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8वें वेतन आयोग का जनवरी 2026 तक लागू होना मुश्किल, कर्मचारियों को करना पड़ सकता है इंतजार ? जानें वजह - 8TH PAY COMMISSION

मोदी सरकार ने पिछले महीने 8वें वेतन आयोग की घोषणा की थी और कहा था कि पैनल के सदस्यों की जल्द ही नियुक्ति की जाएगी.

8th Pay Commission
जनवरी 2026 से लागू नहीं होगा 8वां वेतन आयोग (Getty Images)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 4, 2025, 12:37 PM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को उम्मीद थी कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपने बजट 2025 भाषण में नए वेतन आयोग के लिए रोडमैप का ऐलान करेंगी.इसके अलावा कर्मचारी यह भी उम्मीद कर रहे थे कि वह 1.2 करोड़ से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन में संशोधन के लिए उनकी सिफारिशों को लागू करने के लिए खाके की घोषणा करेंगी.

गौरतलब है कि मोदी सरकार ने पिछले महीने बजट से पहले 8वें वेतन आयोग की घोषणा की थी और कहा था कि पैनल के सदस्यों की जल्द ही नियुक्ति की जाएगी. 2 सदस्यों और एक अध्यक्ष वाले इस पैनल से अगले साल की शुरुआत में केंद्र को अपनी सिफारिशें देने की उम्मीद है.

बजट भाषण में 8वें वेतन आयोग का कोई जिक्र नहीं
दूसरी तरफ मौजूदा 7वें वेतन आयोग का कार्यकाल भी 31 दिसंबर 2025 को समाप्त होने जा रहा है, जिससे यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि नए वेतन आयोग का कार्यकाल 1 जनवरी 2026 से शुरू हो सकता है. चूंकि वित्त मंत्री ने अपने भाषण में 8वें वेतन आयोग का कोई उल्लेख नहीं किया था और इस बजट में इसके कार्यान्वयन के लिए कोई बजटीय आवंटन भी नहीं किया गया.

ऐसे में हो सकता है कि सरकार 2026-27 के बजट में केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के वेतन और पेंशन में संशोधन के कारण उत्पन्न होने वाले खर्चों को शामिल करे. रिपोर्ट्स के अनुसार नए वेतन आयोग को 8वें वेतन आयोग की सिफारिशों को अंतिम रूप देने में एक साल और लग सकता है.

आयोग की रिपोर्ट को अंतिम रूप देने कितना समय लगेगा?
व्यय सचिव मनोज गोविल ने मनीकंट्रोल से कहा कि 2025-26 के केंद्रीय बजट में 8वें वेतन आयोग से संबंधित किसी भी खर्च का हिसाब नहीं दिया गया है, क्योंकि वेतन आयोग की रिपोर्ट को अंतिम रूप देने और स्वीकृत होने में कम से कम एक साल लगने की उम्मीद है. रिपोर्ट के अनुसार वित्त मंत्रालय ने आयोग की शर्तों पर रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय और कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग से सुझाव मांगे हैं, जिन्हें आयोग द्वारा अपना काम शुरू करने से पहले औपचारिक मंजूरी की आवश्यकता होगी.

जैसा कि पहले देखा गया है, वेतन आयोगों को अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करने में एक साल से अधिक समय लगता है. 7वें वेतन आयोग को अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप देने और सरकार को सौंपने में 18 महीने से अधिक का समय लगा था. अधिकारी ने बजट 2025 में 8वें वेतन आयोग का कोई उल्लेख न होने के आधार पर कहा कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों को अगले वित्तीय वर्ष में नए वेतन आयोग की सिफारिशों की उम्मीद करनी चाहिए.

वित्तीय बोझ की सीमा पैनल की सिफारिशों पर निर्भर
8वें वेतन आयोग के कार्यान्वयन के कारण केंद्रीय खजाने पर पड़ने वाले वित्तीय बोझ की सीमा पैनल की सिफारिशों पर निर्भर करेगी, जो कर्मचारियों और रिटायर कर्मियों के लिए वेतन और पेंशन संशोधन तय करने के लिए फिटमेंट फैक्टर का उपयोग करेगी.

कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए फिटमेंट फैक्टर के आधार पर वेतन और पेंशन संशोधन उम्मीद है कि सरकार 1.92 से 2.86 की सीमा में फिटमेंट फैक्टर अपना सकती है. अगर 2.86 फिटमेंट फैक्टर पर विचार किया जाता है, तो सरकारी कर्मचारी का न्यूनतम मूल वेतन 18,000 रुपये के मौजूदा न्यूनतम वेतन से बढ़कर 51,480 रुपये हो जाएगा. इसी तरह, पेंशन 9,000 रुपये से बढ़कर 25,740 रुपये हो जाएगी.

