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अधीर रंजन का छलका दर्द, बोले- युसूफ ने 'भाई' कहकर उनका वोट किया हासिल - Adhir Ranjan Chowdhury - ADHIR RANJAN CHOWDHURY

Adhir Ranjan Chowdhury: लोकसभा चुनाव 2024 में मिली शिकस्त पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि यूसुफ पठान एक अच्छे इंसान हैं. उन्होंने मेरे खिलाफ एक शब्द भी नहीं कहा. लेकिन ये भी सच है कि उन्होंने भाई (मुसलमानों को) कहकर वोट हासिल किया.

Adhir Ranjan Chowdhury
अधीर रंजन चौधरी (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 7, 2024, 3:35 PM IST

नई दिल्ली: हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को पश्चिम बंगाल में उस समय बड़ा झटका लगा, जब तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने बहरामपुर में कांग्रेस का किला ढहा दिया. चुनाव में टीएमसी के उम्मीदवार युसूफ पठान ने कांग्रेस के दिग्गज नेता अधीर रंजन चौधरी को हरा दिया.

चुनाव में मिली हार के बाद अधीर रंजन ने कहा है उन्होंने अपनी तरफ से जीतने की हरसंभव कोशिश की, लेकिन वह सफल नहीं हो सके. उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस को दिए गए इंटरव्यू में अपनी हार के कारणों, पश्चिम बंगाल में टीएमसी और कांग्रेस की गतिशीलता और अपने भविष्य के बारे में भी बात की.

मैंने हर संभव कोशिश की
उन्होंने कहा कि, 'मैंने अपनी तरफ से हर मुमकिन कोशिश की, लेकिन मैं सफल नहीं हो सका. मैं पांच बार सीट जीत चुका हूं. मैं सुन रहा हूं कि इस बार भारतीय जनता पार्टी (BJP) को ज्यादा वोट मिले हैं.

टीएमसी ने चलाया अजीब अभियान
पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ पार्टी (TMC) ने एक अजीब अभियान चलाया. उन्होंने बाहर से किसी को इम्पोर्ट किया - मुझे उस पर कोई आपत्ति नहीं है - लेकिन वह (पठान) आया और अल्पसंख्यकों से कहने लगा कि वे 'भाई' को वोट दें, 'दादा' को नहीं. दादा का मतलब हिंदू और भाई का मतलब मुसलमान होता है. लेकिन मुझे किसी से कोई शिकायत नहीं है.

युसूफ पठान अच्छे इंसान हैं
कांग्रेस नेता ने कहा कि यूसुफ पठान एक अच्छे इंसान हैं. उन्होंने मेरे खिलाफ एक शब्द भी नहीं कहा. वे एक खिलाड़ी हैं और एक खिलाड़ी की तरह ही लड़े. मैंने कोशिश की, लेकिन हमारी लड़ाई सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ थी. उनके पास संगठन है, सभी पंचायतों और नगर पालिकाओं पर उनका नियंत्रण है. धीरे-धीरे लोगों को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है. मेरा जिला बहुत गरीब जिला है और प्रवासी मजदूरों का सेंटर है.

बिना शर्त हार स्वीकार
चौधरी ने कहा कि अगर किसी गरीब को 1,000 से 1,200 रुपये मिलते हैं, तो यह उनके लिए बहुत बड़ी राहत होगी, खासकर महिलाओं के लि. उन्होंने (टीएमसी) प्रचार में कहा कि अगर उनका उम्मीदवार हार जाता है, तो लक्ष्मी बांदर योजना (महिलाओं के लिए) बंद कर दी जाएगी. उन्होंने लोगों में यह डर पैदा किया, लेकिन मैं ये सब बहाने के तौर पर नहीं कह रहा हूं. मैं बिना शर्त हार स्वीकार करता हूं.

चौधरी ने आगे कहा, 'मैंने अपनी पार्टी से कहा था कि मुझे किसी के साथ भी समझौता करने में कोई समस्या नहीं है, लेकिन मैंने उनसे कहा कि जब तक मैं बंगाल में कांग्रेस की कमान संभालूंगा, तब तक वह (ममता बनर्जी) कोई समझौता नहीं करेंगी. मैंने पार्टी से कहा कि वे किसी नए व्यक्ति (राज्य कांग्रेस प्रमुख के रूप में) को नियुक्त करें और उनसे सीधे बात करे. मुझे कोई समस्या नहीं होगी.'

