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'गलत' इंजेक्शन दिए जाने के बाद बेहोश हुई महिला की मौत, परिवार ने लापरवाही का आरोप लगाया - kerala allege medical negligence

Kerala Allege Medical Negligence: केरल में तिरुवनंतपुरम के नेय्याट्टिनकारा तालुक अस्पताल में गलत इंजेक्शन लगने से बेहोश हुई महिला की रविवार सुबह मौत हो गई. मृतका का नाम कृष्णप्रिया (28) है जो नेय्याट्टिनकारा के सरथ भवन की रहने वाली थी. मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

Kerala Allege Medical Negligence
अस्पताल और पीड़िता की फाइल फोटो. (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 21, 2024, 2:00 PM IST

तिरुवनंतपुरम: पांच दिन पहले एक सरकारी अस्पताल में डॉक्टर की ओर कथित तौर पर गलत इंजेक्शन दिए जाने के बाद बेहोश हुई 28 वर्षीय महिला की रविवार को यहां मौत हो गई, पारिवारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी. मृतक महिला कृष्णा थंकप्पन, मलयिन्कीझू की रहने वाली थी, जिसने सुबह यहां सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में अंतिम सांस ली. उसके परिवार ने पहले ही आरोप लगाया था कि महिला के पांच दिनों तक बेहोश रहने का कारण चिकित्सकीय लापरवाही थी.

उन्होंने नेय्याट्टिनकारा जनरल अस्पताल के डॉ. विनू पर आरोप लगाया कि पिछले सप्ताह जब वह किडनी स्टोन के इलाज के लिए वहां गई थी, तो उन्होंने गलत इंजेक्शन लगा दिया. उन्होंने बताया कि जब वह बेहोश हो गई और उसकी हालत बिगड़ गई, तो कृष्णा को बाद में यहां मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया. उसके पति शरत की शिकायत के आधार पर नेय्याट्टिनकारा पुलिस ने 19 जुलाई को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 125 के तहत डॉ. विनू के खिलाफ मामला दर्ज किया.

बीएनएस 125 में दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाले कृत्य शामिल हैं. एफआईआर के अनुसार, मृतक महिला, जिसे पहले से ही एलर्जी की समस्या थी, ने किडनी स्टोन से संबंधित बीमारियों के लिए डॉ. विनू से इलाज करवाया था.

एफआईआर में कहा गया है कि डॉक्टर ने अपनी ड्यूटी निभाने में लापरवाही दिखाई और बिना किसी एलर्जी टेस्ट के मरीज को इंजेक्शन लगा दिया. हालांकि, केरल सरकार मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन (केजीएमओए) ने डॉक्टर के खिलाफ महिला के परिवार के आरोपों को खारिज कर दिया है.

एसोसिएशन ने एक बयान में दावा किया कि डॉक्टर की ओर से दिया गया इंजेक्शन पेट से संबंधित समस्याओं से पीड़ित मरीजों को दिया जाने वाला एक सामान्य इंजेक्शन था. उसने कहा कि एनाफिलेक्सिस, एक तीव्र और गंभीर एलर्जी प्रतिक्रिया है जो किसी भी दवा के कारण हो सकती है, महिला की दुखद स्थिति का कारण हो सकती है. केजीएमओए ने दावा किया कि इसे उपचार में लापरवाही नहीं माना जा सकता. तिरुवनंतपुरम के सांसद शशि थरूर ने महिला की मौत पर शोक व्यक्त किया और सरकारी अस्पताल में चिकित्सा लापरवाही के आरोपों की व्यापक जांच की मांग की.

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तिरुवनंतपुरम: पांच दिन पहले एक सरकारी अस्पताल में डॉक्टर की ओर कथित तौर पर गलत इंजेक्शन दिए जाने के बाद बेहोश हुई 28 वर्षीय महिला की रविवार को यहां मौत हो गई, पारिवारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी. मृतक महिला कृष्णा थंकप्पन, मलयिन्कीझू की रहने वाली थी, जिसने सुबह यहां सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में अंतिम सांस ली. उसके परिवार ने पहले ही आरोप लगाया था कि महिला के पांच दिनों तक बेहोश रहने का कारण चिकित्सकीय लापरवाही थी.

उन्होंने नेय्याट्टिनकारा जनरल अस्पताल के डॉ. विनू पर आरोप लगाया कि पिछले सप्ताह जब वह किडनी स्टोन के इलाज के लिए वहां गई थी, तो उन्होंने गलत इंजेक्शन लगा दिया. उन्होंने बताया कि जब वह बेहोश हो गई और उसकी हालत बिगड़ गई, तो कृष्णा को बाद में यहां मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया. उसके पति शरत की शिकायत के आधार पर नेय्याट्टिनकारा पुलिस ने 19 जुलाई को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 125 के तहत डॉ. विनू के खिलाफ मामला दर्ज किया.

बीएनएस 125 में दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाले कृत्य शामिल हैं. एफआईआर के अनुसार, मृतक महिला, जिसे पहले से ही एलर्जी की समस्या थी, ने किडनी स्टोन से संबंधित बीमारियों के लिए डॉ. विनू से इलाज करवाया था.

एफआईआर में कहा गया है कि डॉक्टर ने अपनी ड्यूटी निभाने में लापरवाही दिखाई और बिना किसी एलर्जी टेस्ट के मरीज को इंजेक्शन लगा दिया. हालांकि, केरल सरकार मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन (केजीएमओए) ने डॉक्टर के खिलाफ महिला के परिवार के आरोपों को खारिज कर दिया है.

एसोसिएशन ने एक बयान में दावा किया कि डॉक्टर की ओर से दिया गया इंजेक्शन पेट से संबंधित समस्याओं से पीड़ित मरीजों को दिया जाने वाला एक सामान्य इंजेक्शन था. उसने कहा कि एनाफिलेक्सिस, एक तीव्र और गंभीर एलर्जी प्रतिक्रिया है जो किसी भी दवा के कारण हो सकती है, महिला की दुखद स्थिति का कारण हो सकती है. केजीएमओए ने दावा किया कि इसे उपचार में लापरवाही नहीं माना जा सकता. तिरुवनंतपुरम के सांसद शशि थरूर ने महिला की मौत पर शोक व्यक्त किया और सरकारी अस्पताल में चिकित्सा लापरवाही के आरोपों की व्यापक जांच की मांग की.

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