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महाराष्ट्र में 'असली कौन'! 83 सीटों पर दो शिवसेना और दो NCP के बीच  होगी कड़ी टक्कर..... - MAHARASHTRA ASSEMBLY ELECTION 2024

महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने अपनी पार्टियों को अलग कर लिया, जिसके बाद दो शिवसेना और दो एनसीपी पार्टियां बन गईं. अब असली शिवसेना और असली एनसीपी कौन है, को चुनावी लेकर जंग जारी है....

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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कांटे की टक्कर (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 2, 2024, 9:03 PM IST

Updated : Nov 2, 2024, 9:12 PM IST

मुंबई: महाराष्ट्र की 83 सीटों पर दो शिवसेना और दो एनसीपी के बीच सीधा मुकाबला है. राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार में जहां सभी राजनीतिक दलों ने मोर्चा संभाल लिया है, वहीं असली लड़ाई भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति और कांग्रेस के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी के बीच है.

राज्य में एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने अपनी पार्टियों को अलग कर लिया, जिसके बाद दो शिवसेना और दो एनसीपी पार्टियां बन गईं. इसके बाद असली शिवसेना और असली एनसीपी कौन है? यह लड़ाई लोकसभा चुनाव में देखने को मिली थी. इसका फायदा महाविकास अघाड़ी को लोकसभा चुनाव में मिला था. अब चूंकि विधानसभा चुनाव है, तो विभाजनकारी विधायकों की असली परीक्षा होगी.

राज्य की 288 विधानसभा सीटों में से 47 सीटों पर शिवसेना बनाम शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और 36 सीटों पर एनसीपी बनाम एनसीपी (शरद चंद्र पवार) मुकाबला है. राज्य में सत्ता का समीकरण काफी हद तक इन सीटों पर निर्भर करता है और ऐसे संकेत हैं कि इन सीटों पर जो जीतेगा वह सत्ता के करीब होगा.

कोंकण में 18 सीटों पर लड़ेंगे शिवसैनिक
15वीं विधानसभा के लिए 20 नवंबर को चुनाव हो रहे हैं और इसके लिए अब कुछ ही दिन शेष बचे हैं. राज्य में पहली बार दो शिवसेना और दो एनसीपी विधानसभा के लिए एक दूसरे से भिड़ रही हैं. यह तस्वीर लोकसभा चुनाव में भी देखने को मिली थी. लेकिन तब राजनीतिक समीकरण अलग थे. अब चुनाव की दिलचस्पी बढ़ गई है क्योंकि एक तरफ पार्टी के प्रति वफादार विधायक और एक दूसरे से बगावत करने वाले विधायक इस चुनाव में एक दूसरे के खिलाफ खड़े हैं. राज्य के 47 विधानसभा क्षेत्रों में शिवसेना बनाम शिवसेना (यूबीटी) और 36 विधानसभा क्षेत्रों में एनसीपी बनाम एनसीपी कांग्रेस (एसपी) का मुकाबला होगा.

हालांकि, इन सीटों पर दोनों पार्टियों की ओर से पूरी ताकत लगाई गई. दोनों शिवसेना की तरफ से लड़ी गई कुल 47 सीटों में से 16 मुंबई संभाग में, 18 कोंकण संभाग में, 7 मराठवाड़ा संभाग में और शेष सीटें पश्चिम और उत्तर महाराष्ट्र और विदर्भ में हैं.

शरद पवार के 15 उम्मीदवार चुनावी अखाड़े में
दोनों शिवसेना की तरह दोनों एनसीपी में भी 36 सीटों पर सीधी टक्कर होगी. अजित पवार की एनसीपी बनाम शरद पवार की एनसीपी आमने-सामने होगी. अजित पवार ने अपने मौजूदा 35 विधायकों को विधानसभा के अखाड़े में उतारा है. शरद पवार ने उन 15 विधायकों को भी उम्मीदवार बनाया है जो अजित पवार की बगावत के बाद मजबूती से उनके साथ खड़े रहे. बारामती विधानसभा क्षेत्र में चाचा अजित पवार का मुकाबला भतीजे युगेंद्र पवार से है.

