नई दिल्ली: सोनी के साथ मर्जर खत्म होने के बाद जी क्रिकेट मैचों के टीवी ब्रॉडकास्ट अधिकार के लिए डिजनी स्टार के साथ लाइसेंसिंग समझौते से पीछे हट गया है. उद्योग के सूत्रों ने मीडियो को बताया कि जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (ZEEL), जो पहले ही लगभग 200 मिलियन अमरीकी डालर की पहली किस्त चूक चुकी है, आगे नहीं बढ़ेगी. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार डिजनी स्टार को भुगतान की जाने वाली किस्त सोनी समूह द्वारा ZEEL के साथ विलय के बाद किए गए 1.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर के निवेश का हिस्सा थी.
चार साल के लिए जी-डिजनी का समझौता
साल 2022, 30 अगस्त को, ZEEL ने चार साल की अवधि के लिए ICC मेन्स और अंडर-19 वैश्विक आयोजनों के टेलीविजन प्रसारण अधिकारों के लिए डिजनी स्टार के साथ एक रणनीतिक लाइसेंसिंग समझौते में प्रवेश करने की घोषणा की थी. डिजनी स्टार अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म डिजनी + हॉटस्टार के माध्यम से सभी आईसीसी टूर्नामेंटों को विशेष रूप से स्ट्रीम करना जारी रखेगा.
यह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) से सैद्धांतिक मंजूरी के साथ किया गया था. डिजनी स्टार ने खेल के वैश्विक शासी निकाय से भारतीय बाजार के लिए 2024 से 2027 तक चार वर्षों के लिए सभी आईसीसी आयोजनों के प्रसारण अधिकार प्राप्त किए. समझौते के अनुसार, ZEEL के पास ICC पुरुष आयोजनों के लिए विशेष टेलीविजन अधिकार होने चाहिए थे. इसमें ICC पुरुष T20 विश्व कप, जो 2024 और 2026 में खेला जाएगा, ICC पुरुष चैंपियंस ट्रॉफी (2025), और ICC पुरुष क्रिकेट विश्व कप (2027) शामिल था.
सोनी ने जी से शर्तों के उल्लंघन के लिए 90 मिलियन डॉलर मांगी
सोनी कॉर्पोरेशन ने ZEEL के साथ 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर के विलय समझौते को समाप्त करने की घोषणा की थी. इसके बाद सोनी ने शर्तों के उल्लंघन के लिए 90 मिलियन अमेरिकी डॉलर की मांग की है. ZEEL और Sony के बीच विलय समझौते के अनुसार, जापानी इकाई को विलय की गई इकाई में 1.575 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश करना था.
पुनीत गोयनका ने कर्मचारियों को किया संबोधित
सोनी द्वारा सौदा रद्द करने के तीन दिन बाद, ZEEL के एमडी और सीईओ पुनीत गोयनका ने दुनिया भर के लगभग 3,000 कर्मचारियों की एक टाउनहॉल बैठक को संबोधित किया. इसमें उन्होंने आगे बढ़ने और नए अवसरों का पीछा करने के लिए कहा है. उन्होंने कहा कि हमारा उद्योग तेजी से बदलाव देख रहा है, और बदलाव की ये बयार हमें एक नया आकार दे रही है.
जी ने NCLT का दरवाजा खटखटाया
इसी के साथ जी ने डील कैंसिल होने के बाद नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) का दरवाजा खटखटाया है. सोनी ने विलय के बाद बने रहने की सुभाष चंद्रा के बेटे पुनित गोयनका की मांग का विरोध किया था, जिनकी धोखाधड़ी के आरोपों को लेकर सेबी ने जांच की थी. इसने सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर (एसआईएसी) के समक्ष सोनी ग्रुप द्वारा दायर 90 मिलियन अमरीकी डालर (748.5 करोड़ रुपये) के दावों का मुकाबला करने के लिए उचित कानूनी कार्रवाई भी शुरू की है.