नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र 2024 की शुरुआत 25 नवंबर को हुई. तब से लेकर सदन की कार्यवाही काफी हंगामेदार रही है. आज सोमवार को भी विपक्षी दलों ने सदन के बाहर और अंदर हंगामा किया. विपक्षी दल लगातार अडाणी मुद्दे पर चर्चा की मांग को लेकर सरकार पर हमला बोल रहे हैं.
इससे पहले संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले कहा कि देश के समक्ष कुछ मुद्दों को 'राजनीतिक चश्मे' से नहीं देखा जाना चाहिए और उन्होंने कांग्रेस पार्टी और उनके कार्यकर्ताओं से 'भारत विरोधी ताकतों' के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने का आग्रह किया. उन्होंने जॉर्ज सोरोस और सोनिया गांधी के संबंधों पर कहा कि यह मामला प्रकाश में आया है, हम इसे कांग्रेस पार्टी, राहुल गांधी से संबंधित मुद्दे और दलीय राजनीति के तौर पर नहीं देखते हैं. अगर यह भारत विरोधी ताकतों से जुड़ा है, तो हमें इसे गंभीरता से लेना चाहिए.
#WATCH | Delhi | Union Minister of Parliamentary Affairs Kiren Rijiju says, " ...regarding the george soros issue, the reports that have come out in public domain - the charges are serious. be it a member of parliament or a common man, everyone should work for the country. we… pic.twitter.com/2gwhfKHGsJ
— ANI (@ANI) December 9, 2024
किरेन रिजिजू ने आगे कहा कि कांग्रेस और अन्य दलों से कहा गया है कि हम 13 और 14 दिसंबर (लोकसभा में) और 16 और 17 दिसंबर (राज्यसभा में) को संविधान पर चर्चा करेंगे. उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस पार्टी के नेताओं और उनके कार्यकर्ताओं से अपील करना चाहता हूं कि अगर उनके नेताओं के भी भारत विरोधी ताकतों से संबंध पाए जाते हैं, तो उन्हें भी अपनी आवाज उठानी चाहिए और हमें एकजुट होकर भारत विरोधी ताकतों के खिलाफ लड़ना चाहिए.
जॉर्ज सोरोस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए किरेन रिजिजू ने कहा कि रिपोर्ट सार्वजनिक हो गई है और आरोप 'गंभीर' हैं. उन्होंने कहा चाहे वह संसद सदस्य हो या आम आदमी, सभी को देश के लिए काम करना चाहिए. हम एकजुट होने और भारत विरोधी ताकतों के खिलाफ लड़ने की अपील करते हैं. इंडिया ब्लॉक के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि गठबंधन के सदस्यों ने राहुल गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठाए हैं.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी गठबंधन में जो कुछ चल रहा है, हम उसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहते और न ही हमारा ऐसा कोई इरादा है. हालांकि, मैंने सुना है कि इंडिया गठबंधन के दलों ने राहुल गांधी के नेतृत्व को लेकर सवाल उठाए हैं. इससे पहले 7 दिसंबर को एनसीपी (एससीपी) शरद पवार ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की नेतृत्व क्षमता को स्वीकार किया था और एक राष्ट्रीय नेता के रूप में उनकी प्रमुखता और संसद में उनकी पार्टी के प्रतिनिधियों की क्षमता पर जोर दिया था.
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