मुंबई: योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद एफएमसीजी मार्केट में अपना पैठ जमाने के बाद अब सॉफ्टवेयर के फील्ड में उतरने की तैयारी कर रही हैं. अपने इस शुरुआत के लिए कंपनी करोड़ों रुपये खर्च करने को तैयार है. कथित तौर पर पतंजलि आयुर्वेद ने कर्ज में डूबी IT कंपनी रोल्टा इंडिया को खरीदने में दिलचस्पी दिखा रही है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पुणे स्थित एशडन प्रॉपर्टीज को रोल्टा के लिए सबसे ऊंची बोली लगाने वाली कंपनी घोषित किए जाने के कुछ ही हफ्ते बाद बाबा रामदेव की अगुवाई वाली कंपनी पतंजलि आयुर्वेद ने 830 करोड़ रुपये की कैश की पेशकश की है.
बता दें, पतंजलि ने यह पेशकश ऐसे समय पेश किया है, जब पिछले हफ्ते लोन देने वाले बैंकों के द्वारा अश्दान प्रॉपर्टीज को हाईएस्ट बिडर बताया जा चुका है. पतंजलि ने एनसीएलटी की मुंबई बेंच से अपने ऑफर पर विचार करने का आग्रह किया, जिसका अश्दान प्रॉपर्टीज ने विरोध किया है. दोनों पक्षों को सुनने के बाद एनसीएलटी ने इसका फैसला कर्जदाताओं की समिति के ऊपर छोड़ दिया है.
कमल सिंह प्रवर्तित रोल्टा एक रक्षा केंद्रित सॉफ्टवेयर कंपनी है. कंपनी को 2023 जनवरी महीने में बैंकरप्सी में शामिल किया गया था. इस पर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (यूबीआई) का कुल 7,100 करोड़ रुपये और सिटीग्रुप के नेतृत्व वाले असुरक्षित विदेशी बांड धारकों का 6,699 करोड़ रुपये बकाया है.
रोल्टा ने पहली बार 2016 में विदेशी मुद्रा ऋण पर चूक की. तीन बार दिवालिया होने से बचने के बाद, यूनियन बैंक द्वारा याचिका दायर करने के बाद यह अंततः एनसीएलटी टेबल पर आ गया. कंपनी रक्षा और गृह भूमि सुरक्षा, बिजली, वित्तीय सेवाएं, विनिर्माण, खुदरा और स्वास्थ्य सेवा में सेवाएं प्रदान करती है. वित्तीय वर्ष 2022 में कंपनी को 1000 करोड़ रुपये का घाटा हुआ जबकि इस दौरान राजस्व केवल 38 करोड़ रुपये था.
रोल्टा की रियल एस्टेट, विशेष रूप से मुंबई में, बोलीदाताओं के लिए संभावित आकर्षण हो सकती है. बता दें, पतंजलि आयुर्वेद होम डिलीवरी एप्लिकेशन के लिए अपनी योजना को मजबूत करने के लिए रोल्टा के आईटी बुनियादी ढांचे पर भी विचार कर सकता है.