नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में हुई घटना में पीड़ित महिलाओं ने शुक्रवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की. राष्ट्रपति भवन में मुलाकात के दौरान पीड़ित महिलाओं ने संदेशखाली में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदाय की सुरक्षा के लिए राष्ट्रपति से दखल देने की मांग की. उनके साथ सेंटर फॉर एससी, एसटी सपोर्ट एंड रिसर्च के निदेशक डॉ. पार्थ बिस्वास भी मौजूद रहे. मुलाकात के बाद डॉ. पार्थ बिस्वास कॉन्स्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में बताया कि हम लोग राष्ट्रपति से मिलकर आए और हमने संदेशखाली की घटना को लेकर चर्चा कर उन्हें ज्ञापन सौंपा है, ताकि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए.
वहीं पीड़ित महिलाओं ने बताया कि कैसे टीएमसी नेता द्वारा उनपर अत्याचार किया जाता था और ऐसा उनके साथ सालों से किया जा रहा था. उन्होंने आरोप लगाया कि इसमें उनके साथ पूरा प्रशासन भी मिला हुआ था. आरोपी शाहजहां शेख को भले ही सीबीआई ने हिरासत में ले लिया हो, लेकिन उसके दो भाई सिराज शेख और आलमगीर लगातार लोगों को जान से मार देने की धमकी दे रहे हैं.
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वहीं डॉ. पार्थ बिस्वास ने बताया कि राष्ट्रपति ने पीड़ित महिलाओं से मिलकर कार्रवाई का भरोसा दिया. अब शनिवार को हम जंतर मंतर पर प्रदर्शन करेंगे. देश की जनता से अनुरोध है कि वे हमारा समर्थन करें. उन्होंने आगे बताया कि राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग, अनुसूचित जाति आयोग और महिला आयोग की टीम ने भी संदेशखाली का दौरा कर उन्हें इंसाफ दिलाने का वादा किया है. मगर राज्य सरकार के संरक्षण के कारण दोषी आज भी खुलेआम घूम रहे हैं.
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