हैदराबाद: महाराष्ट्र कैडर की प्रोबेशनरी IAS अधिकारी पूजा खेडकर का फेक सर्टिफिकेट विवाद काफी समय से चल रहा है. मामला सामने आने के बाद उत्तराखंड के मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एडमिनिस्ट्रेशन एकेडमी ने पूजा खेडकर का महाराष्ट्र में ट्रेनिंग प्रोग्राम भी रद्द कर दिया है, जो पुणे कलेक्टर ऑफिस में तैनात थीं.
इतना ही नहीं संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने पूजा खेडकर के खिलाफ केस भी दर्ज करवाया. हालांकि, अभी भी यह सवाल बना हुआ है कि क्या उनकी नौकरी खत्म की जाएगी और अगर हां तो कौन उनकी नौकरी छीन सकता है. साथ ही सवाल यह भी है कि क्या UPSC किसी आईएएस, आईपीएस, आईएफएस या आईआरएस ऑफिसर की नौकरी खत्म कर सकता है. तो चलिए आपको बताते हैं कि क्या पूजा खेडकर की नौकरी जाएगी या नहीं.
UPSC की परीक्षा देश की कठिन परीक्षाओं में शामिल है. हर साल लाखों कैंडिडेट्स सिविल सेवा के लिए परीक्षा देते हैं, जो लोग एग्जाम पास करके आईएएस बनते हैं, उन्हें जिले के सभी विभागों की जिम्मेदारी दी जाती है. ऐसे में अगर कोई आईएएस कोई गड़बड़ी करता हुआ पाया जाता है तो उसे पद से आसानी से नहीं हटाया जाता है.
हालांकि, अगर कोई अधिकारी इस तरह की गतिविधियों में लिप्त पाया जाता है, जिससे जनता का नुकसान हो रहा है या वह इस तरह की एक्टिविटीज कर रहा हो जो उसकी अपनी नौकरी के मूल्यों के खिलाफ हैं तो उसकी नौकरी खत्म की जा सकती है, लेकिन इसका अधिकार सिर्फ एक व्यक्ति के पास है.
अनुच्छेद 311 में नौकरी खत्म करने का प्रावधान
IAS अधिकारी की नौकरी खत्म करने से संबंधित नियम संविधान के अनुच्छेद 311 में मौजूद हैं. संविधान के अनुच्छेद 311 (2) के तहत अगर किसी आईएएस अधिकारी को अपराध में दोषी ठहराया जाता है तो उसकी रैंक कम की जा सकती है, साथ ही उसकी नौकरी भी खत्म की जा सकती है.
क्या कहता है अनुच्छेद 310
वहीं, अनुच्छेद 310 के अनुसार आईएएस अधिकारी को नौकरी से निकालने का अधिकार सिर्फ भारत के राष्ट्रपति को दिया गया है न कि UPSC को या सरकार को. किसी भी आईएएस, आईपीएस, आईएफएस या आईआरएस ऑफिसर को सिर्फ राष्ट्रपति ही नौकरी से निकाल सकता है. यहां तक कि केंद्र या राज्य सरकारें भी किसी अधिकारी को बर्खास्त नहीं कर सकती हैं.
राज्य सरकारों के पास आईएएस ऑफिसर को नौकरी से निकालने का अधिकार नहीं है, लेकिन वह उसे सस्पेंड कर सकती हैं. अगर राज्य सरकारें किसी आईएएस अधिकारी को सस्पेंड कर भी देती हैं तो उसे 48 घंटे के अंदर कैडर कंट्रोल अथॉरिटी को जानकारी देनी होगी.
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