नई दिल्ली: कैलिफोर्निया में एप्पल पर 12,000 से ज्यादा महिला कर्मचारियों को उनके पुरुष से कम सैलरी देने का आरोप है. यह मुकदमा दो महिला कर्मचारियों ने दायर किया है, जो लंबे समय से एप्पल में काम कर रही हैं. उनका दावा है कि एप्पल के इंजीनियरिंग, मार्केटिंग और एप्पलकेयर विभागों में महिलाओं को पुरुषों से कम सैलरी दी जा रही है.
मुकदमे में कहा गया है कि एप्पल अपने कर्मचारियों को उनकी पिछली नौकरियों में दिए गए वेतन या उनकी 'वेतन अपेक्षाओं' के आधार पर शुरुआती वेतन देता है. इस प्रथा के कारण महिलाओं को कम शुरुआती सैलरी मिलती है. इसमें यह भी दावा किया गया है कि परफॉरमेंस इवैल्यूएशन करने और सैलरी बढ़ोतरी और बोनस देने की एप्पल की सिस्टम महिलाओं के साथ अन्याय करती है.
क्या है आरोप?
एप्पल पर दो महिला कर्मचारियों- जस्टिना जोंग और अमीना सालगाडो ने मुकदमा दायर किया है. उनका आरोप है कि पुरुषों की तुलना में कंपनी महिलाओं को कम सैलरी देती है. इस प्रथा ने पुरुषों और महिलाओं के बीच ऐतिहासिक वेतन असमानताओं को कायम रखा है.
साथ ही कहा गया है कि Apple की नीति और अभ्यास का महिलाओं पर असमान प्रभाव पड़ा है. Apple का यह कदम महिलाओं और पुरुषों को समान काम करने के लिए समान सैलरी देने में चुकना कानून के तहत उचित नहीं है.
महिलाओं ने यह भी दावा किया कि परफॉरमेंस इवैल्यूएशन के दौरान, Apple पुरुषों को हाई नंबर देता है. इसके परिणामस्वरूप महिलाओं को कम बोनस और सैलरी में बढ़ोतरी मिलती है.
पहले भी असमानता को लेकर हुई थी शिकायत
शिकायत के अनुसार, दोनों महिलाओं ने एक दशक से अधिक समय तक Apple में काम किया है. इससे पहले महिलाओं ने वेतन असमानता के बारे में कंपनी से कई बार शिकायत की थी. उस समय, Apple ने अपनी जांच की, लेकिन कहा कि जब तक तीसरे पक्ष की जांच से यह निष्कर्ष नहीं निकल जाता कि वेतन में अंतर है, तब तक वह उनका सैलरी नहीं बढ़ायेंगे.