्डों पर अपने अनुपालन उपायों का विस्तार करने का निर्देश दिया है. इस व्यापक दायरे का उद्देश्य विमानन क्षेत्र में अनिवार्य सेवा स्तरों की एकरूपता और अनुपालन सुनिश्चित करना है.
मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि बीसीएएस ने एयरलाइंस के लिए आवश्यक उपायों को लागू करने के लिए 26 फरवरी, 2024 की लक्ष्य तिथि के साथ 10 दिनों की समय सीमा तय की है. इन निर्देशों का पालन करने में विफलता के परिणामस्वरूप आगे नियामक कार्रवाई हो सकती है.
बीसीएएस का यह कदम विमानन उद्योग के भीतर यात्री अनुभव और परिचालन दक्षता बढ़ाने के महत्व को रेखांकित करता है. समय पर सामान वितरण को प्राथमिकता देकर, एयरलाइंस ग्राहकों की संतुष्टि बढ़ा सकती हैं. सेवा उत्कृष्टता के उच्चतम मानकों को कायम रख सकती हैं.