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महिला ने पति की मौत के बाद पूरी की उसकी ख्वाहिश, साढ़े चार करोड़ रुपये किए दान, बनवाया अस्पताल - Andhra Pradesh

Woman Donated 4 Crore 50 Lakh Rupees: पति की ख्वाहिश पूरी करने के लिए आंध्र प्रदेश की महिला ने साढ़े चार करोड़ रुपये दान कर दिए और एक अस्पताल का निर्माण करवाया. इस काम में उसके बेटों ने भी मदद की.

Woman donated 4 Crore 50 lakh to fulfill husband  dream
महिला ने पति की मौत के बाद पूरी की उसकी ख्वाहिश (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 12, 2024, 7:24 PM IST

अमरावती: आंध्र प्रदेश की रहने वाली वेलागपुड़ी विजयलक्ष्मी ने कृष्णा जिले के यानमालकुदरु में एक अस्पताल को साढ़े चार करोड़ रुपये दान दिए. विजयलक्षमी सालों पहले अपने पति के साथ विजयवाड़ा में आकर बस गई थीं. उनके पति उमामहेश्वर राव पेशे से इलेक्ट्रीशियन थे.

उमामहेश्वर राव की विजयवाड़ा और आसपास के इलाके में अच्छी प्रतिष्ठा थी. वह इस बात से से परेशान थे कि जहां वे पैदा हुए. पढ़े-लिखे वहां कोई अच्छा अस्पताल नहीं हैं. इसकी वजह से लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. उमामहेश्वर राव का सपना अपने गांव के लिए कुछ अच्छा करने का था.

साढ़ चार करोड़ रुपये किए दान
हालांकि, उस सपने को पूरा करने से पहले ही वे इस दुनिया से चले गए. उमामहेश्वर राव की मौत के बाद उनकी पत्नी ने विजयलक्ष्मी ने उनका सपना पूरा करने की ठान ली. इस सपने को पूरा करने के लिए विजयलक्ष्मी ने कई सेवा कार्यक्रम शुरू किए. इतना ही नहीं अब उन्होंने 4 करोड़ 50 लाख रुपये का दान देकर गरीबों के लिए चिकित्सा सेवा का इंतेजाम भी कर दिया.

विजयलक्ष्मी ने बताया कि राव हमेशा सोचते थे कि उनके पैतृक गांव में उचित चिकित्सा सेवाएं नहीं हैं और लोगों की मदद के लिए वहां एक अस्पताल बनाया जाना चाहिए. कुछ समय बाद उन्होंने काम से छुट्टी ले ली, तब तक उनके बच्चे पढ़-लिखकर अमेरिका में बस गए थे. यह अस्पताल बनाने के विचार को अमल में लाने का यह सही समय था, तभी दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई.

बेटों की मदद से अस्पताल निर्माण का काम किया शुरू
पति की मृत्यु के कारण विजयलक्ष्मी उदास हो गई और अब वह हर हाल में अपने पति की महत्वाकांक्षा को पूरा करना चाहती थीं. विजयलक्ष्मी ने अपने पति की महत्वाकांक्षा को अपने बेटों के साथ शेयर किया. इसके बाद विजयलक्षमी को अपने बेटों का साथ भी मिल गया.

उन्होंने दो महीने के भीतर वेलागापुडी ट्रस्ट की शुरुआत की और यानमालकुदरु में अस्पताल के निर्माण को आगे बढ़ाया, लेकिन पहली समस्या अस्पताल के निर्माण स्थल को लेकर आई. दरअसल, विजयवाड़ा के पास यानमालकुदरु में जमीन की कीमत कम से कम 20 लाख रुपये थी. वह तमाम कोशिशों के बावजूद जमीन नहीं खरीद सके.

पूर्व विधायक ने की मदद
इसके बाद उन्होंने मामले को लेकर अपने पति के मित्र नरसिम्हा राव से संपर्क किया. नरसिम्हा राव ने अस्पताल निर्माण के मुद्दे को कोलुसु पार्थसारथी के ध्यान में लाया, जो उस समय विधायक थे. उनकी मदद से विजयलक्ष्मी को अस्पताल के निर्माण के लिए यानमालाकुदरु ग्राम सचिवालय के परिसर में खाली जमीन आवंटित हो गई.

इतना ही नहीं अस्पताल को चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग की ओर से मंजूरी भी मिल गई है. एक साल पहले इस अस्पताल की आधारशिला रखी गई थी और अब इसका निर्माण पूरा हो गया. स्वास्थ्य मंत्री सत्यकुमार यादव और विधायक बोडे प्रसाद ने औपचारिक रूप से अस्पताल का उद्घाटन कर दिया.

विजयलक्ष्मी ने अस्पताल निर्माण के लिए साढ़े चार करोड़ रुपये दान किए. विजयलक्ष्मी कहती हैं कि बेटों के साथ पति की महत्वाकांक्षा पूरी कर उन्हें खुशी हो रही है. वहीं, विजयलक्ष्मी के बेटे और टायो डिजिटल के सीईओ वेलागपुडी राजकुमार ने कहा कि वेलागपुडी ट्रस्ट के माध्यम से शिक्षा और चिकित्सा के लिए कई सेवा कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं.

