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जम्मू-कश्मीर: फारूक, उमर या कविंदर गुप्ता जानें कौन होगा अगला मुख्यमंत्री, नतीजों का इंतजार

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 का नतीजा का राष्ट्रीय राजनीतिक दलों के लिए महत्वपूर्ण है. वहीं सीएम पद को लेकर अटकलें लगाई जा रही है.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : 4 hours ago

ELECTION RESULTS 2024
जम्मू-कश्मीर में कौन बनेगा अगला मुख्यमंत्री (प्रतीकात्मक फोटो) (ETV Bharat)

श्रीनगर: जम्मू- कश्मीर विधानसभा चुनाव प्रक्रिया अपने समापन की ओर बढ़ रहा है. शुरुआती रुझानों में नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) की संभावित जीत की ओर इशारा कर रहा है. इसमें भारतीय जनता पार्टी (BJP) 23 सीटों पर और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) आठ सीटों पर आगे चल रही है. इस बीच, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) तीन सीटों पर आगे चल रही है. हालांकि ये संख्याएं बताती हैं कि एनसी और कांग्रेस से मिलकर बना इंडिया ब्लॉक 90 सदस्यीय विधानसभा में 46 सीटों के जादुई आंकड़े को आसानी से पार करने की ओर अग्रसर है, लेकिन अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इस सवाल का जवाब अभी नहीं आया है.

एनसी को बढ़त मिलने के बावजूद किसी भी प्रमुख राजनीतिक दल ने अपने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है. यहां तक ​​कि एनसी और पीडीपी जैसे ताकतवर दलों के नेता पहले सीएम पद पर रह चुके हैं. हालांकि इन दलों ने भी मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई खुलासा नहीं किया है.

नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सतर्कता से जवाब दिया. उन्होंने कहा कि आज मतगणना जारी है और हमें उम्मीद है कि हम विजयी होंगे. आगे कहा कि मुझे शुरुआती रुझानों पर भरोसा नहीं है, आपको याद होगा कि लोकसभा चुनाव के दौरान क्या हुआ था. मैं पहले आगे चल रहा था, फिर हार गया.

उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हमने बेहतर परिणाम प्राप्त करने की उम्मीद के साथ यह गठबंधन बनाया है. मतगणना पूरी होने दें और परिणाम आने के बाद पार्टियां एक साथ बैठेंगी और अपनी आगे की रणनीति तय करेंगी. कांग्रेस और पीडीपी प्रतिनिधियों ने भी इसी बात को दोहराया तथा कहा कि अगले मुख्यमंत्री के बारे में कोई भी निश्चित टिप्पणी करना अभी जल्दबाजी होगी.

बता दें कि जम्मू-कश्मीर का राजनीतिक परिदृश्य हमेशा से ही अप्रत्याशित रहा है. 2014 के चुनावों में भाजपा ने पीडीपी के साथ गठबंधन सरकार बनाई थी. 2008 में कांग्रेस के समर्थन से एनसी सत्ता में आई और 2002 में कांग्रेस-पीडीपी गठबंधन ने सरकार का नेतृत्व किया. रुझानों के अनुसार पीडीपी इस बार किंगमेकर की भूमिका नहीं निभा सकती, भले ही उसने अलग-अलग समय पर कांग्रेस और भाजपा दोनों का समर्थन किया हो.

यहां तक ​​कि भाजपा भी शीर्ष पद के लिए अपने उम्मीदवार का नाम बताने में हिचकिचा रही है. पूर्व उपमुख्यमंत्री कविंदर गुप्ता और निर्मल सिंह जैसे प्रमुख नेताओं के साथ-साथ लंबे समय से प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र रैना के होने के बावजूद पार्टी ने अपने विकल्प खुले रखे हैं. जबकि उमर अब्दुल्ला एनसी से संभावित दावेदार बने हुए हैं, पार्टी ने आधिकारिक तौर पर उन्हें मुख्यमंत्री पद के लिए अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है.

ये भी पढ़ें-जम्मू कश्मीर के मतगणना रुझानों में इंडिया गठबंधन को बहुमत, मतगणना जारी, जम्मू-कश्मीर भाजपा प्रमुख रविंदर रैना पीछे

श्रीनगर: जम्मू- कश्मीर विधानसभा चुनाव प्रक्रिया अपने समापन की ओर बढ़ रहा है. शुरुआती रुझानों में नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) की संभावित जीत की ओर इशारा कर रहा है. इसमें भारतीय जनता पार्टी (BJP) 23 सीटों पर और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) आठ सीटों पर आगे चल रही है. इस बीच, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) तीन सीटों पर आगे चल रही है. हालांकि ये संख्याएं बताती हैं कि एनसी और कांग्रेस से मिलकर बना इंडिया ब्लॉक 90 सदस्यीय विधानसभा में 46 सीटों के जादुई आंकड़े को आसानी से पार करने की ओर अग्रसर है, लेकिन अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इस सवाल का जवाब अभी नहीं आया है.

एनसी को बढ़त मिलने के बावजूद किसी भी प्रमुख राजनीतिक दल ने अपने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है. यहां तक ​​कि एनसी और पीडीपी जैसे ताकतवर दलों के नेता पहले सीएम पद पर रह चुके हैं. हालांकि इन दलों ने भी मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई खुलासा नहीं किया है.

नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सतर्कता से जवाब दिया. उन्होंने कहा कि आज मतगणना जारी है और हमें उम्मीद है कि हम विजयी होंगे. आगे कहा कि मुझे शुरुआती रुझानों पर भरोसा नहीं है, आपको याद होगा कि लोकसभा चुनाव के दौरान क्या हुआ था. मैं पहले आगे चल रहा था, फिर हार गया.

उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हमने बेहतर परिणाम प्राप्त करने की उम्मीद के साथ यह गठबंधन बनाया है. मतगणना पूरी होने दें और परिणाम आने के बाद पार्टियां एक साथ बैठेंगी और अपनी आगे की रणनीति तय करेंगी. कांग्रेस और पीडीपी प्रतिनिधियों ने भी इसी बात को दोहराया तथा कहा कि अगले मुख्यमंत्री के बारे में कोई भी निश्चित टिप्पणी करना अभी जल्दबाजी होगी.

बता दें कि जम्मू-कश्मीर का राजनीतिक परिदृश्य हमेशा से ही अप्रत्याशित रहा है. 2014 के चुनावों में भाजपा ने पीडीपी के साथ गठबंधन सरकार बनाई थी. 2008 में कांग्रेस के समर्थन से एनसी सत्ता में आई और 2002 में कांग्रेस-पीडीपी गठबंधन ने सरकार का नेतृत्व किया. रुझानों के अनुसार पीडीपी इस बार किंगमेकर की भूमिका नहीं निभा सकती, भले ही उसने अलग-अलग समय पर कांग्रेस और भाजपा दोनों का समर्थन किया हो.

यहां तक ​​कि भाजपा भी शीर्ष पद के लिए अपने उम्मीदवार का नाम बताने में हिचकिचा रही है. पूर्व उपमुख्यमंत्री कविंदर गुप्ता और निर्मल सिंह जैसे प्रमुख नेताओं के साथ-साथ लंबे समय से प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र रैना के होने के बावजूद पार्टी ने अपने विकल्प खुले रखे हैं. जबकि उमर अब्दुल्ला एनसी से संभावित दावेदार बने हुए हैं, पार्टी ने आधिकारिक तौर पर उन्हें मुख्यमंत्री पद के लिए अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है.

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