नई दिल्ली: बैंक एक महीने में 25 साल से कम उम्र के ग्रेजुएट्स को अप्रेंटिस के तौर पर नियुक्त करने पर विचार कर रहे हैं. यह कदम वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट में की गई घोषणा के बाद उठाया गया है. इसके तहत सरकार अगले पांच सालों में 1 करोड़ युवाओं को टॉप 500 कंपनियों में इंटर्नशिप देने का लक्ष्य बना रही है. बता दें कि योजना के एक महीने के भीतर लागू होने की संभावना है.
स्टीफन क्या मिलेगा?
इंडियन बैंक्स एसोसिएशन के मुख्य कार्यकारी सुनील मेहता ने समाचार एजेंसी को बताया कि लेंडर ऐसे उम्मीदवारों को 5,000 रुपये प्रति महीने का स्टीफन देंगे, जो इस दौरान विशेष कौशल सेट पर ट्रेनिंग लेंगे.
योजना को लागू करने में बैंकों की भूमिका के बारे में बताते हुए मेहता ने कहा कि ऐसे कई क्षेत्र हैं, जहां हमें किसी कुशल जनशक्ति की आवश्यकता नहीं है, उदाहरण के लिए मार्केटिंग, रिकवरी. हम उन्हें उन क्षेत्रों में ट्रेनिंग दे सकते हैं और वे अपने लिए रोजगार पैदा कर सकते हैं.
इंटर्नशिप योजना के फायदे
- उम्मीदवारों को 5,000 रुपये प्रति महीने का स्टीफन दिया जाएगा.
- ट्रेनी के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की आयु 21-25 वर्ष के बीच होनी चाहिए.
- अप्लाई करने वाले टैक्सपेयर नहीं होना चाहिए.
- ट्रेनी के पास आईआईटी या आईआईएम जैसे टॉप संस्थानों से डिग्री नहीं होनी चाहिए.
- ट्रेनी को 12 महीने तक के लिए काम पर रखा जा सकता है.
ट्रेनिंग के बाद की संभावनाएं
उम्मीदवार बैंकों में काम करने के बाद गायब नहीं होंगे, उन्होंने कहा कि उनमें से कुछ के कर्मचारियों के रूप में शामिल होने की भी संभावना है. इस योजना के कार्यान्वयन के लिए सरकार का समर्थन भी मिलेगा.