यह भी पढ़ें- 8वें वेतन आयोग में LDC और सीनियर क्लर्क की सैलरी में कितना हो सकता है इजाफा? जानें

नई दिल्ली: केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को उम्मीद थी कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपने बजट 2025 भाषण में नए वेतन आयोग के लिए रोडमैप का ऐलान करेंगी.इसके अलावा कर्मचारी यह भी उम्मीद कर रहे थे कि वह 1.2 करोड़ से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन में संशोधन के लिए उनकी सिफारिशों को लागू करने के लिए खाके की घोषणा करेंगी.

गौरतलब है कि मोदी सरकार ने पिछले महीने बजट से पहले 8वें वेतन आयोग की घोषणा की थी और कहा था कि पैनल के सदस्यों की जल्द ही नियुक्ति की जाएगी. 2 सदस्यों और एक अध्यक्ष वाले इस पैनल से अगले साल की शुरुआत में केंद्र को अपनी सिफारिशें देने की उम्मीद है.

बजट भाषण में 8वें वेतन आयोग का कोई जिक्र नहीं
दूसरी तरफ मौजूदा 7वें वेतन आयोग का कार्यकाल भी 31 दिसंबर 2025 को समाप्त होने जा रहा है, जिससे यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि नए वेतन आयोग का कार्यकाल 1 जनवरी 2026 से शुरू हो सकता है. चूंकि वित्त मंत्री ने अपने भाषण में 8वें वेतन आयोग का कोई उल्लेख नहीं किया था और इस बजट में इसके कार्यान्वयन के लिए कोई बजटीय आवंटन भी नहीं किया गया.

ऐसे में हो सकता है कि सरकार 2026-27 के बजट में केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के वेतन और पेंशन में संशोधन के कारण उत्पन्न होने वाले खर्चों को शामिल करे. रिपोर्ट्स के अनुसार नए वेतन आयोग को 8वें वेतन आयोग की सिफारिशों को अंतिम रूप देने में एक साल और लग सकता है.

आयोग की रिपोर्ट को अंतिम रूप देने कितना समय लगेगा?
व्यय सचिव मनोज गोविल ने मनीकंट्रोल से कहा कि 2025-26 के केंद्रीय बजट में 8वें वेतन आयोग से संबंधित किसी भी खर्च का हिसाब नहीं दिया गया है, क्योंकि वेतन आयोग की रिपोर्ट को अंतिम रूप देने और स्वीकृत होने में कम से कम एक साल लगने की उम्मीद है. रिपोर्ट के अनुसार वित्त मंत्रालय ने आयोग की शर्तों पर रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय और कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग से सुझाव मांगे हैं, जिन्हें आयोग द्वारा अपना काम शुरू करने से पहले औपचारिक मंजूरी की आवश्यकता होगी.

जैसा कि पहले देखा गया है, वेतन आयोगों को अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करने में एक साल से अधिक समय लगता है. 7वें वेतन आयोग को अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप देने और सरकार को सौंपने में 18 महीने से अधिक का समय लगा था. अधिकारी ने बजट 2025 में 8वें वेतन आयोग का कोई उल्लेख न होने के आधार पर कहा कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों को अगले वित्तीय वर्ष में नए वेतन आयोग की सिफारिशों की उम्मीद करनी चाहिए.

वित्तीय बोझ की सीमा पैनल की सिफारिशों पर निर्भर
8वें वेतन आयोग के कार्यान्वयन के कारण केंद्रीय खजाने पर पड़ने वाले वित्तीय बोझ की सीमा पैनल की सिफारिशों पर निर्भर करेगी, जो कर्मचारियों और रिटायर कर्मियों के लिए वेतन और पेंशन संशोधन तय करने के लिए फिटमेंट फैक्टर का उपयोग करेगी.

कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए फिटमेंट फैक्टर के आधार पर वेतन और पेंशन संशोधन उम्मीद है कि सरकार 1.92 से 2.86 की सीमा में फिटमेंट फैक्टर अपना सकती है. अगर 2.86 फिटमेंट फैक्टर पर विचार किया जाता है, तो सरकारी कर्मचारी का न्यूनतम मूल वेतन 18,000 रुपये के मौजूदा न्यूनतम वेतन से बढ़कर 51,480 रुपये हो जाएगा. इसी तरह, पेंशन 9,000 रुपये से बढ़कर 25,740 रुपये हो जाएगी.

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