चेन्नई : विक्रवांडी विधानसभा उपचुनाव में अन्नाद्रमुक की मजबूत उपस्थिति है. 10 जुलाई को होने वाले चुनाव में वह कठिन दावेदार बन सकती है. हालांकि भाजपा की सहयोगी पीएमके और सत्तारूढ़ द्रमुक की भरोसेमंद सहयोगी, वीसीके, अन्नाद्रमुक की जीत की संभावनाओं को बिगाड़ सकती हैं.
वामपंथी दल द्रमुक के साथ गठबंधन में हैं. उनकी भी निर्वाचन क्षेत्र में उल्लेखनीय उपस्थिति है. चुनावी मैदान में अकेले रहना एआईएडीएमके के लिए फायदेमंद नहीं हो सकता है.
यह देखना बाकी है कि क्या एआईएडीएमके डीएमके से मुकाबला करने की घोषणा करेगी या 2026 के विधानसभा चुनावों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए अनुपस्थित रहना पसंद करेगी. उपचुनाव का फैसला परंपरागत रूप से सत्तारूढ़ सरकार के पक्ष में रहा है. ऐसे में डीएमके के लिए यह सीट जीतना टेढ़ी खीर साबित हो सकता है. पड़ोसी विल्लुपुरम जिले में विक्रवांडी विधानसभा क्षेत्र पांच दक्षिणी राज्यों का एकमात्र निर्वाचन क्षेत्र है, जहां 10 जुलाई को मतदान होगा.
इसलिए हो रहा उपचुनाव : इस साल अप्रैल में द्रमुक विधायक एन पुगाझेंथी के निधन के बाद उपचुनाव जरूरी हो गया था. 2021 के चुनाव में उन्होंने इस सीट से एआईएडीएमके के आर मुथामिलसेल्वन को हराकर जीत हासिल की थी.
अभी तक हुई जीत-हार : इस निर्वाचन क्षेत्र का गठन 2007 में परिसीमन के दौरान किया गया था. सीपीआई (एम) के उम्मीदवार आर राममूर्ति ने 2011 के चुनावों में जीत हासिल की और डीएमके के के. रथमणि ने 2016 में विजेता के रूप में घर वापसी की. एआईएडीएमके के आर मुथामिलसेल्वन ने 2019 के चुनावों में जीत दर्ज की, लेकिन 2021 में डीएमके से हार गए.
कांग्रेस के एक सूत्र के मुताबिक, पार्टी दावा नहीं करेगी क्योंकि सीट डीएमके ने जीती है. उन्होंने कहा कि 'स्वाभाविक रूप से डीएमके को यहां से चुनाव लड़ना चाहिए, जैसे कांग्रेस ने विलावनकोड विधानसभा उपचुनाव लड़ा और जीता, जो लोकसभा चुनाव के साथ हुआ था.'
लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस नेता एस विजयधरानी के भाजपा में जाने के बावजूद, सबसे पुरानी पार्टी ने विलावनकोड को बरकरार रखा और साबित कर दिया कि यह सीट उसका गढ़ है.
कांग्रेस उम्मीदवार थरहाई कथबर्ट ने बीजेपी के वीएस नंथिनी को हराया और 40,170 वोटों के अंतर से जीत हासिल की. कथबर्ट को 91,054 वोट मिले. DMK ने 2021 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी, जिससे AIADMK शासन के एक दशक का अंत हो गया. बात लोकसभा चुनाव की करें तो AIADMK और भाजपा की हार हुई. अब उसे विक्रवांडी को जीतने का भरोसा है.