कोटा. दुनिया में आधी आबादी मानी जाने वाली महिलाओं का वर्चस्व लगातार बढ़ रहा है. वह हर फील्ड में अपने आप को मजबूत साबित करने में जुटी हुई हैं. कुछ ऐसा ही वन विभाग में प्रेम कंवर शक्तावत कर रही हैं. मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के सघन जंगल में वह हिंसक और खतरनाक वन्य जीवों की पेट्रोलिंग करती हैं. वन विभाग में मजबूती से बीते 13 सालों से प्रेम कंवर शक्तावत ड्यूटी कर रही हैं, जिन्हें हिंसक जंगली जानवरों के रेस्क्यू से लेकर मॉनिटरिंग भी बेहतर ढंग से करना आता है.
जिस तरह से पुरुष वनकार्मिक फील्ड में ड्यूटी करता है, वैसा ही कंधे से कंधा मिलाकर प्रेम कंवर भी कर रही हैं. प्रेम कंवर शक्तावत ने अब तक 400 से ज्यादा रेस्क्यू किए हैं. प्रेम कंवर कहती हैं कि महिलाएं कहीं भी पीछे नहीं हैं. महिलाओं को बहुत शक्तिशाली मानती हूं, क्योंकि पुरुष पीछे हो सकता है, लेकिन महिलाएं पीछे नहीं होती हैं. बड़े-बड़े 15-15 फीट के क्रोकोडाइल को हमने कंट्रोल किया है. उन्हें नदी के किनारे भी छोड़ा है. पैंथर के भी रेस्क्यू किए हैं. चाहे वाइल्डलाइफ का रेस्क्यू हो या फिर पेट्रोलिंग, मुझे किसी भी चीज से डर नहीं लगता. वन या वन्यजीव को बचाना हमारा सबसे बड़ा कर्तव्य होता है. हम उसी की तनख्वाह ले रहे हैं.
400 से ज्यादा जीवों के किए रेस्क्यू : वर्तमान में प्रेम कंवर मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में रेंज कोलीपुरा में गिरधरपुरा नाका पर असिस्टेंट फॉरेस्टर के पद कार्यरत हैं. वह साल 2011 में फॉरेस्ट गॉर्ड बनीं थीं. जिसके बाद उनका प्रमोशन हुआ और 2020 में असिस्टेंट फॉरेस्टर बनीं. वे मूल रूप से मध्य प्रदेश के नीमच जिले के सिंगोली के नजदीक स्थित जामुनिया रावजी गांव की हैं. शुरुआती तौर पर वो भैंसरोडगढ़ सेंचुरी में तैनात थीं. यहां जंगल में पेट्रोलिंग का काम किया, फिर अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क में उनकी तैनाती रही थीं. अभी तक 400 से ज्यादा रेस्क्यू किए हैं, जिनमें पैंथर, क्रोकोडाइल, हरबिवोरोस जानवर हिरण, शीतल व सांभर के रेस्क्यू भी शामिल है. वहीं, जहरीले व खतरनाक स्नेक और पाइथन के भी हमने कई रेस्क्यू किए हैं. स्कूलों में भी अवेयरनेस कैंप आयोजित किए हैं. इसके अलावा ग्रामीण इलाकों में भी काफी कैंप आयोजित किए, ताकि लोग वन्य जीवों के बारे में समझ सके व उनका संरक्षण करें.
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2020 में मिला था वन्य प्राणी मित्र अवार्ड : प्रेम कंवर शक्तावत ने ऊदबिलाव पर 7 साल मॉनिटरिंग रखते हुए एक रिपोर्ट बनाई थी. इस रिपोर्ट में ऊदबिलाव के व्यवहार से संबंधित कई जानकारियां थीं. इसके अलावा भैंसरोड़गढ़ अभयारण्य में रहते हुए पक्षियों और वन्य जीवों के फुटप्रिंट पर भी एक रिपोर्ट बनाई थी. इसके लिए उन्हें वाइल्डवर्ल्ड फंड फॉर नेचर (WWF) ने साल 2020 में वन्य प्राणी मित्र अवार्ड दिया गया था. इस अवार्ड के साथ उन्हें दो लाख रुपए की राशि भी सम्मान के रूप में दी गई थी. यह कार्यक्रम कोविड-19 के दौरान हुआ था. ऐसे में ऑनलाइन ही इस आयोजन में कई लोग जुड़े थे.
राजस्थान की पहली वनदुर्गा : वे राजस्थान की पहली महिला है, जिसे यह वन दुर्गा अवार्ड मिला है. यह अवॉर्ड वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन और मॉनिटरिंग के अलावा रेस्क्यू को लेकर एशियाई रेंजर फोरम के गुवाहाटी में आयोजित कार्यक्रम में उन्हें दिया गया था. यह कॉन्फ्रेंस भी पहली बार भारत में आयोजित हुई थी. इसमें महाराष्ट्र के वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने उन्हें यह सम्मान सौंपा था. यह अवार्ड प्रेमकंवर को एक्सप्लोरिंग वूमेन फाउंडेशन की सीईओ दीपाली अतुल की अनुशंसा पर मिला था. दीपाली अतुल महिला रेंजर्स को सपोर्ट करती है.
विशेष अतिथि के रूप में बुलाया गया था नेपाल : प्रेम कंवर शक्तावत का कहना है कि नवी वर्ल्ड रेंजर कॉन्फ्रेंस नेपाल में आयोजित हुई थी. यह एशिया में पहली बार आयोजित हुई थी. मेरे साल 2011 से किए कार्य की उपलब्धियों की वजह से मुझे वहां पर बुलाया गया था, ताकि मेरे कार्य का अनुभव कॉन्फ्रेंस में मौजूद दुनिया 500 रेंजर्स के साथ शेयर कर सकूं. महिलाओं को लेकर या फॉरेस्ट एरिया में ड्यूटी के लेकर जो चुनौतियां हैं, उनको भी लेकर हमने चर्चा की थी.
ऑस्ट्रेलिया से आया क्रोकोडाइल कांफ्रेंस के लिए बुलावा : ऑस्ट्रेलिया के डार्विन में 27वीं वर्किंग मीटिंग और क्रोकोडाइल पर कॉन्फ्रेंस होने वाली है. यह 15 से 19 अप्रैल 2024 में होगी. वहां पर दुनिया के बड़े साइंटिस्ट रेंजर्स को भी बुलाया है. भारत से मुझे भी इसमें आमंत्रित किया गया है. मैं वीजा के लिए अप्लाई कर रही हूं. साथ ही राज्य सरकार से अनुमति मिलने पर मैं वहां जाऊंगी.