नई दिल्ली: अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (APSEZ) को 45,000 करोड़ रुपये के विस्तार की मंजूरी मिली है. मुंद्रा पोर्ट की क्षमता को दोगुना से अधिक करने के लिए एक महत्वपूर्ण पर्यावरण और कोस्टल रेगुलेशन जोन की मंजूरी मिली है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक APSEZ ने बंदरगाह पर क्षमता बढ़ाने की अनुमति के लिए पर्यावरण मंत्रालय की विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति (EAC) के समक्ष आवेदन किया.
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इन स्वीकृतियों से कंपनी की क्षमता लगभग दोगुनी होकर 514 मिलियन टन हो जाएगी. यह विस्तार गुजरात सरकार के साथ मुंद्रा बंदरगाह के लिए रियायत अवधि के विस्तार पर बातचीत करते समय APSEZ की स्थिति को मजबूत कर सकता है. यह अवधि 30 साल की अवधि के बाद 2031 में समाप्त होने वाली है.
समिति की बैठक का हवाला देते हुए रिपोर्ट में दावा किया गया कि EAC ने परियोजना प्रस्तावक (APSEZ) द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों की जांच करने और 15 मई 2024 को आयोजित विस्तृत विचार-विमर्श के बाद पर्यावरण और CRZ मंजूरी के लिए प्रस्ताव की सिफारिश की. यह तब हुआ जब APSEZ ने वित्त वर्ष 24 में भारत के कुल कार्गो का लगभग 27 फीसदी और कंटेनर कार्गो का 44 फीसदी संभाला.
एपीएसईजेड के पूर्णकालिक निदेशक और सीईओ अश्विनी गुप्ता ने पहले कहा था कि एपीएसईजेड 2025 में 500 एमएमटी कार्गो वॉल्यूम हासिल करने के लिए अच्छी तरह से तैयार है, जिसे हाल ही में अधिग्रहित गोपालपुर पोर्ट और चालू वर्ष में विझिंजम पोर्ट और अगले साल डब्ल्यूसीटी की निर्धारित कमीशनिंग से सहायता मिलेगी.