कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में पोस्ट ग्रेजुएट ट्रेनी मेडिकल छात्रा का रेप और हत्या के बाद 9 अगस्त को डॉक्टर के परिवार के सदस्यों से बात की थी. इस दौरान उन्होंनें पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए उन्हें सीसीटीवी फुटेज मुहैया कराई थी.
विधानसभा में बोलते हुए बनर्जी ने कहा, "मैंने उसी दिन पीड़िता के माता-पिता से बात की थी जिस दिन यह घटना हुई थी. उनके घर जाने से पहले, उन्हें पारदर्शिता के लिए सभी ऑडियो, वीडियो और सीसीटीवी फुटेज दिए गए थे. मैंने इसमें शामिल सभी लोगों को गिरफ्तार करने के लिए रविवार तक का समय मांगा और उन्हें आश्वासन दिया कि अगर हम असफल रहे, तो मैं सोमवार को मामला सीबीआई को सौंप दूंगी."
बनर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल पुलिस ने 12 घंटे के भीतर मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया, जिसके बाद उन्होंने उन्हें फास्ट-ट्रैक कोर्ट में जाने और मौत की सजा की मांग करने का निर्देश दिया. हालांकि, बाद में मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया गया. उन्होंने कहा, "अब हम सीबीआई से न्याय मांग रहे हैं और मौत की सजा की मांग कर रहे हैं."
पीएम मोदी और अमित शाह से की बड़ी मांग
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उन सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के इस्तीफे की भी मांग की, जहां हाल ही में रेप और यौन शोषण की घटनाएं सामने आई हैं. उन्होंने इन राज्यों पर महिलाओं की सुरक्षा के लिए प्रभावी कानून लागू करने में कथित रूप से विफल रहने का आरोप लगाया.
बता दें कि ममता बनर्जी अपराजिता महिला और बाल विधेयक (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून एवं संशोधन) विधेयक 2024 को सदन में पेश करने के बाद बोल रही थीं. उन्होंने कहा कि विधेयक का उद्देश्य त्वरित जांच, त्वरित न्याय और दोषियों को कड़ी सजा देना है.
एंटी रेप बिल के प्रावधान क्या हैं?
इस विधेयक में रेप के दोषी व्यक्तियों पर मृत्युदंड लगाने का प्रावधान है. इसमें दोषी अभियुक्तों के लिए पैरोल के बिना आजीवन कारावास की भी मांग की गई है. इस विधेयक में भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम 2012 में संशोधन करने का भी प्रस्ताव है.
इसमें जांच और अभियोजन प्रक्रिया में बड़े बदलाव लाने की भी योजना है. इसके लिए आवश्यक है कि बलात्कार के मामलों की जांच प्रारंभिक रिपोर्ट के 21 दिनों के भीतर पूरी हो जाए. इससे पहले पहले समय सीमा दो महीने की थी.
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