यह भी पढ़ें- हर्बल टी का हब बनेगा उत्तराखंड, टिहरी की प्रियंका ने तैयार किए 105 तरह की चाय के फार्मूले, जापान से मिला ऑर्डर

अमरावती: आंध्र प्रदेश की रहने वाली वेलागपुड़ी विजयलक्ष्मी ने कृष्णा जिले के यानमालकुदरु में एक अस्पताल को साढ़े चार करोड़ रुपये दान दिए. विजयलक्षमी सालों पहले अपने पति के साथ विजयवाड़ा में आकर बस गई थीं. उनके पति उमामहेश्वर राव पेशे से इलेक्ट्रीशियन थे.

उमामहेश्वर राव की विजयवाड़ा और आसपास के इलाके में अच्छी प्रतिष्ठा थी. वह इस बात से से परेशान थे कि जहां वे पैदा हुए. पढ़े-लिखे वहां कोई अच्छा अस्पताल नहीं हैं. इसकी वजह से लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. उमामहेश्वर राव का सपना अपने गांव के लिए कुछ अच्छा करने का था.

साढ़ चार करोड़ रुपये किए दान
हालांकि, उस सपने को पूरा करने से पहले ही वे इस दुनिया से चले गए. उमामहेश्वर राव की मौत के बाद उनकी पत्नी ने विजयलक्ष्मी ने उनका सपना पूरा करने की ठान ली. इस सपने को पूरा करने के लिए विजयलक्ष्मी ने कई सेवा कार्यक्रम शुरू किए. इतना ही नहीं अब उन्होंने 4 करोड़ 50 लाख रुपये का दान देकर गरीबों के लिए चिकित्सा सेवा का इंतेजाम भी कर दिया.

विजयलक्ष्मी ने बताया कि राव हमेशा सोचते थे कि उनके पैतृक गांव में उचित चिकित्सा सेवाएं नहीं हैं और लोगों की मदद के लिए वहां एक अस्पताल बनाया जाना चाहिए. कुछ समय बाद उन्होंने काम से छुट्टी ले ली, तब तक उनके बच्चे पढ़-लिखकर अमेरिका में बस गए थे. यह अस्पताल बनाने के विचार को अमल में लाने का यह सही समय था, तभी दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई.

बेटों की मदद से अस्पताल निर्माण का काम किया शुरू
पति की मृत्यु के कारण विजयलक्ष्मी उदास हो गई और अब वह हर हाल में अपने पति की महत्वाकांक्षा को पूरा करना चाहती थीं. विजयलक्ष्मी ने अपने पति की महत्वाकांक्षा को अपने बेटों के साथ शेयर किया. इसके बाद विजयलक्षमी को अपने बेटों का साथ भी मिल गया.

उन्होंने दो महीने के भीतर वेलागापुडी ट्रस्ट की शुरुआत की और यानमालकुदरु में अस्पताल के निर्माण को आगे बढ़ाया, लेकिन पहली समस्या अस्पताल के निर्माण स्थल को लेकर आई. दरअसल, विजयवाड़ा के पास यानमालकुदरु में जमीन की कीमत कम से कम 20 लाख रुपये थी. वह तमाम कोशिशों के बावजूद जमीन नहीं खरीद सके.

पूर्व विधायक ने की मदद
इसके बाद उन्होंने मामले को लेकर अपने पति के मित्र नरसिम्हा राव से संपर्क किया. नरसिम्हा राव ने अस्पताल निर्माण के मुद्दे को कोलुसु पार्थसारथी के ध्यान में लाया, जो उस समय विधायक थे. उनकी मदद से विजयलक्ष्मी को अस्पताल के निर्माण के लिए यानमालाकुदरु ग्राम सचिवालय के परिसर में खाली जमीन आवंटित हो गई.

इतना ही नहीं अस्पताल को चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग की ओर से मंजूरी भी मिल गई है. एक साल पहले इस अस्पताल की आधारशिला रखी गई थी और अब इसका निर्माण पूरा हो गया. स्वास्थ्य मंत्री सत्यकुमार यादव और विधायक बोडे प्रसाद ने औपचारिक रूप से अस्पताल का उद्घाटन कर दिया.

विजयलक्ष्मी ने अस्पताल निर्माण के लिए साढ़े चार करोड़ रुपये दान किए. विजयलक्ष्मी कहती हैं कि बेटों के साथ पति की महत्वाकांक्षा पूरी कर उन्हें खुशी हो रही है. वहीं, विजयलक्ष्मी के बेटे और टायो डिजिटल के सीईओ वेलागपुडी राजकुमार ने कहा कि वेलागपुडी ट्रस्ट के माध्यम से शिक्षा और चिकित्सा के लिए कई सेवा कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं.

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