मुंबई: शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अडाणी ग्रुप पर तीखी रिपोर्ट जारी किए हुए एक साल हो गया है. ग्रुप के 10 में से सात स्टॉक एक साल पहले देखे गए स्तर से नीचे कारोबार कर रहे हैं. अडाणी पोर्ट्स सहित समूह के तीन शेयर हिंडनबर्ग से पहले की कीमतों से ऊपर पहुंच गए हैं. हिंडनबर्ग ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की जिसमें न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता का अनुपालन न करने, संबंधित पार्टी लेनदेन का गैर-डिस्क्लोजर, या स्टॉक मूल्य में हेरफेर, सहित अन्य आरोप लगाए गए थे. लेकिन समूह बार-बार इन आरोपों से इनकार करता है.
रिपोर्ट के बाद शेयरों में आई गिरावट
रिपोर्ट के कारण इसकी सूचीबद्ध संस्थाओं के शेयर मूल्य में भारी गिरावट आई, जिससे एक महीने के भीतर बाजार मूल्य में 12 लाख करोड़ रुपये से अधिक की गिरावट आई. कई शेयर आज भी उस झटके से बाहर नहीं आ पाए हैं. अडाणी टोटल गैस सबसे बड़ा शिकार है, स्टॉक अभी भी साल भर पहले के स्तर से 74 फीसदी नीचे कारोबार कर रहा है.
अडाणी एनर्जी सॉल्यूशंस और अडाणी विल्मर अगले दो सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले हैं, अब भी क्रमश- 62 फीसदी और 39 फीसदी नीचे हैं. अडाणी एंटरप्राइजेज, जिसे पिछले साल जनवरी में एक एफपीओ रद्द करना पड़ा था. इसने काफी नुकसान की भरपाई कर ली है, लेकिन अभी भी पिछले साल की कीमत से 15 फीसदी नीचे कारोबार कर रहा है. अडाणी ग्रीन एनर्जी, नई दिल्ली टेलीविजन और एसीसी 5-12 फीसदी नीचे हैं. अंबुजा सीमेंट पिछले साल के मुकाबले 5 फीसदी ऊपर है.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने शेयरों को दी मजबूती
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अडाणी के कारोबार या श्रीलंका में उसके द्वारा बनाए जा रहे बंदरगाह की संघीय जांच या विशेष जांच की अपील को खारिज करने के बाद समूह के शेयरों में फिर से जोश आ गया है. हालांकि, तीन शेयर अपने साल भर पहले के स्तर से काफी ऊपर कारोबार कर रहे हैं. अडाणी पावर ने न केवल घाटे की भरपाई की है, बल्कि 89 प्रतिशत की बढ़ोतरी भी की है. अदानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन एक और बड़ा लाभार्थी है जो पिछले साल के स्तर से लगभग 50 प्रतिशत अधिक है.