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होली पर महिलाओं को इन 5 कामों की है सख्त मनाही, भूलकर भी ना करें गलती - HOLI RULES FOR WOMEN - HOLI RULES FOR WOMEN

Holi Rules For Women: हिंदू धर्म और ज्योतिश में ये मान्यता है कि होली पर महिलाओं को भूलकर भी कुछ काम नहीं करना चाहिए. अगर ये गलती हुई तो इसका असर पूरे परिवार पर पड़ता है और कई तरह के कष्ट उठाने पड़ते हैं. आइये आपको बताते हैं कि होली के दिन महिलाओं को कौन से काम करने की मनाही बताई गई है, और कैसे शुभ होली मनाएं.

Holi Rules For Women
Holi Rules For Women
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Mar 22, 2024, 7:00 PM IST

Updated : Mar 22, 2024, 7:11 PM IST

होली पर महिलाओं को इन 5 कामों की है सख्त मनाही.

Holi Festival 2024: सनातन धर्म में हर व्रत और त्योहार का अलग महत्व होता है. उससे भी ज्यादा जरूरी है कि हर त्योहार और उसकी पूजा का सही विधि विधान जानना. ज्योतिश शास्त्र और हिंदू मान्यताओं के अनुसार हर व्रत के लिए खास नियम कायदे होते हैं. ऐसा ही कुछ होली के त्योहार पर भी होता है. आम तौर पर लोग पूजा तो करते हैं लेकिन सही विधि और विधान नहीं होने से वो पूजा व्यर्थ हो जाती है.

होली की पूजा और होलिका दहन पर पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत ही. होली पर मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा होती है. इसलिए इस दिन महिलाओं को कई ऐसी बातों का ध्यान रखना चाहिए. ताकि घर में नकारात्म शक्यियां प्रवेश ना करें और जीवन में क्लेश ना हो. होली पर महिलाओं को क्या करना चाहिए और क्या नहीं, इसको लेकर कुरुक्षेत्र के पंडित पवन शर्मा ने विस्तार से जानकारी दी.

होली पर महिलाओं के लिए खास विधि-विधान

  1. महिलाएं खुले बाल में ना देखें होलिका दहन: पंडित पवन शर्मा ने बताया कि होली के दिन कुछ ऐसे काम होते हैं जो महिलाओं को भूलकर भी नहीं करने चाहिए, वरना कई प्रकार के नुकसान हो जाते हैं. सबसे पहले होली वाले दिन या होलिका दहन के समय किसी भी स्त्री को अपने खुले बाल नहीं रखना चाहिए, ऐसे में उसके परिवार में कई प्रकार के नुकसान हो सकते हैं. साथ ही स्त्री को खुले बाल रखकर होलिका की पूजा नहीं करनी चाहिए और ना ही होलिका दहन देखना चाहिए. इससे घर में नकारात्म ऊर्जा का आगमन होता है.
  2. गर्भवती महिला को नहीं देखना चाहिए होलिका दहन: महिलाओं के लिए होली के दिन सबसे महत्वपूर्ण बात ये भी है कि अगर महिला गर्भवती है तो उसको होलिका दहन कभी नहीं देखना चाहिए, ना ही उसको होलिका की पूजा करनी चाहिए. ज्योतिश शास्त्र के मुताबिक ऐसा करना अशुभ माना जाता है. इससे गर्भवती महिला और उसके गर्भ में पलने वाले बच्चे पर नकारात्मक ऊर्जा का असर हो सकता है.
  3. नई दुल्हन को ससुराल में नहीं मनानी चाहिए पहली होली: ज्योतिष आचार्य के मुताबिक होली को लेकर एक मान्यता ये भी है कि जिस लड़की की नई-नई शादी हुई है, उसे अपनी पहली होली ससुराल में नहीं मनानी चाहिए. अगर वो अपने ससुराल में शादी के बाद की पहली होली मनाती है तो उसके परिवार को कई प्रकार की समस्याओं से जूझना पड़ सकता है. जैसे- घर में लड़ाई-झगड़ा, आर्थिक संकट आदि. इसलिए नई दुल्हन को ये बात विशेष तौर पर ध्यान रखनी चाहिए.
  4. होलिका दहन को क्यों नहीं देखे नई दुल्हन: पौराणिक मान्यता है कि नई दुल्हन अपने ससुराल में पहला होलिका दहन ना देखे. इसके पीछे ये मान्यता है कि जिस दिन होलिका प्रह्लाद को लेकर अग्नि में बठी थी, उसके अगले दिन उसकी शादी थी. जब बारात उसके घर पहुंची तो उसकी चिता चल रही थी. तब से ये परंपरा चली आ रही है. ससुराल में पहला होलिका दहन देखना अपशगुन माना जाता है.
  5. होली वाले दिन ना करें मांगलिक कार्य: ज्योतिष के मुताबिक होली से 8 दिन पहले होलाष्टक शुरू हो जाता है. जो 8 दिन का होता है. यह दिन सबसे अशुभ दिन माने जाते हैं. इसलिए इन दिनों में किसी भी प्रकार के मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिए. शादी, गृह प्रवेश, नई प्रॉपर्टी खरीदने आदि से बचना चाहिए. होलिका दहन के अगले दिन होलाष्टक समाप्त हो जाता है. उसके बाद मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं.

