नेल्लोर: जिले के मर्रीपाडु मंडल के वेंकटपुरम गांव में एक छह साल लड़के को जीका वायरस संक्रमण की पुष्टि होने के बाद इलाके में डर का माहौल है. शुरुआती जांच में जीका वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई है.
मुंबई की एक निजी लैब द्वारा पुष्टि किए जाने और पुणे के वायरोलॉजी संस्थान द्वारा पुष्टि किए जाने के बाद, सटीक परिणाम सुनिश्चित करने के लिए लड़के के रक्त और मूत्र के नमूनों को फिर से आगे की जांच के लिए भेजा गया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को इसके बारे में सूचित कर दिया गया है. इसके बाद राज्य के चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग ने त्वरित कार्रवाई की.
लक्षण और चिकित्सा प्रतिक्रिया
लड़के को सबसे पहले 30 नवंबर को बुखार हुआ. उसके बाद 7 दिसंबर को फिर से बुखार आया. साथ ही सिर में चक्कर और त्वचा पर चकत्ते भी पड़े. शुरुआत में नेल्लोर के दो निजी अस्पतालों में इलाज किया गया. डॉक्टरों ने चकत्ते की पहचान करने के बाद वायरल संक्रमण का संदेह जताया और मुंबई में परीक्षण के लिए उसके नमूने एकत्र किए. जीका वायरस के लक्षण पाए जाने के बाद, लड़के को चेन्नई के एग्मोर अस्पताल में रेफर कर दिया गया, जहां उसका वर्तमान में इलाज चल रहा है.
स्वास्थ्य विभाग की सतर्कता
डब्ल्यूएचओ की चेतावनी के मद्देनजर राज्य स्वास्थ्य विभाग ने उप निदेशक रामनाथ राव के नेतृत्व में विजयवाड़ा से एक टीम को प्रभावित गांव में भेजा. टीम में डब्ल्यूएचओ निगरानी अधिकारी मौनिका, राज्य महामारी विज्ञानी कोंडारेड्डी और स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारी शामिल थे.
टीम द्वारा किए गए प्रमुख उपाय
रक्त के नमूने एकत्र करना: लड़के के परिवार के सदस्यों और ग्रामीणों से परीक्षण के लिए नमूने एकत्र किए गए.
चिकित्सा शिविर: एक शिविर लगाया गया जिसमें 30 ग्रामीणों का परीक्षण किया गया और घर-घर जाकर स्वास्थ्य जांच की गई.
स्कूल स्क्रीनिंग: जिस निजी स्कूल में लड़का पढ़ता है, वहां स्वास्थ्य जांच की गई.
डॉ. रामनाथ राव ने स्पष्ट किया कि जीका वायरस का निदान अभी भी अपुष्ट है. पुणे और तिरुपति की प्रयोगशालाओं से आगे के परिणाम आने बाकी हैं. उन्होंने कहा, 'किसी भी ग्रामीण में बीमारी के लक्षण नहीं दिखे हैं. उन्होंने लोगों से अफवाहों पर विश्वास न करने का आग्रह किया.
अधिकारियों से आश्वासन
मंत्री अनम रामनारायण रेड्डी ने जनता को आश्वासन दिया कि लड़के को बेहतर संभव देखभाल मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक उपाय किए जा रहे हैं. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा रही है.
जीका वायरस के बारे में
जीका वायरस मुख्य रूप से एडीज मच्छरों के जरिए फैलता है. जबकि बुखार, दाने, जोड़ों के दर्द जैसे लक्षण आमतौर पर होते हैं. वायरस गर्भावस्था के दौरान महत्वपूर्ण जोखिम पैदा करता है. इससे संभावित रूप से जन्म दोष हो सकते हैं. इसके प्रसार को रोकने के लिए शीघ्र पहचान महत्वपूर्ण हैं.