यह भी पढ़ें- कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक, इन मुस्लिम उम्मीदवारों को मिली 'फतह', ओवैसी और युसूफ पठान ने दिखाई पावर

नई दिल्ली: हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को पश्चिम बंगाल में उस समय बड़ा झटका लगा, जब तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने बहरामपुर में कांग्रेस का किला ढहा दिया. चुनाव में टीएमसी के उम्मीदवार युसूफ पठान ने कांग्रेस के दिग्गज नेता अधीर रंजन चौधरी को हरा दिया.

चुनाव में मिली हार के बाद अधीर रंजन ने कहा है उन्होंने अपनी तरफ से जीतने की हरसंभव कोशिश की, लेकिन वह सफल नहीं हो सके. उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस को दिए गए इंटरव्यू में अपनी हार के कारणों, पश्चिम बंगाल में टीएमसी और कांग्रेस की गतिशीलता और अपने भविष्य के बारे में भी बात की.

मैंने हर संभव कोशिश की
उन्होंने कहा कि, 'मैंने अपनी तरफ से हर मुमकिन कोशिश की, लेकिन मैं सफल नहीं हो सका. मैं पांच बार सीट जीत चुका हूं. मैं सुन रहा हूं कि इस बार भारतीय जनता पार्टी (BJP) को ज्यादा वोट मिले हैं.

टीएमसी ने चलाया अजीब अभियान
पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ पार्टी (TMC) ने एक अजीब अभियान चलाया. उन्होंने बाहर से किसी को इम्पोर्ट किया - मुझे उस पर कोई आपत्ति नहीं है - लेकिन वह (पठान) आया और अल्पसंख्यकों से कहने लगा कि वे 'भाई' को वोट दें, 'दादा' को नहीं. दादा का मतलब हिंदू और भाई का मतलब मुसलमान होता है. लेकिन मुझे किसी से कोई शिकायत नहीं है.

युसूफ पठान अच्छे इंसान हैं
कांग्रेस नेता ने कहा कि यूसुफ पठान एक अच्छे इंसान हैं. उन्होंने मेरे खिलाफ एक शब्द भी नहीं कहा. वे एक खिलाड़ी हैं और एक खिलाड़ी की तरह ही लड़े. मैंने कोशिश की, लेकिन हमारी लड़ाई सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ थी. उनके पास संगठन है, सभी पंचायतों और नगर पालिकाओं पर उनका नियंत्रण है. धीरे-धीरे लोगों को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है. मेरा जिला बहुत गरीब जिला है और प्रवासी मजदूरों का सेंटर है.

बिना शर्त हार स्वीकार
चौधरी ने कहा कि अगर किसी गरीब को 1,000 से 1,200 रुपये मिलते हैं, तो यह उनके लिए बहुत बड़ी राहत होगी, खासकर महिलाओं के लि. उन्होंने (टीएमसी) प्रचार में कहा कि अगर उनका उम्मीदवार हार जाता है, तो लक्ष्मी बांदर योजना (महिलाओं के लिए) बंद कर दी जाएगी. उन्होंने लोगों में यह डर पैदा किया, लेकिन मैं ये सब बहाने के तौर पर नहीं कह रहा हूं. मैं बिना शर्त हार स्वीकार करता हूं.

चौधरी ने आगे कहा, 'मैंने अपनी पार्टी से कहा था कि मुझे किसी के साथ भी समझौता करने में कोई समस्या नहीं है, लेकिन मैंने उनसे कहा कि जब तक मैं बंगाल में कांग्रेस की कमान संभालूंगा, तब तक वह (ममता बनर्जी) कोई समझौता नहीं करेंगी. मैंने पार्टी से कहा कि वे किसी नए व्यक्ति (राज्य कांग्रेस प्रमुख के रूप में) को नियुक्त करें और उनसे सीधे बात करे. मुझे कोई समस्या नहीं होगी.'

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