नई दिल्ली: अमेरिका स्थित हिंडनबर्ग रिसर्च ने नई रिपोर्ट में आरोप लगाया कि सेबी की चेयरपर्सन माधबी बुच और उनके पति ने बरमूडा और मॉरीशस में उन्हीं अज्ञात ऑफशोर फंडों में गुप्त हिस्सेदारी रखी है. इनका यूज विनोद अडाणी ने किया था. अब इसपर अडाणी ग्रुप का बयान सामने आया है.
Adani Group issues a statement on the latest report from Hindenberg Research.
— ANI (@ANI) August 11, 2024
The latest allegations by Hindenburg are malicious, mischievous and manipulative selections of publicly available information to arrive at pre-determined conclusions for personal profiteering with… pic.twitter.com/WwKbPLTkrv
अडाणी समूह ने जारी किया बयान
अडाणी समूह ने हिंडेनबर्ग रिसर्च की लेटेस्ट रिपोर्ट पर एक बयान जारी किया है. ग्रुप ने कहा कि हिंडेनबर्ग के लगाए गए लेटेस्ट आरोप सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी का दुर्भावनापूर्ण, शरारती और जोड़-तोड़ वाला चयन है, जो तथ्यों और कानून की अवहेलना करते हुए व्यक्तिगत मुनाफा कमाने के लिए पूर्व-निर्धारित निष्कर्षों पर पहुंचने के लिए है. समुह ने आगे कहा कि अडाणी ग्रुप के खिलाफ इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज करते हैं, जो बदनाम दावों का रीसाइक्लिंग हैं, जिनकी गहन जांच की जा चुकी है, जो निराधार साबित हुए हैं और जिन्हें माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने जनवरी 2024 में पहले ही खारिज कर दिया है.
माधबी और धवल बुच का बयान
माधबी और धवल बुच ने हिंडनबर्ग रिसर्च पर चरित्र हनन का आरोप लगाया, जिस पर सेबी की ओर से प्रवर्तन कार्रवाई की गई है. उन्होंने कहा कि हम यह बताना चाहेंगे कि हम रिपोर्ट में लगाए गए निराधार आरोपों का खंडन करते हैं. इनमें कोई सच्चाई नहीं है. हमारा जीवन और वित्तीय स्थिति एक खुली किताब है