लोकसभा चुनाव में भी यही लड़ाई सुनेत्रा पवार और सुप्रिया सुले के बीच लड़ी गई थी इस वर्ष पश्चिमी महाराष्ट्र की अधिकांश सीटों पर अजित पवार की पार्टी के उम्मीदवारों को इस चुनाव की लड़ाई में शरद पवार की पार्टी के उम्मीदवारों से जूझना पड़ेगा.

दोनों शिवसेना के लिए अस्तित्व की और निर्णायक लड़ाई
माहिम, बायकुला, मगथने, कुर्ला, जोगेश्वरी पूर्व, अंधेरी पूर्व, विक्रोली, चेंबूर, डिंडोशी, भांडुप, शिवड़ी, भिवंडी ग्रामीण, कल्याण ग्रामीण, कल्याण पश्चिम, अंबरनाथ, ओवला माजीवाड़ा विधानसभा क्षेत्रों में दोनों शिवसेना के बीच सीधी टक्कर हो रही है. लोकसभा चुनाव में महागठबंधन की हार के बाद एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने इससे सबक लिया है और विधानसभा के लिए अलग-अलग रणनीति बनाई है.

ऐसे में उद्धव ठाकरे बनाम एकनाथ शिंदे और शरद पवार बनाम अजित पवार की लड़ाई उनके लिए बहुत निर्णायक और अस्तित्व बचाने वाली होगी. 'ईटीवी भारत' से बात करते हुए एकनाथ शिंदे की शिवसेना के प्रवक्ता वकील वैजनाथ वाघमारे ने कहा, 'असली शिवसेना एकनाथ शिंदे की है. भले ही हम लोकसभा चुनाव में थोड़ा पीछे हैं, लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं है कि विधानसभा चुनाव में हमारी जोरदार जीत होगी. उन्होंने कहा कि, सीटों के आवंटन का फॉर्मूला बदलकर ही अजित पवार सत्ता में आए हैं.

ये भी पढ़ें: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: क्या नामांकन वापस लेंगे कांग्रेस के बागी उम्मीदवार? नेताओं को मनाने की कवायद तेज

मुंबई: महाराष्ट्र की 83 सीटों पर दो शिवसेना और दो एनसीपी के बीच सीधा मुकाबला है. राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार में जहां सभी राजनीतिक दलों ने मोर्चा संभाल लिया है, वहीं असली लड़ाई भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति और कांग्रेस के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी के बीच है.

राज्य में एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने अपनी पार्टियों को अलग कर लिया, जिसके बाद दो शिवसेना और दो एनसीपी पार्टियां बन गईं. इसके बाद असली शिवसेना और असली एनसीपी कौन है? यह लड़ाई लोकसभा चुनाव में देखने को मिली थी. इसका फायदा महाविकास अघाड़ी को लोकसभा चुनाव में मिला था. अब चूंकि विधानसभा चुनाव है, तो विभाजनकारी विधायकों की असली परीक्षा होगी.

राज्य की 288 विधानसभा सीटों में से 47 सीटों पर शिवसेना बनाम शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और 36 सीटों पर एनसीपी बनाम एनसीपी (शरद चंद्र पवार) मुकाबला है. राज्य में सत्ता का समीकरण काफी हद तक इन सीटों पर निर्भर करता है और ऐसे संकेत हैं कि इन सीटों पर जो जीतेगा वह सत्ता के करीब होगा.