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Holi Festival 2024: सनातन धर्म में हर व्रत और त्योहार का अलग महत्व होता है. उससे भी ज्यादा जरूरी है कि हर त्योहार और उसकी पूजा का सही विधि विधान जानना. ज्योतिश शास्त्र और हिंदू मान्यताओं के अनुसार हर व्रत के लिए खास नियम कायदे होते हैं. ऐसा ही कुछ होली के त्योहार पर भी होता है. आम तौर पर लोग पूजा तो करते हैं लेकिन सही विधि और विधान नहीं होने से वो पूजा व्यर्थ हो जाती है.

होली की पूजा और होलिका दहन पर पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत ही. होली पर मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा होती है. इसलिए इस दिन महिलाओं को कई ऐसी बातों का ध्यान रखना चाहिए. ताकि घर में नकारात्म शक्यियां प्रवेश ना करें और जीवन में क्लेश ना हो. होली पर महिलाओं को क्या करना चाहिए और क्या नहीं, इसको लेकर कुरुक्षेत्र के पंडित पवन शर्मा ने विस्तार से जानकारी दी.

होली पर महिलाओं के लिए खास विधि-विधान

  1. महिलाएं खुले बाल में ना देखें होलिका दहन: पंडित पवन शर्मा ने बताया कि होली के दिन कुछ ऐसे काम होते हैं जो महिलाओं को भूलकर भी नहीं करने चाहिए, वरना कई प्रकार के नुकसान हो जाते हैं. सबसे पहले होली वाले दिन या होलिका दहन के समय किसी भी स्त्री को अपने खुले बाल नहीं रखना चाहिए, ऐसे में उसके परिवार में कई प्रकार के नुकसान हो सकते हैं. साथ ही स्त्री को खुले बाल रखकर होलिका की पूजा नहीं करनी चाहिए और ना ही होलिका दहन देखना चाहिए. इससे घर में नकारात्म ऊर्जा का आगमन होता है.
  2. गर्भवती महिला को नहीं देखना चाहिए होलिका दहन: महिलाओं के लिए होली के दिन सबसे महत्वपूर्ण बात ये भी है कि अगर महिला गर्भवती है तो उसको होलिका दहन कभी नहीं देखना चाहिए, ना ही उसको होलिका की पूजा करनी चाहिए. ज्योतिश शास्त्र के मुताबिक ऐसा करना अशुभ माना जाता है. इससे गर्भवती महिला और उसके गर्भ में पलने वाले बच्चे पर नकारात्मक ऊर्जा का असर हो सकता है.
  3. नई दुल्हन को ससुराल में नहीं मनानी चाहिए पहली होली: ज्योतिष आचार्य के मुताबिक होली को लेकर एक मान्यता ये भी है कि जिस लड़की की नई-नई शादी हुई है, उसे अपनी पहली होली ससुराल में नहीं मनानी चाहिए. अगर वो अपने ससुराल में शादी के बाद की पहली होली मनाती है तो उसके परिवार को कई प्रकार की समस्याओं से जूझना पड़ सकता है. जैसे- घर में लड़ाई-झगड़ा, आर्थिक संकट आदि. इसलिए नई दुल्हन को ये बात विशेष तौर पर ध्यान रखनी चाहिए.
  4. होलिका दहन को क्यों नहीं देखे नई दुल्हन: पौराणिक मान्यता है कि नई दुल्हन अपने ससुराल में पहला होलिका दहन ना देखे. इसके पीछे ये मान्यता है कि जिस दिन होलिका प्रह्लाद को लेकर अग्नि में बठी थी, उसके अगले दिन उसकी शादी थी. जब बारात उसके घर पहुंची तो उसकी चिता चल रही थी. तब से ये परंपरा चली आ रही है. ससुराल में पहला होलिका दहन देखना अपशगुन माना जाता है.
  5. होली वाले दिन ना करें मांगलिक कार्य: ज्योतिष के मुताबिक होली से 8 दिन पहले होलाष्टक शुरू हो जाता है. जो 8 दिन का होता है. यह दिन सबसे अशुभ दिन माने जाते हैं. इसलिए इन दिनों में किसी भी प्रकार के मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिए. शादी, गृह प्रवेश, नई प्रॉपर्टी खरीदने आदि से बचना चाहिए. होलिका दहन के अगले दिन होलाष्टक समाप्त हो जाता है. उसके बाद मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं.

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Last Updated : Mar 22, 2024, 7:11 PM IST
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