विशाखापत्तनम: आंध्र प्रदेश सरकार ने पहली बार विशाखापत्तनम में रुशिकोंडा हिल के ऊपर नव विकसित पर्यटन परिसर के दरवाजे रविवार को जनता के लिए खोल दिए. प्रारंभिक मूल्यांकन से पता चलता है कि यह आलीशान पैलेस की संरचना, अपने सात ब्लॉकों के साथ, एक रिसॉर्ट या पर्यटक होटल की पारंपरिक अपेक्षाओं से अलग प्रतीत होती है. बता दें कि, टीडीपी के वरिष्ठ विधायक गंटा श्रीनिवास राव ने टीडीपी और जेएसपी के कार्यकर्ताओं के साथ, 16 जून (रविवार) विशाखापत्तनम में रुशिकोंडा सरकारी भवनों का निरीक्षण किया. वे लोग भव्य इमारतों को देखकर हैरान रह गए, जो पिछली वाईएसआरसीपी सरकार द्वारा दावा किए गए पर्यटन रिसॉर्ट की बजाय मुख्यमंत्री के आवास-सह-कैंप कार्यालय की तरह लग रहे थे.
खबरों को मुताबिक, इन इमारतों का निर्माण जगन मोहन रेड्डी के शासनकाल में सभी पर्यावरणीय मानदंडों, नियमों का उल्लंघन करते हुए किया गया था. ऐसी अफवाह थी कि, ये भवन समुद्री तटीय महल जैसा है. चूंकि जगन सरकार के पास अमरावती से राजधानी स्थानांतरित करने की अनुमति नहीं थी, इसलिए उन्होंने पर्यटन विभाग के नाम पर इन इमारतों का निर्माण करवाया.
खबर के मुताबिक ,जगन मोहन ने चुनाव से ठीक पहले बिना किसी के अनुमति के उद्घाटन किया था और उन्होंने चुनाव के बाद भवन में एंट्री की योजना बनाई थी. लेकिन विधानसभा चनुाव में मिली करारी हार के बाद आंध्र प्रदेश का राजनीतिक परिदृश्य ही बदल गया. जगन शासन काल में कुल मिलाकर 452 करोड़ रुपये में सात आलीशान आवासीय और कार्यालय भवन का निर्माण करवाया गया था. सात आलीशान भवनों में से तीन विशेष रूप से आवासीय भवन हैं. जिनमें 12 शयनकक्ष हैं. प्रत्येक शयनकक्ष शानदार बाथरूम से लैस है. अगर कोई बाथरूम को ही देख ले तो आंखें चौंधिया जाए.
एक बाथरूम अधिकतम 430 वर्ग फुट में बनाया गया, जिनमें सबसे महंगे फर्नीचर का इंतजाम किया गया है. भवन के इंटीरियर डेकोरेशन के लिए सामान और फर्नीचर पर करीब 33 करोड़ रुपये खर्च किए गए. वहीं, सड़कों, नहरों और पार्कों के विकास पर 50 करोड़ का खर्च आया. भवन के बाहर की खूबसूरती की बात करें तो, शानदार लैंडस्केपिंग की गई है और साथ ही पार्क में 2 से 3 प्रकार के वॉकवे की व्यवस्था की गई है.
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