कोंकण में 18 सीटों पर लड़ेंगे शिवसैनिक
15वीं विधानसभा के लिए 20 नवंबर को चुनाव हो रहे हैं और इसके लिए अब कुछ ही दिन शेष बचे हैं. राज्य में पहली बार दो शिवसेना और दो एनसीपी विधानसभा के लिए एक दूसरे से भिड़ रही हैं. यह तस्वीर लोकसभा चुनाव में भी देखने को मिली थी. लेकिन तब राजनीतिक समीकरण अलग थे. अब चुनाव की दिलचस्पी बढ़ गई है क्योंकि एक तरफ पार्टी के प्रति वफादार विधायक और एक दूसरे से बगावत करने वाले विधायक इस चुनाव में एक दूसरे के खिलाफ खड़े हैं. राज्य के 47 विधानसभा क्षेत्रों में शिवसेना बनाम शिवसेना (यूबीटी) और 36 विधानसभा क्षेत्रों में एनसीपी बनाम एनसीपी कांग्रेस (एसपी) का मुकाबला होगा.

हालांकि, इन सीटों पर दोनों पार्टियों की ओर से पूरी ताकत लगाई गई. दोनों शिवसेना की तरफ से लड़ी गई कुल 47 सीटों में से 16 मुंबई संभाग में, 18 कोंकण संभाग में, 7 मराठवाड़ा संभाग में और शेष सीटें पश्चिम और उत्तर महाराष्ट्र और विदर्भ में हैं.

शरद पवार के 15 उम्मीदवार चुनावी अखाड़े में
दोनों शिवसेना की तरह दोनों एनसीपी में भी 36 सीटों पर सीधी टक्कर होगी. अजित पवार की एनसीपी बनाम शरद पवार की एनसीपी आमने-सामने होगी. अजित पवार ने अपने मौजूदा 35 विधायकों को विधानसभा के अखाड़े में उतारा है. शरद पवार ने उन 15 विधायकों को भी उम्मीदवार बनाया है जो अजित पवार की बगावत के बाद मजबूती से उनके साथ खड़े रहे. बारामती विधानसभा क्षेत्र में चाचा अजित पवार का मुकाबला भतीजे युगेंद्र पवार से है.

लोकसभा चुनाव में भी यही लड़ाई सुनेत्रा पवार और सुप्रिया सुले के बीच लड़ी गई थी इस वर्ष पश्चिमी महाराष्ट्र की अधिकांश सीटों पर अजित पवार की पार्टी के उम्मीदवारों को इस चुनाव की लड़ाई में शरद पवार की पार्टी के उम्मीदवारों से जूझना पड़ेगा.

दोनों शिवसेना के लिए अस्तित्व की और निर्णायक लड़ाई
माहिम, बायकुला, मगथने, कुर्ला, जोगेश्वरी पूर्व, अंधेरी पूर्व, विक्रोली, चेंबूर, डिंडोशी, भांडुप, शिवड़ी, भिवंडी ग्रामीण, कल्याण ग्रामीण, कल्याण पश्चिम, अंबरनाथ, ओवला माजीवाड़ा विधानसभा क्षेत्रों में दोनों शिवसेना के बीच सीधी टक्कर हो रही है. लोकसभा चुनाव में महागठबंधन की हार के बाद एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने इससे सबक लिया है और विधानसभा के लिए अलग-अलग रणनीति बनाई है.

ऐसे में उद्धव ठाकरे बनाम एकनाथ शिंदे और शरद पवार बनाम अजित पवार की लड़ाई उनके लिए बहुत निर्णायक और अस्तित्व बचाने वाली होगी. 'ईटीवी भारत' से बात करते हुए एकनाथ शिंदे की शिवसेना के प्रवक्ता वकील वैजनाथ वाघमारे ने कहा, 'असली शिवसेना एकनाथ शिंदे की है. भले ही हम लोकसभा चुनाव में थोड़ा पीछे हैं, लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं है कि विधानसभा चुनाव में हमारी जोरदार जीत होगी. उन्होंने कहा कि, सीटों के आवंटन का फॉर्मूला बदलकर ही अजित पवार सत्ता में आए हैं.

ये भी पढ़ें: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: क्या नामांकन वापस लेंगे कांग्रेस के बागी उम्मीदवार? नेताओं को मनाने की कवायद तेज

Last Updated : Nov 2, 2024, 9:12 PM IST
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